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Board Exam 2023:खेल खेल में पढ़ाई से बढ़ता है आत्मविश्वास

रायपुर। 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा सिर पर है। ऐसे मे बच्चों का तनावमुक्त होना बेहद जरूरी है। परीक्षा में सफलता और अपने लक्ष्य की प्राप्ति के रास्ते में आने वाली संभावित बाधाओं और उसे दूर करने के उपायों पर विचार करते हुए संत ज्ञानेश्वर स्कूल के शिक्षक रोशन सिहं राजपूत, मोनिका देवांगन और सोनाली पराड़कर ने बताया कि खेल खेल में पढ़ाई के माध्यम से हम बच्चों में कैसे आत्मविश्वास पैदा कर सकते हैं।

हम सभी चाहते हैं कि हमारे बच्चे भविष्य में सफ़ल हों और खुश रहें। ये बच्चे जहां भी जाएं छा जाएं और अपने आसपास का माहौल खुशनुमा कर दें। ऐसा करने की ताकत मिलती है आत्मविश्वास यानि सेल्फ़-कॉन्फिडेंस से। हर बच्चा जन्म के साथ ही कुछ गुण लेकर पैदा होता है। इन्हीं में से एक गुण है आत्मविश्वास। छोटे बच्चे आत्मविश्वास से भरे होते हैं। कहीं से भी छलांग लगा दी, किसी को भी बिना डरे कुछ भी कह दिया या सड़क पर दिल खोलकर खूब डांस किया, बच्चे हम बड़ों के लिए प्रेरणा होते हैं।

लेकिन उम्र के छठे, सातवें पड़ाव तक पहुंचते हुए उनका कॉन्फिडेंस धीरे-धीरे कम होता जाता है। स्कूल, घर, पास-पड़ोस में लगातार बढ़ती उम्मीदों और कॉम्पिटीशन से बच्चों का आत्मविश्वास बहुत ज़्यादा प्रभावित होता है। इसीलिए ये पेरेंट्स की ज़िम्मेदारी होती है कि हम उनका ये आत्मविश्वास घटने ना दें। आत्मविश्वास उनके बेहतर भविष्य के लिए सबसे ज़रूरी क्वालिटी होगा। आत्मविश्वास के बल पर वो दुनिया में जो चाहे, जहां चाहे हासिल करने में सफ़ल होगा।

ऐसे में आप एक पैरेंट होने के नाते अपनाएं कुछ तरीके जिनसे उनका कॉन्फिडेंस लगातार बढ़ता जाए और वो कभी अपनी क्षमताओं पर शक ना करें।

बच्चों में कॉन्फिडेंस बढ़ाने के टॉप 6 तरीके

1.  खूब प्यार करें और प्यार जताएं

2,  सही बात के लिए तारीफ़ करें

3. उन्हें खुद से पॉज़िटिव बातें करना सिखाएं

4.  परिस्थितियों के हिसाब से ढलना सिखाएं

5. एक्स्ट्राकरिकुलर एक्टिविटीज़ और स्पोर्ट्स के लिए प्रेरित करें

6.  उनके सपनों को पंख दें

 

साथ ही साथ उन्होंने यह भी बताया कि-

 

 

* विद्यार्थी एवं विद्यालय को अपना परिवार समझकर शिक्षकों को अपना शिक्षण कार्य और अधिक प्रभावी तरीके से संपन्न करना चाहिए|

* बच्चों को हमें शिक्षा के साथ-साथ संस्कार मौलिक कर्तव्य क्षमा दया सहयोग जैसे ज्ञान भी प्रदान करने चाहिएl

* बच्चों को ऊर्जावान होकर पढ़ना चाहिए अगर गुरु में उर्जा नहीं होगी तो वह अपनी बात बच्चों तक प्रभावी तरीके से नहीं पहुंचा सकेंगे l

* शिक्षक को बच्चों का आदर्श होना चाहिए जो गुरु कहेंगे एवं करेंगे उन्हें विद्यार्थी अपने जीवन में अमल जरूर करेंगे l

* शिक्षकों ने बताया कि हमें इस बात को ध्यान में रखना चाहिए कि बच्चों को हमेशा खाने में पौष्टिक आहार देना चाहिए l

* 40 मिनट की कक्षा में कम से कम 5 मिनट का क्रियाकलाप करना चाहिए जिससे बच्चों का उत्साह बना रहे और साथ ही साथ उनकी कक्षा में रुचि बनी रहे l

* कक्षा में शिक्षकों को पढ़ाई खेल विधि से भी करानी चाहिए जिससे बच्चों का उत्साह बना रहेl

* प्रत्येक छात्र एवं छात्राएं को क्रियाकलाप में भागीदारी करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिएl