रायपुर

रविवि के इंस्टीट्यूट इनोवेशन काउंसिल द्वारा आयोजित विशेषज्ञ व्याख्यान सत्र

रायपुर। पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय ने  इंस्टीट्यूट इनोवेशन काउंसिल, इलेक्ट्रॉनिक्स  & फोटोनिक्स विभाग और प्रबंधन संस्थान के सहयोग से आयोजित एक प्रेरणादायक विशेषज्ञ व्याख्यान सत्र के माध्यम से उद्यमिता की भावना को प्रज्वलित किया। इस सत्र में दिलीप मोहंती, चीफ (एचआरएम)जायसवाल नेको इंडस्ट्रीज लिमिटेड रायपुर, छत्तीसगढ़ ने मुख्य वक्ता के रूप में विचार साझा किए। कार्यक्रम में  डॉ दिलीप मोहंती ने नवाचार एवं उद्यमिता विद्यार्थियों, शोधार्थियों और स्टार्टअप से जुड़े युवाओं को संबोधित किया।

यह कार्यक्रम माननीय कुलपति प्रो. सच्चिदानंद शुक्ल  के मार्गदर्शन में आयोजित किया गया, जो सदैव ऐसे कार्यक्रमों के लिए प्रेरणा स्रोत रहे हैं। स्वागत भाषण डॉ. कविता ठाकुर,  द्वारा  अध्यक्ष, इंस्टीट्यूट इनोवेशन काउंसिल एवं विभागाध्यक्ष, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं फोटोनिक्स अध्ययनशाला, पंडित रविवि, रायपुर द्वारा दिया गया।

डॉ. ए.के. श्रीवास्तव,प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर एवम विभागाध्यक्ष,एमबीए विभाग ने कार्यक्रम के आरंभ में डॉ दिलीप मोहंती के बारे में  छात्रों को उद्बोधित किया एवम स्टार्टअप इनोवेशन पर अपने विचार साझा किए। अपने उद्बोधन में डॉ मोहंती ने कहा कि किसी भी विचार को सफल स्टार्टअप में बदलने के लिए केवल नवाचार ही नहीं बल्कि उसके व्यावसायिक मूल्य  और व्यवसायिक सामंजस्य की प्राप्ति आवश्यक है। उन्होंने प्रोटोटाइप वैलिडेशन की प्रक्रिया को विस्तार से समझाते हुए कहा कि वास्तविक बाजार की समस्याओं को पहचानकर ही समाधान आधारित उत्पाद विकसित किए जा सकते हैं।

विशेष रूप से उन्होंने नवाचार आधारित स्टार्टअप और पारंपरिक व्यवसाय के अंतर पर प्रकाश डाला। श्री मोहंती के अनुसार पारंपरिक व्यवसाय मुख्यतः स्थापित बाजार और सुरक्षित मांग पर आधारित होते हैं, जबकि नवाचार आधारित स्टार्टअप में अनिश्चितता अधिक होती है परंतु नवीन समाधान और तकनीकी श्रेष्ठता उन्हें वैश्विक प्रतिस्पर्धा में अग्रणी बनाती है।

उन्होंने युवा उद्यमियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि स्टार्टअप इकोसिस्टम में सफलता के लिए धैर्य, दृढ़ता और ग्राहक की आवश्यकताओं की गहन समझ अनिवार्य है। कार्यक्रम में प्रतिभागियों ने प्रश्न पूछकर संवाद स्थापित किया और व्यावहारिक अनुभव साझा किए।

यह आयोजन विद्यार्थियों को नवाचार से स्टार्टअप तक की यात्रा में मार्गदर्शन प्रदान करने वाला रहा तथा विश्वविद्यालय के नवाचार वातावरण को और सशक्त बनाने में सहायक सिद्ध हुआ।इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के विभिन्न अध्ययनशाला के लगभग 80 विद्यार्थी उपस्थित थे। इस कार्यक्रम का आयोजन प्रबंधन संस्थान में किया गया। कार्यक्रम का सफल संचालन  डॉ. जी.के. देशमुख द्वारा किया गया।