सामने वाले का कोई काम संभव न हो, तो आप उसे सीधे नहीं कहने के बजाय विकल्प बताएं प्रसन्न
महाराष्ट्र मंडल में वर्कशॉप: कर्मचारियों को दिए गए महत्वपूर्ण टिप्स
रायपुर। यदि कोई आपको ऐसा काम बताए, जिसे करना संभव न हो, तो आप उसे सीधे नहीं कहने के बजाय विकल्प बताएं कि वह काम कब और कैसे संभव है। महाराष्ट्र मंडल के कर्मचारियों के वर्कशॉप में इस आशय का मार्गदर्शन दिव्यांग बालिका विकास गृह के प्रभारी व सिडकॉन के पूर्व राज्य प्रमुख प्रसन्न निमोणकर ने दिया।
निमोणकर ने कहा कि ड्यूटी के दौरान कई बार सामने की पार्टी, ग्राहक या आगन्तुक से उनकी अपेक्षा या मांग के कारण नाराजगी, असहमति या नकारात्मक स्थिति बनती है। ऐसे में सामने वाले से लड़ने- झगड़ने के बजाय उन्हें अपने मातहत के पास भेज देना चाहिए, ताकि विवाद अथवा बहस का निराकरण बातचीत से हो सके। इसी तरह जीवन में नकारात्मक बातों से बचना चाहिए। इससे हमारी मन:स्थिति तो और अच्छी रहती ही है, काम करने के लिए ऊर्जा भी बचती है।
प्रसन्न निमोणकर के जोर देकर कहा कि आपको हमेशा कोई भी काम करने के लिए तैयार रहना चाहिए। यदि हम सामने वालों से शुल्क लेकर कोई सुविधा प्रदान कर रहे हैं, तो इसमें हमारी जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती हैं। क्योंकि सामने वाला हमारी गलती को स्वीकार करने या माफ करने के लिए तैयार नहीं होगा। यही कारण है कि हमारे काम में ईमानदारी से साथ समर्णप भी दिखना चाहिए।
सचेतक रविंद्र ठेंगड़ी ने कहा कि जिस तरह हमारा घर मंदिर की तरह होता है, उसी तरह हमारा कार्यस्थल भी मंदिर ही होता है। अत: यदि आप अपने मंदिर में नशा करके ड्यूटी करने आते हैं या कोई अवांछित हरकत करते हैं तो ये अपनी ड्यूटी, जिम्मेदारी और परिवार के साथ खिलवाड़ है। आध्यात्मिक दृष्टि से भी यह पाप है। ठेंगड़ी ने कहा कि ड्यूटी के लिए निकलते समय आपके दिमाग में पूरे दिनभर के कार्यों का खाका और उसे पूरा करने का जुनून होना चाहिए। उसी तरह रात को सोते समय आत्ममंथन कर स्वयं को इस सवाल का जवाब जरूर देना चाहिए कि क्या आज आप ने अपनी डयूटी से अपने वेतन को न्यायसंगत बनाया। हर किसी के काम निर्धारित हैं, लेकिन उससे आगे बढ़कर यदि आप कुछ अलग सोचते हैं, उसे क्रियान्वित करके महाराष्ट्र मंडल को लाभ पहुंचाते हैं, तो इससे न केवल आपकी विश्वसनीयता बढ़ती है बल्कि आप अपने आर्थिक रूप से मजबूत भविष्य की ओर कदम भी बढ़ाते हैं।
अध्यक्ष अजय मधुकर काले ने कहा कि हमारे सभी कर्मचारी समर्पण भाव के साथ ईमानदारी से काम करते हैं। इनसे ही महाराष्ट्र मंडल सतत प्रगति कर रहा है। आगे भी आपको नए कार्यों के लिए नई जिम्मेदारी लेने तैयार रहना है। कुछ नया करने के बारे में सोचें। अपने- अपने समाज के लोगों को महाराष्ट्र मंडल के बारे में बताएं और हो सके तो उन्हें यहां मंडल दिखाने भी लाएं। काले ने कहा कि मैं कभी किसी कर्मचारी को दंडित करने में भरोसा नहीं करता, बल्कि मैं चाहता हूं कि यदि किसी से ड्यूटी में कोई गलती हुई है तो उसे स्वयं इस पर विचार कर अपनी गलती को सुधारना चाहिए क्योंकि उनकी नौकरी से उनका पूरा परिवार जुड़ा हुआ है।
बैठक के संयोजक और संत ज्ञानेश्वर स्कूल के प्रभारी परितोष डोनगावंकर ने अपने संक्षिप्त उद्बोधन में कहा कि जब भी कोई कार्यक्रम होने वाला होता है तो पहले एक चेक लिस्ट बना लेना चाहिए। इससे बीच कार्यक्रम में कहीं कुछ छूट गया.... वाली स्थिति नहीं बनेगी। डोनगांवकर ने कहा कि यदि कार्यक्रम में कोई कमी रह गई या गलती हो गई तो उससे हमें सीख लेनी चाहिए और आगे से वह गलती न हो, इसके लिए सतर्क रहना चाहिए। ऑफिस प्रभारी बी. नंदिनी नायडू और मेस प्रभारी मंजरी भगाडे ने कहा कि गलतियों और कमियों को हमारी पूरी टीम यथाशीघ्र दूर करेगी। सभी काम, विशेषकर बाहर के आर्डर तय समय से पहले पूरा करेगी। बैठक में भवन प्रभारी निरंजन पंडित भी उपस्थित रहे।