छत्तीसगढ़
'मिलेट ऑन व्हील्स' में मिलेंगे रागी, कोदो, कुटकी से बने लजीज व्यंजन
रायपुर। 'मिलेट ऑन व्हील्स' कैफे एक चलता फिरता मिलेट कैफे होगा। जिसमें रागी, कोदो, कुटकी से बने लजीज व्यंजन परोसे जायेंगे। इसे अनुभव महिला समूह संचालित करेगा। इस मोबाइल मिलेट कैफे में रागी का चीला, डोसा, मिलेट्स पराठा, इडली, मिलेट्स मंचूरियन, पिज्जा, कोदो की बिरयानी और कुकीज जैसे पकवान चखने को मिलेंगे।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज रायगढ़ जिले के खरसिया में प्रदेश के पहले मोबाईल मिलेट कैफे 'मिलेट ऑन व्हील्स' को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उच्च शिक्षामंत्री उमेश पटेल व गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू भी इस अवसर पर उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर रागी से बना केक काटा। उन्होंने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि इससे मिलेट के उपभोग के प्रति जागरूकता बढ़ेगी।
गौरतलब है कि मोटे अनाजों के उत्पादन और उपभोग को प्रोत्साहित करने के लिए मुख्यमंत्री की पहल पर मिलेट मिशन चलाया जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट ईयर के रूप में मनाया जा रहा है।
कोदो, कुटकी, रागी की समर्थन मूल्य पर की जा रही है खरीदी
बतादें कि छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जहां मिलेट्स को लगातार बढ़ावा दिया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में कोदो, कुटकी और रागी का ना सिर्फ समर्थन मूल्य घोषित किया गया अपितु समर्थन मूल्य पर खरीदी भी की जा रही है। इस पहल से छत्तीसगढ़ में मिलेट्स का रकबा डेढ़ गुना बढ़ा है और उत्पादन भी बढ़ा है।
कांकेर में सबसे बड़ा प्लांट
छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के नथिया-नवागांव में मिलेट्स का सबसे बड़ा प्रोसेसिंग प्लांट भी स्थापित किया जा चुका है। मिलेट्स को बढ़ावा देने के लिए गौठानों में विकसित किए जा रहे रूरल इंडस्ट्रियल पार्क में मिलेट्स प्रोसेसिंग प्लांट लगाए जा रहे हैं।
राजिम माघी पुन्नी मेला 5 फरवरी से, 15 दिनों तक लगेगा मेला
रायपुर। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में स्थित राजिम में प्रतिवर्ष माघ पूर्णिमा से महाशिवरात्रि तक पंद्रह दिनों का मेला लगता है। राजिम में तीन नदियों महानदी, पैरी और सोंढूर का संगम है इसलिए इसे त्रिवेणी संगम भी कहा जाता है। संगम स्थल पर कुलेश्वर महादेव का मंदिर है। यहां 5 फरवरी से 18 फरवरी तक मेला लगेगा।
राज्य शासन द्वारा वर्ष 2001 से राजिम मेले को राजीव लोचन महोत्सव के रूप में मनाया जाता था, वर्ष 2005 से इसे कुम्भ के रूप में मनाया जाता रहा था, और अब 2019 से राजिम माघी पुन्नी मेला के रूप में मनाया जा रहा है। यह आयोजन छत्तीसगढ़ शासन धर्मस्व एवं पर्यटन विभाग एवं स्थानीय आयोजन समिति के तत्वाधान में होता है।
मेला की शुरुआत कल्पवास से होती है। पखवाड़े भर पहले से श्रद्धालु पंचकोशी यात्रा प्रारंभ कर देते हैं पंचकोशी यात्रा में श्रद्धालु पटेश्वर, फिंगेश्वर, ब्रम्हनेश्वर, कोपेश्वर तथा चम्पेश्वर नाथ के पैदल भ्रमण कर दर्शन करते हैं तथा धुनी रमाते हैं। 101 किमी की यात्रा का समापन होता है और माघ पूर्णिमा से मेला का आगाज होता है। इस वर्ष 5 फरवरी माद्य पूर्णिमा से 18 फरवरी 2023 महाशिवरात्रि तक राजिम माद्यी पुन्नी मेला आयोजित किया गया है।
राजिम माघी पुन्नी मेला में विभिन्न जगहों से हजारों साधू संतों का आगमन होता है, प्रतिवर्ष हजारों की संख्या में नागा साधू, संत आदि आते हैं, तथा विशेष पर्व स्नान तथा संत समागम में भाग लेते हैं, प्रतिवर्ष होने वाले इस माघी पुन्नी मेला में विभिन्न राज्यों से लाखों की संख्या में लोग आते हैं और भगवान श्री राजीव लोचन तथा श्री कुलेश्वर नाथ महादेव के दर्शन करते हैं।
लोगो में मान्यता है कि भगवान जगन्नाथपुरी की यात्रा तब तक पूरी नही मानी जाती, जब तक भगवान राजीव लोचन तथा कुलेश्वर नाथ के दर्शन नहीं कर लिए जाते, राजिम माघी पुन्नी मेला का अंचल में अपना एक विशेष महत्व है।
इंदिरा गांधी के नाम पर होगा कांकेर मेडिकल कालेज, सीएम ने की घोषणा
रायपुर। कांकेर मेडिकल कालेज को अब इंदिरा गांधी शासकीय मेडिकल कालेज कांकेर के नाम से जाना जाएगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कांकेर जिले के भानुप्रतापुर में एक सामाजिक कार्यक्रम के दौरान कहीं। उन्होंने 14.47 करोड़ रुपये के 146 विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन भी किया।
मुख्यमंत्री ने भानुप्रतापपुर स्थित खेल मैदान का नाम मनोज मंडावी के नाम पर रखने की भी घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्व में सर्वप्रथम आदिम संस्कृति का उदय हुआ। राज्य सरकार आदिवासी संस्कृति और परंपरा को बचाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है।
जिले में 2019 से अब तक 17 करोड़ 82 लाख रुपए की लागत से 518 देवगुड़ियों का निर्माण किया जा चुका है। इसी तरह 19 करोड़ 91 लाख रुपये की लागत से 173 घोटुल का निर्माण किया गया। बघेल ने कहा कि सेवा का अर्थ मानव समाज, संस्कृति और प्रकृति की सेवा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के बच्चों को आधुनिक शिक्षा प्रदान करने के लिए अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोलने की स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल योजना लागू की गई है। कांकेर जिले के किसानों ने पहली बार ऐतिहासिक 40 लाख क्विंटल धान बेचा। प्रदेश में पहले घरों के फर्श को गाय के गोबर से लेप किया जाता था, अब घरों की दीवारों को भी गोबर से बने प्राकृतिक रंग से रंगा जाएगा।
सदी के महानायक ने मुख्यमंत्री भूपेश को भेजा पत्र, जानें क्या है मामला
रायपुर । मकर संक्रांति के अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई फिल्मी हस्तियों को मिलेट से बने गिफ्ट हैंपर्स भेजे थे। इसी गिफ्ट को पाकर अभिनेता अमिताभ बच्चन ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को धन्यवाद दिया है और कहा है कि छत्तीसगढ़ वैसे तो अपनी कई विशेषताओं के लिए प्रसिद्ध है, आपके द्वारा भेजे गए मिलेट के खाद्य प्रदार्थों के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद। मुख्यमंत्री बघेल ने इस पत्र को अपने ट्विटर अकाउंट पर साझा करते हुए अमिताभ बच्चन का धन्यवाद दिया।
आदरणीय अमिताभ बच्चन जी नमस्कार!
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) February 3, 2023
आपके द्वारा प्रेषित शुभकामना पत्र प्राप्त हुआ है। छत्तीसगढ़ की उदारता को रेखांकित करने के लिए आपका धन्यवाद।
“मिलेट राज्य” के रूप में छत्तीसगढ़ के विश्व विख्यात बनने की शुभकामनाओं के लिए हम सबकी तरफ़ से बहुत आभार। @SrBachchan pic.twitter.com/iGBnplYK25
बता दें कि गिफ्ट हैंपर्स के माध्यम से मुख्यमंत्री ने मकर संक्रांति की बधाई भी प्रेषित की थी। मुख्यमंत्री ने अपने ट्विटर अकाउंट पर ट्वीट कर इसकी जानकारी भी दी थी।
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार लगातार मिलेट्स को बढ़ावा दे रही है। मिलेट्स को प्रोत्साहन देने के क्रम में हाल ही के दिनों में मुख्यमंत्री ने विधानसभा में सभी विधायकों को मिलेट्स से बने व्यंजनों का लंच भी करवाया था। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा मिलेट्स को लेकर किए जा रहे कार्यों की तारीफ प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी भी कर चुके हैं।
छत्तीसगढ़ के 16 बाल वैज्ञानिक राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस और 2 बाल इंडियन साइंस कांग्रेस में
रायपुर। छत्तीसगढ़ के 16 बाल वैज्ञानिकों ने अहमदाबाद में आयोजित राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस में शोधकार्य प्रस्तुत किया, जिसे विशेषज्ञों ने खूब सराहा। राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस का आयोजन 27 से 31 जनवरी तक अहमदाबाद में किया गया। यह आयोजन गुजरात कौंसिल ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी और विज्ञान एंव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा आयोजित था।
आयोजन में भारत के अन्य राज्यों से लगभग 1200 बाल वैज्ञानिकों ने भाग लिया। अपर मुख्य सचिव रेणु पिल्ले ने 16 बाल वैज्ञानिकों में से 12 लड़कियों के चयन पर खुशी जाहिर करते हुए उनकी सराहना की। उन्होंने कहा की यह चयन इस बात को दर्शाता है की लड़कियां विज्ञान और शोधकार्य में भी बढ़-चढ़ कर भाग ले रहीं है। इससे समाज में भी एक सार्थक सन्देश जायगा।
राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस 2022 में पारिस्थितिक तंत्र, स्वास्थ्य और कल्याण तथा पांच उपविषयो अपने पारिस्थितिकी तंत्र को जाने, स्वास्थ्य, पोषण और कल्याण को बढ़ावा देना, पारिस्थितिकी तंत्र और स्वास्थ्य के लिए सामाजिक और सांस्कृतिक प्रथाए, आत्मनिर्भरता के लिए पारिस्थितिकी तंत्र आधारित दृष्टिकोण, पारिस्थितिकी तंत्र और स्वास्थ्य के लिए तकनीकी नवाचार पर शोधकार्य प्रस्तुत किया गया।
इन छात्रों ने लिया भाग
राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस में छत्तीसगढ़ से प्रियांश भादुड़ी, नंदिता केवट, रूपशिखा साहू, दिशा साहू, प्रियांशु पटेल, राधिका कंवर, भूमिका जोशी, करम सैमुअल, महेश्वर साहू, जाह्नवी ठाकुर, किरण कंवर, खुशी झा, मनोहर बघेल, प्रार्थना केवट, अन्विका गुप्ता एवं अनन्या सिंह ने भाग लेकर शोध परियोजना प्रस्तुत किया। समापन सत्र में बाल वैज्ञानिकों को मेडल और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया।
इंडियन साइंस कांग्रेस इन्होंने की शिरकत
राज्य स्तरीय बाल विज्ञान कांग्रेस से चयनित दो बाल वैज्ञानिक अनमोल मालवीय और कुमारी हर्षिता राठिया ने नागपुर, महाराष्ट्र में 3 से 7 जनवरी को आयोजित 108 वीं इंडियन साइंस कांग्रेस में अपना शोध परियोजना प्रस्तुत किया।
खनिजों से चालू वित्तीय वर्ष में माह दिसम्बर तक मिला 8672 करोड़ रूपए का राजस्व
रायपुर। राज्य सरकार को वित्तीय वर्ष 2022-23 में खनिज राजस्व के 13 हजार करोड़ रूपए के लक्ष्य के विरूद्ध माह दिसम्बर 2022 तक 8672 करोड़ रूपए का खनिज राजस्व प्राप्त हुआ है। यह जानकारी संचालक भौमिकी तथा खनिकर्म श्री जय प्रकाश मौर्य की अध्यक्षता में इंद्रावती भवन, नवा रायपुर में एक फरवरी को आयोजित विभाग के क्षेत्रीय प्रमुखों एवं जिला खनिज अधिकारियों की समीक्षा बैठक में दी गई।
बैठक में प्रदेश में मुख्य एवं गौण खनिजों के ई-नीलामी के माध्यम से आबंटन हेतु नवीन ब्लॉक्स का चयन, अनुसूचित क्षेत्रों हेतु रेत खानों के संचालन, आबंटन विषयक नवीन निर्देश, कोल ब्लॉक्स का Annual Grade Declaration, खनिज राजस्व वसूली की स्थिति, Natural Resource Account (NRA) से संबंधित जानकारी सहित अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर प्रगति की समीक्षा की गई।
बैठक में बताया गया कि विभाग द्वारा 12 नवीन खनिज ब्लॉकों का आबंटन किया गया है। अधिसूचित क्षेत्रों में रेत खानों का संचालन का अधिकार पुन पंचायतों को सौंपा गया है। बैठक में यह जानकारी भी दी गई कि प्रदेश के सूरजपुर एवं कोरिया जिले में कोल बेड मिथेन का ब्लॉक आबंटित हुआ है। कोल बेड मिथेन का औद्योगिक एवं राज्य के राजस्व हित में निहित महत्व को दृष्टिगत रखते हुए बैठक के दौरान इस पर महानिदेशालय हाइड्रोकार्बन के प्रतिनिधि द्वारा विस्तृत प्रेजेंटेशन दिया गया। इसी प्रकार एक निजी कंपनी द्वारा आईटी आधारित खनिज परिवहन सर्विलियेस पर भी प्रेजेंटेशन दिया गया।
पूर्व सीएस बनाए गए नवाचार आयोग के अध्यक्ष
रायपुर। रिटायर्ड मुख्य सचिव और रेरा के पूर्व चेयरमैन रहे विवेक ढांड को राज्य सरकार ने एक बार फिर बड़ी जिम्मेदारी दी है। राज्य सरकार ने विवेक ढांड को छत्तीसगढ़ राज्य नवाचार आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया है। राज्य सरकार ने इस बाबत आदेश जारी कर दिया है।
सरकार ने प्रशासनिक नवाचार और जनकल्याणकारी योजनाओं से संबंधित योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर छत्तीसगढ़ राज्य नवाचार आयोग का गठन किया है। वही रिटायर्ड चीफ सेक्रेटरी विवेक ढांड को छत्तीसगढ़ राज्य नवाचार आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
बतादें कि सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा आज यहां महानदी भवन, नवा रायपुर से इस आशय का आदेश जारी कर दिया गया है। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा किए जाने वाले प्रशासनिक नवाचारों तथा विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए समय-समय पर राज्य सरकार की सुझाव देने के उद्देश्य से ‘छत्तीसगढ़ राज्य नवाचार आयोग‘ का गठन किया गया है।
हाथी प्रभावित क्षेत्र में लगा 33 सोलर हाईमास्ट लाइट
रायपुर। सूरजपूर जिले के प्रतापपुर क्षेत्र के किसान खेती-किसानी और फसल की देखरेख बिना किसी डर के आसानी से कर सकेंगे इसके अलावा उन्हें हाथी आने पर सुरक्षित स्थानों में पहुंचने में मदत मिल सकेंगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर इस क्षेत्र के हाथी प्रभावित गांवो में 33 नग सोलर हाईमास्ट लाइट लगाए गए हैं।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री के प्रदेशव्यापी भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के दौरान सूरजपुर जिले के प्रतापपुर विकासखंड के हाथी प्रभावित क्षेत्र के ग्राम गोविंदपुर के ग्रामवासियो ने मुख्यमंत्री से हाथी प्रभावित क्षेत्रों में सोलर हाईमास्ट लाईट लगाने की मांग की थी।
ग्रामीणों का कहना था कि गांव में अंधेरा होने के कारण हाथी आने पर ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान में शरण लेने के लिए अन्य स्थान आने-जाने में असुविधा का समाना करना पड़ता था। सोलर हाईमास्ट लाईट लगने से उन्हें सुरक्षित स्थान पर आने-जाने में मद्द मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों की मांग पर मौके पर ही सोलर हाईमास्ट लाईट लगाने के निर्देश अधिकारियों को दिए थे। मुख्यमंत्री की इस घोषणा पर जिला प्रशासन, वन विभाग और क्रेडा के अधिकारियों ने फौरी अमल करते हुए हाथी प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और सोलर हाईमास्ट लगाने के लिए उपयुक्त स्थल का चयन किया। क्रेडा द्वारा चयनित स्थल पर 33 नग सोलर हाईमास्ट लाईट लगाए जा चुके हैं।
हाथी प्रभावित गांवो में सोलर हाईमास्ट लाईट लगने से ग्रामीण प्रसन्न हैं। गांव से लगे आस-पास के वनों के पास अब प्रकाश की व्यवस्था हो गई है। इससे हाथी आने की जानकारी उन्हें पहले से मिल सकेगी। साथ ही शाम को खेतों से लौटते वक्त अंधेरे का सामना नहीं करना पड़ेगा।
काष्ठशिल्पी अजय ने मुख्यमंत्री बघेल से की मुलाकात, पद्मश्री के लिए हुआ है चयन
रायपुर। पद्मश्री सम्मान के लिए चयनित काष्ठ शिल्पी अजय मंडावी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात की। काष्ठ शिल्प में सिद्धहस्त अजय को मुख्यमंत्री ने पद्मश्री पुरस्कार के लिए चयनित होने पर बधाई दी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अजय ने अपनी कला से जिन ऊंचाईयों को छुआ, वह आने वाली पीढ़ी के लिए प्रेरणादायी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अजय मंडावी केवल कांकेर जिले ही नहीं अपितु छत्तीसगढ़ के भी गौरव हैं। इनकी अद्भुत कला और शिल्प से प्रदेश को नई पहचान मिली है। विधिवत प्रशिक्षण और आर्थिक सहायता के बिना अपने संसाधनों के बल पर अजय ने सफलता की इन उंचाईयों को छुआ है। वह आने वाले पीढ़ी के लिए महत्वपूर्ण और प्रेरणादायी है।
बतादें कि मंडावी ने अपनी कला की यात्रा में कई सुंदर प्रतिमानों को गढ़ा है। इनमें से एक मुख्यतः शांता आर्टस कला समूह ऐसे बंदी समूह का प्रतिष्ठित नाम है, जिसके अधिकांश सदस्य अलग-अलग समय में नक्सली बारदात से छूटकर कला के माध्यम से समाज के मुख्यधारा में जुड़ गए हैं।
यह एक ऐसा सेतु है, जो कैदियों के पुर्नवास के लिए नैतिक ढंग से आर्थिक उपार्जन करने के लिए बनाया गया है। इसके प्रशिक्षक और मार्गदर्शक काष्ठ कलाकार अजय मंडावी हैं, जो कैदियों को कला की शिक्षा देने की साथ ही उन्हें मनोवैज्ञानिक रूप से समाज में एक बेहतर मुनष्य के रूप में गरिमापूर्ण जीवन जीने के लिए तैयार करते है। वे इन कैदियों के लिए एक बेहतर सामाजिक वातावरण भी रचते हैं।
सोलर पंप ने बदली अनिता की किस्मत, सिंचाई के लिए मिल रहा भरपूर पानी
रायपुर। कोरबा जिले के विकासखण्ड पोड़ी-उपरोड़ा के ग्राम पिपरिया में ग्रामीणों से मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अनिता राज नाम की महिला से एक वायदा किया था कि जो कुछ ही दिनों के भीतर पूरा हो गया है। अनिता ने अपने पिता छोटू राज के खेत में सिंचाई व्यवस्था के लिए मुख्यमंत्री से सोलर पंप लगाने की मांग की थी।
मुख्यमंत्री ने अनिता राज की बेबाकी से खासे प्रभावित हुए थे। साथ ही उसके विहान समूह से जुड़े होने और स्वसहायता समूह के जरिए आर्थिक सशक्तिकरण की तरफ अग्रसर होने के लिए उसकी तारीफ भी की थी।
मुख्यमंत्री विगत दिनों कोरबा जिले के विकासखण्ड पोड़ी-उपरोड़ा के ग्राम पिपरिया में ग्रामीणों से भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के माध्यम से रूबरू हुए थे। इस दौरान ग्राम कोरबी निवासी कुमारी अनिता राज ने बताया था कि उनके पिता छोटू राज खेती के सहारे आजीविका चलाते हैं।
उनकी भूमि में एक पानी का बोर है लेकिन खेत तक बिजली पहुंचाने की समस्या है। जिसके कारण बोर काम नहीं कर रहा है इसलिए उनके पिता के खेत में सोलर पंप लगाया जाए। मुख्यमंत्री ने अनिता से वादा किया था कि जल्द ही उसके खेत में सोलर पंप स्थापित होगा।
मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद एक सप्ताह के भीतर क्रेडा ने छोटू के खेत में सोलर पंप स्थापित कर दिया। सोलर पंप लगने के बाद से अब छोटू राज के खेत में पानी की दिक्कत नहीं होगी और वो गेहूं, मटर, टमाटर और धनिया की फसलों की बेहतर सिंचाई कर सकेगा।
हिमांचल और महाराष्ट्र में उत्पादित होने वाली स्ट्राबेरी अब छत्तीसगढ़ में
रायपुर। छत्तीसगढ़ के ठंडे क्षेत्रों में स्ट्राबेरी की खेती लोकप्रिय हो रही है। अपने लजीज स्वाद और मेडिसिनल वेल्यू के कारण यह बड़े स्वाद के खाया जाता है। प्रदेश के जशपुर, अंबिकापुर, बलरामपुर क्षेत्र में कई किसान इसकी खेती कर रहे हैं। स्ट्राबेरी की मांग के कारण यह स्थानीय स्तर पर ही इसकी खपत हो रही है।
एक एकड़ खेत में इसकी खेती 4 से 5 लाख की आमदनी ली जा सकती है। जशपुर जिले में 25 किसानों ने 6 एकड़ में स्ट्राबेरी की खेती की है। जशपुर में विंटर डान प्रजाति की स्ट्राबेरी के पौधे लगाए गए हैं। इन किसानों को उद्यानिकी विभाग की योजना राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत तकनीकी मार्गदर्शन और अन्य सहायता मिल रही है।
स्ट्राबेरी की खेती धान के मुकाबले कई गुना फायदे का सौदा है। जहां धान की खेती के लिए मिट्टी का उपजाऊपन के साथ साथ ज्यादा पानी और तापमान की जरूरत होती है वहीं स्ट्राबेरी के लिए सामान्य भूमि और सामान्य सिंचाइ में भी यह बोई जा सकती है। धान की खेती में जहां देख-रेख की ज्यादा जरूरत पड़ती है वहीं स्ट्राबेरी के लिए देख-रेख की कम जरूरत पड़ी है, सिर्फ इसके लिए ठंडे मौसम की जरूरत होती है।
जशपुर में जलवायु की अनूकूलता को देखते हुए 25 किसानों ने 6 एकड़ में स्ट्राबेरी की फसल ली गई है। इन किसानांे ने अक्टूबर में स्ट्राबेरी के पौधे रोपे और दिंसबर में पौधे से फल आना शुरू हो गए। फल आते ही किसानों ने हरितक्राति आदिवासी सहकारी समिति के माध्यम से या स्वयं अच्छी पैकेजिंग की। पैकेजिंग के साथ कुछ समय में प्रतिसाद मिलना शुरू हो गए। जशपुर में 25 किसानों ने दो-दो हजार पौधे लगाए हैं।
जमीन का उपजाऊ होना आवश्यक नहीं
किसान धनेश्वर राम ने बताया कि उनकी जमीन उपजाऊ नहीं थी। उन्होंने 25 डिसमील़ के खेत में स्ट्राबेरी के 2000 पौधे का रोपण किया। तीन माह में ही अच्छे फल आ गए हैं। मार्केट में इसकी उन्हें 400 रूपए प्रति किलो की कीमत मिल रही हैं। उन्हें अभी तक करीब 70 हजार रूपए की आय हो गई है।
सौंदर्य प्रसाधन और दवाईयों में उपयोग
स्ट्राबेरी का उपयोग कई प्रकार के खाद्य पदार्थों में किया जाता है। आइस्क्रीम, जेम जेली, स्क्वैश आदि में स्ट्राबेरी फ्लेवर लोकप्रिय है। इसके अलावा इसका उपयोग पेस्ट्री, टोस्ट सहित बैकरी के विभिन्न उत्पादनों में किया जाता है। स्ट्राबेरी में एण्टी आक्सीडेंट होने के कारण इसका उपयोग विभिन्न प्रकार के सौंदर्य प्रसाधनों लिपिस्टिक फेसक्रीम के अलावा बच्चों की दवाईयों में फ्लेवर के लिए किया जाता है।
मुख्यमंत्री ने चंदूलाल चंद्राकर की पुण्यतिथि पर किया उन्हें नमन
रायपुर। छत्तीसगढ़ के प्रखर पत्रकार और पूर्व सांसद स्व. चंदूलाल चंद्राकर की पुण्यतिथि पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने निवास कार्यालय में उनके छायाचित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया। इस अवसर पर कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे और डोंगरगांव विधायक दलेश्वर साहू भी उपस्थित थे ।
मुख्यमंत्री ने चंदूलाल चंद्राकर के अमूल्य योगदान को याद करते हुए कहा कि वे अनेक बार लोकसभा में सांसद निर्वाचित हुए। उन्होंने कई महत्वपूर्ण विभागों के मंत्री पद का दायित्व संभालते हुए देश और प्रदेश के विकास के लिए महत्वपूर्ण कार्य किए। छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण सर्वदलीय मंच के अध्यक्ष के रूप में उन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य आंदोलन को नई दिशा प्रदान की।
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि चंदूलाल जी मूल्य आधारित निष्पक्ष और निर्भीक पत्रकारिता के लिए भी जाने जाते हैं। वे राष्ट्रीय स्तर के संपादक भी रहे। उन्होंने कई ज्वलंत मुद्दों पर निडरता से आवाज उठाई । अपने प्रखर व्यक्तित्व और निर्भीक पत्रकारिता से देश में छत्तीसगढ़ का नाम रोशन किया।
राज्य सरकार ने उनकी स्मृति में पत्रकारिता के क्षेत्र में चंदूलाल फेलोशिप स्थापित की है, जिससे मूल्य आधारित पत्रकारिता को बढ़ावा मिले। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ के माटी पुत्र चंदूलाल जी की मातृभूमि के प्रति सेवा भावना, उनके अमूल्य विचार नई पीढ़ी को हमेशा प्रेरित करते रहेंगे।
कानन पेंडारी में बाघिन के शावक की मौत, मचा हड़कंप
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के मिनी जू कानन पेंडारी में इन दिनों वायरस इंफेक्शन फैला हुआ है। इसके कारण 9 महीने के बाघिन के शावक की मौत हो गई। नौ महीने पहले ही कानन पेंडारी की बाघिन रंभा ने चार शावकों को जन्म दिया था। जिसमें तीन मादा और एक नर शावक था। जन्म के छह महीने बाद पर्यटक डिस्पले में शावकों को लाया गया था।
कानन पेंडारी में शावक की हुई मौत के बाद वन अमले में हड़कंप मचा हुआ। चिकित्सकों की टीम लगातार जानवरों की जांच कर रही है। अफसरों का दावा है कि शावक दो दिन से बीमार था और उसे दस्त की भी शिकायत थी। कानन पेंडारी के जानवरों में फेलाइन पेन ल्यूकोपेनिया नामक वारसल फैला है।
रंभा के दो अन्य सावक आनंदी और दिशा का रेस्क्यू सेंटर में उपचार किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि लंग्स, लीवर और अन्य आर्गन में संक्रमण फैलने के कारण शावक ने दम तोड़ा।
किसान अन्नदाता सम्मेलन में शामिल होंगे सीएम बघेल
रायपुर। राजनांदगांव जिले के भर्रेगांव में आयोजित विशाल किसान अन्नदाता सम्मेलन में आज मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शामिल होंगे। इसके साथ ही वे दुर्ग जिले के ग्राम तर्रा में स्वर्गीय चन्दूलाल चन्द्राकर की पुण्य तिथि, मिलन तथा सम्मान समारोह में भी शामिल होंगे
मुख्यमंत्री बघेल निर्धारित दौरा कार्यक्रम के अनुसार पूर्वान्ह 11.30 बजे पुलिस ग्राउण्ड हेलीपेड रायपुर से हेलीकॉप्टर द्वारा प्रस्थान कर 11.55 बजे जिला तथा विकासखण्ड राजनांदगांव अंतर्गत ग्राम भर्रेगांव पहुंचेंगे। वे वहां बाजार चौक भर्रेगांव में दोपहर 12 बजे स्वर्गीय चन्दूलाल चन्द्राकर जी की मूर्ति का अनावरण करेंगे और वहां जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के तत्वाधान में आयोजित विशाल किसान अन्नदाता सम्मेलन में शामिल होंगे।
मुख्यमंत्री दोपहर 1.20 बजे भर्रेगांव से हेलीकॉप्टर द्वारा प्रस्थान कर 1.40 बजे दुर्ग जिले के पाटन तहसील अंतर्गत ग्राम जामगांव (एम) पहुंचेंगे। मुख्यमंत्री वहां स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल का लोकार्पण करेंगे और स्वर्गीय श्री चन्दूलाल चन्द्राकर जी की मूर्ति पर माल्यार्पण करेंगे। वे इसके पश्चात् दोपहर 2.15 बजे जामगांव (एम) से कार द्वारा प्रस्थान कर तर्रा (पाटन) स्थित सिंचाई विभाग के विश्राम गृह में पहुंचेंगे।
मुख्यमंत्री दोपहर 2.40 बजे लताकुंज-तर्रा में चन्द्रनाहू (चन्द्राकर) कुर्मी समाज पाटन-जामगांव (एम) परिक्षेत्र के तत्वाधान में आयोजित पूज्य चन्दूलाल चन्द्राकर जी के पुण्य तिथि, मिलन एवं सम्मान समारोह में शामिल होंगे। मुख्यमंत्री इसके पश्चात् अपरान्ह 3.45 बजे जामगांव-एम से हेलीकॉप्टर द्वारा प्रस्थान कर 4 बजे पुलिस ग्राउण्ड हेलीपेड रायपुर लौट आएंगे।
घर बैठे 50 हजार से अधिक नागरिकों तक पहुँची सुविधाएं
सूरजपुर के गढ़कलेवा में मिलेट्स कैफे का शुभारंभ
रायपुर। सूरजपुर जिले के पहले मिलेट्स कैफे का शुभारंभ स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने गढ़कलेवा में किया। लघु-धान्य फसलों के प्रोत्साहन के लिए छत्तीसगढ़ शासन की महत्वकांक्षी योजना मिलेट्स मिशन अंतर्गत जिला प्रशासन की पहल पर मिलेट्स कैफे शुरू किया गया है। मंत्री डा. टेकाम ने महिला स्व-सहायता समूह से चर्चा कर उन्हें प्रोत्साहित किया। डा. टेकाम ने यहां रागी के लड्डू का स्वाद चखा और रागी का आटा खरीदा। इस मिलेट्स कैफे का संचालन राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन अंतर्गत गठित लक्ष्मी महिला संकुल संगठन द्वारा किया जाएगा।
इस मिलेट्स कैफे में कोदो, कुटकी, रागी समेत अन्य लघु धान्य फसलों से निर्मित व्यंजन जैसे इडली, दोसा, पोहा, उपमा, भजिया, खीर, हलवा, कुकीज आदि छत्तीसगढ़ के पारंपरिक व्यंजन आम जनता के लिए उपलब्ध रहेंगे। मिलेट्स कैफे के शुभारंभ के अवसर पर वन विभाग द्वारा कोदो, कुटकी एवं रागी से निर्मित लड्डू, पास्ता, चाऊमीन, कुकीज आदि की प्रदर्शनी लगाई गई। कृषि विभाग द्वारा मिलेट मिशन अंतर्गत प्रावधानों तथा मिलेट्स के बीजों का प्रदर्शन भी किया गया। मंत्री डॉ. टेकाम ने मिलेट्स काॅफी के शुभारंभ के पश्चात किसानों को रागी बीज का वितरण किया एवं मिलेट्स मिशन में अधिक से अधिक सहभागिता लाभ अर्जित करने शुभकामनाएं दी।
गौरतलब है की छत्तीसगढ़ राज्य देश का पहला ऐसा राज्य है जो समर्थन मूल्य पर मिलेट्स की खरीदी कर रहा है। कैफे का मुख्य उद्देश्य मिलेट्स को बढ़ावा देने और विभिन्न मिलेट्स का उपयोग करके मुख्यधारा और पारंपरिक दोनों प्रकार के व्यंजनों का प्रदर्शन करने के किया जा रहा है। पीढियों से रागी, कोदो जैसे अनाज हमारे आहार का प्रमुख हिस्सा हुआ करता था, किंतु अब इनका उपयोग सीमित हो गया है। यह अनाज सेहत के लिए जरूरी बहुत से पोषक तत्वों से युक्त होते हैं।