नवाचार, सामाजिक प्रभाव और समावेशी विकास को बढ़ावा देने वाले स्टार्टअप होंगे सम्मानित.. करें आवेदन
नईदिल्ली। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने स्टार्टअप इंडिया कार्यक्रम के तहत एक प्रमुख पहल, राष्ट्रीय स्टार्टअप पुरस्कार (एनएसए) के पांचवें संस्करण के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। सरकार के आत्मनिर्भर भारत के विजन और पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य के अनुरूप स्टार्टअप इंडिया, स्टार्टअप को मान्यता, कर छूट, नियामक संबंधी सुगमता, वित्त पोषण तक पहुंच और क्षमता निर्माण जैसी पहलों के माध्यम से स्टार्टअप की मदद करता है।
उच्च-प्रभाव वाले उद्यमों का उत्सव मनाने और उन्हें स्पॉटलाइट में लाने के लिए, डीपीआईआईटी ने 2019 में राष्ट्रीय स्टार्टअप पुरस्कारों की शुरुआत की। ये पुरस्कार न केवल व्यावसायिक सफलता, बल्कि सामाजिक प्रभाव, स्थिरता और विस्तार को भी मान्यता देते हैं। इसके नवीनतम संस्करण में 2,300 से ज़्यादा आवेदन प्राप्त हुए, जो इस पहल की बढ़ती पहुंच और प्रतिष्ठा को दर्शाता है।
राष्ट्रीय स्टार्टअप पुरस्कार (एनएसए) में आवेदन करने वाले स्टार्टअप का मूल्यांकन एक कड़ी बहु-चरणीय प्रक्रिया के माध्यम से किया जाता है, जिसमें पात्रता की जांच, क्षेत्र-वार चयन और उद्योग जगत के दिग्गजों, निवेशकों, शिक्षाविदों और सरकारी अधिकारियों से लैस विशेषज्ञ पैनल द्वारा मूल्यांकन शामिल होता है। डीपीआईआईटी संबंधित मंत्रालयों और विभागों की सक्रिय भागीदारी के साथ क्रियान्वयन का नेतृत्व करता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि विजेता राष्ट्रीय प्राथमिकताओं और क्षेत्र-वार विविधता को दर्शाते हैं।
एनएसए कृषि, स्वच्छ ऊर्जा, वित्तीय प्रौद्योगिकी, एयरोस्पेस, स्वास्थ्य, शिक्षा, साइबर सुरक्षा और सुगम्यता सहित कई क्षेत्रों को कवर करता है। प्रत्येक संस्करण में उभरती चुनौतियों और अवसरों के अनुरूप नई श्रेणियां शामिल की जाती हैं। नकद पुरस्कार से कहीं बढ़कर, एनएसए मान्यता प्रदान करने का राष्ट्रीय विश्वसनीयता का प्रतीक है, जिससे विजेताओं को साझेदारियों, निवेशकों, नीतिगत समर्थन, वैश्विक स्तर पर उपस्थिति और मार्गदर्शन के अवसरों तक पहुंच प्राप्त करने में मदद मिलती है। कई पूर्व विजेताओं ने नीतियों को प्रभावित किया है, प्रमुख अनुदान प्राप्त किए हैं और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी उपस्थिति का विस्तार किया है।
2016 में स्टार्टअप इंडिया को लॉन्च किया गया। इसने भारत के उद्यमशीलता परिदृश्य को बदल दिया है, नवाचार को बढ़ावा दिया है और खासकर श्रेणी- 2 और श्रेणी-3 शहरों के युवाओं, महिलाओं, छात्रों और पहली बार स्टार्टअप शुरू करने वालों को सशक्त बनाया है। अब तक डीपीआईआईटी द्वारा 1.75 लाख से ज़्यादा स्टार्टअप को मान्यता दी जा चुकी है, जो भारत के लगभग हर ज़िले का प्रतिनिधित्व करते हैं और कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, ऊर्जा और डीप टेक सहित विविध क्षेत्रों में फैले हुए हैं।