देश-विदेश
पूर्वोत्तर क्षेत्र में पहली बार प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को प्रदर्शित करने वाला भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव आयोजित होगा : डॉ. जितेंद्र सिंह
खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग : भारत सरकार मना रहा विशेष अभियान 4.0
नई दिल्ली | कार्यस्थल की स्वच्छता बढ़ाने, टिकाऊ प्रथाओं को बढ़ावा देने और लंबित मामलों के अधिकतम निपटारे पर केंद्रित विशेष अभियान 4.0 का कार्यान्वयन चरण, 2 अक्टूबर से शुरू हुआ है और 31 अक्टूबर 2024 को समाप्त होगा। अपने प्रारंभिक चरण 16 सितंबर 2024 से 30 सितंबर, 2024 के दौरान, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने, अपने अधीन व संबद्ध कार्यालयों, पीएसयू, स्वायत्त निकायों और प्राधिकरणों के साथ, सक्रिय रूप से स्वच्छता अभियान स्थलों की पहचान करने, स्क्रैप और बेकार वस्तुओं का निपटान करने, लंबित आधिकारिक संदर्भों, शिकायतों और अपीलों का समाधान करने और स्थान और रिकॉर्ड प्रबंधन की योजना बनाने पर काम किया। इनसे संबंधित लक्ष्य भी एससीडीपीएम पोर्टल पर अपलोड किए गए।
अभियान के प्रारंभिक चरण के दौरान, माननीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री ने उपभोक्ता मामले विभाग और खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विभाग के आम क्षेत्रों और प्रभागों का निरीक्षण किया।
इस चरण के दौरान सचिव (एफपीडी) और संयुक्त सचिव (प्रशासन) की अध्यक्षता में भारतीय खाद्य निगम, केंद्रीय भंडारण निगम, भंडारण विकास और नियामक प्राधिकरण, राष्ट्रीय शर्करा संस्थान, कानपुर और भारतीय अनाज भंडारण और प्रबंधन अनुसंधान संस्थान, हापुड़ के नोडल अधिकारियों के साथ कई बैठकें भी आयोजित की गईं।
सचिव (एफपीडी) की ओर से सभी पीएसयू से अभियान को सफल बनाने के लिए व्यक्तिगत भागीदारी और नेतृत्व की अपेक्षा करते हुए एक विभागीय आदेश (डी.ओ.) भी भेजा गया। उन्हें अपने कार्यालयों/फील्ड कार्यालयों को उचित निर्देश जारी करने का भी अनुरोध किया गया था ताकि समय सीमा का पालन सुनिश्चित हो सके और डीएआरपीजी द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अनुसार गतिविधियाँ आयोजित की जाएं।
नोडल अधिकारी एवं संयुक्त सचिव (प्रशासन) और विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने स्वच्छता अभियान की देखरेख के लिए विभागीय कैंटीन और प्रभागों का भी निरीक्षण किया।
इस राष्ट्रव्यापी अभियान के अंग के रूप में, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग अपने पीएसयू/संबद्ध और अधीनस्थ कार्यालयों के साथ मिलकर विशेष अभियान 4.0 के दौरान प्रशासन, स्थल और रिकॉर्ड प्रबंधन को सुव्यवस्थित करने के अभियान के लक्ष्य के अनुरूप लंबित संदर्भों और जन शिकायतों की पहचान और निवारण करेगा। उदाहरण के लिए, विभाग के तहत एक पीएसयू, भारतीय खाद्य निगम, अपने मुख्यालयों के अलावा, भारत भर में 760 से अधिक स्थानों पर उत्तर में लेह लद्दाख से दक्षिण के तूथुकुडी और पोर्ट ब्लेयर तक दूरदराज के स्थानों को कवर करते हुए, अपने क्षेत्र और आउटस्टेशन कार्यालयों पर विशेष ध्यान देगा। साथ ही सरकारी कार्यालयों में समग्र स्वच्छता सुनिश्चित करने पर ध्यान होगा, जिसमें स्थान प्रबंधन और क्षेत्रीय कार्यालयों में कार्यस्थल के अनुभव को बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इसका एक प्रमुख घटक सभी संबंधित एफसीआई कार्यालयों में पुरानी फाइलों और रिकॉर्ड की समीक्षा और छँटाई, रिकॉर्ड प्रबंधन में सुधार का होगा।
अब तक खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने विशेष अभियान 4.0 के लिए चिन्हित किए गए अपने लक्ष्यों में पहले ही महत्वपूर्ण प्रगति कर ली है।
दिल्ली के कनॉट प्लेस स्थित खादी भवन में ‘गांधी जयंती’ पर बिक्री 2 करोड़ रुपये से अधिक हुई
प्रधानमंत्री ने ‘मन की बात’ के 114वें एपिसोड में ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘मेड इन इंडिया’ उत्पाद खरीदने की अपील की थी
‘माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में फल-फूल रही ‘चरखा क्रांति’ अब ‘विकसित भारत की गारंटी’ बन गई है: केवीआईसी के अध्यक्ष मनोज कुमार
नई दिल्ली | ‘नए भारत की नई खादी’ के प्रणेता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अपील पर दिल्ली के लोगों ने खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों की खरीद का अब तक का सर्वश्रेष्ठ रिकॉर्ड बनाया है।
2 अक्टूबर को 'गांधी जयंती' के दिन रीगल बिल्डिंग, कनॉट प्लेस, नई दिल्ली के अग्रणी 'खादी भवन' में पहली बार एक दिन में खादी एवं ग्रामोद्योग उत्पादों की सर्वाधिक बिक्री दर्ज की गई, जिसकी कीमत 2 करोड़ 1 लाख 37 हजार रुपये है। यह खादी एवं ग्रामोद्योग के इतिहास में देश के किसी भी खादी स्टोर की तुलना में सर्वाधिक बिक्री है।
भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय के खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के अध्यक्ष मनोज कुमार ने गांधी जयंती पर पूज्य बापू की विरासत खादी की अभूतपूर्व बिक्री का श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की 'ब्रांड पावर' और उनके नेतृत्व में पिछले 10 वर्षों से फल-फूल रही 'चरखा क्रांति' को दिया है।
केवीआईसी के अध्यक्ष ने एक बयान में कहा कि 29 सितंबर, 2024 को 'मन की बात' कार्यक्रम के 114वें एपिसोड में माननीय प्रधानमंत्री ने त्योहारों के मौसम में 'वोकल फॉर लोकल' अभियान के तहत देशवासियों से 'मेड इन इंडिया' और स्थानीय उत्पाद खरीदने की अपील की थी। इसका लोगों पर काफी अच्छा प्रभाव पड़ा है। उनकी अपील का ही नतीजा है कि पिछले वर्षों में हर साल गांधी जयंती पर खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों की बिक्री का नया रिकॉर्ड बना है। यह इस बात को दर्शाता है कि माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में परवान चढ़ रही 'चरखा क्रांति' अब 'विकसित भारत की गारंटी' बन गई है।
बिक्री के ताजा आंकड़ों के अनुसार, गांधी जयंती पर दिल्ली के कनॉट प्लेस स्थित खादी भवन में 2.01 करोड़ रुपये के खादी एवं ग्रामोद्योग उत्पाद बिके, जिसमें 67.32 लाख रुपये की सूती खादी, 44.75 लाख रुपये की रेशमी खादी, 7.61 लाख रुपये की ऊनी खादी, 1.87 लाख रुपये की पॉली खादी, 65.09 लाख रुपये की रेडीमेड खादी, 12.29 लाख रुपये के ग्रामोद्योग उत्पाद तथा 2.44 लाख रुपये के हस्तशिल्प उत्पाद शामिल हैं।
पिछले साल के मुकाबले इस बार सबसे ज्यादा बिक्री सूती खादी की हुई। वर्ष 2023 में जहां 26.89 लाख रुपये की सूती खादी बिकी थी। इस बार 150.35 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 67.32 लाख रुपये पर पहुंच गई। रेडीमेड माल की बढ़ती बिक्री इस बात का प्रतीक है कि युवा वर्ग खादी को तेजी से अपना रहा है।
"साथियों, इस त्यौहारी सीजन में आप एक बार फिर अपने पुराने संकल्पों को दोहरा सकते हैं। आप जो भी खरीदें, वो 'मेड इन इंडिया' होना चाहिए... आप जो भी उपहार दें, वो भी ‘मेड इन इंडिया’ होना चाहिए। केवल मिट्टी के दीये खरीदना 'वोकल फॉर लोकल' नहीं है। आपको अपने क्षेत्र में बने स्थानीय उत्पादों को अधिक से अधिक बढ़ावा देना चाहिए। ऐसा कोई भी उत्पाद, जो भारतीय कारीगर के पसीने से बना हो, जो भारतीय धरती पर बना हो, वो हमारा गौरव है - हमें इस गौरव को हमेशा और बढ़ाना है।"
प्रधानमंत्री 5 अक्टूबर 2024 को महाराष्ट्र के वाशिम में पीएम-किसान योजना की 18वीं किस्त जारी करेंगे
एक मजबूत मूल्य आपूर्ति श्रृंखला स्थापित करने तथा छोटे, सीमांत और भूमिहीन किसानों का समर्थन करने के लिए, भारत सरकार ने देश के प्रत्येक ब्लॉक को शामिल करते हुए 10,000 एफपीओ के गठन और प्रोत्साहन के लिए केंद्रीय क्षेत्र योजना (सीएसएस) की शुरुआत की थी। आज तक, लगभग 9,200 एफपीओ गठित किये गए हैं, जिससे 24 लाख किसान लाभान्वित हुए हैं, जिनमें 8.3 लाख महिलाएं और 5.77 लाख एसटी और एससी लाभार्थी शामिल हैं। इन एफपीओ का अब संयुक्त वार्षिक कारोबार 1,300 करोड़ रुपये से अधिक है, और इन्हें भी कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्र को समर्पित किया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुलाई उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक
प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में शुक्रवार को सुरक्षा मामलों पर कैबिनेट की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें पश्चिम एशिया के संकट और उसके भारत पर संभावित प्रभाव पर चर्चा की गई।
नई दिल्ली | पश्चिम एशिया में बढ़ते संकट का प्रभाव भारत पर भी पड़ सकता है। इस संकट के कारण वैश्विक स्तर पर तेल की कीमतें बढ़ने की संभावना व्यक्त की जा रही है। यदि ऐसा हुआ, तो इसका सीधा असर भारत की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा। इसी कारण, प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में शुक्रवार को सुरक्षा मामलों पर कैबिनेट की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें पश्चिम एशिया के संकट और उसके भारत पर संभावित प्रभाव पर चर्चा की गई।
इस्राइल द्वारा ईरान के तेल ठिकानों पर हमले की संभावना जताई जा रही है। हाल ही में इस्राइली हवाई हमले में ईरान समर्थित हिज़बुल्ला नेता हसन नसरल्ला की मौत हो गई थी, जिसके जवाब में ईरान ने इस्राइल पर मिसाइल और रॉकेट हमले किए। इसके बाद, इस्राइल ने भी कड़ा जवाब देने की धमकी दी थी। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने हाल ही में कहा कि इस्राइल ईरान के तेल ठिकानों पर हमला कर सकता है। इसके बाद से दुनियाभर में तेल की कीमतें बढ़ने की आशंका और प्रबल हो गई है, जिससे भारत को भी नुकसान हो सकता है।
भारत अपनी जरूरत का 85 प्रतिशत से अधिक तेल आयात करता है। पेट्रोलियम मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2023-24 में भारत ने 2 करोड़ 94 लाख टन कच्चा तेल आयात किया, जिसके लिए 132.4 अरब डॉलर का भुगतान किया गया। भारत दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक देश है। ऐसे में यदि तेल की कीमतों में वृद्धि होती है, तो इसका असर भारत के खजाने और सरकार के बजट पर होगा।
पश्चिम एशिया के मौजूदा हालात को देखते हुए, संकट के लंबे समय तक जारी रहने का खतरा है, जिससे भारत सरकार की चिंताएँ बढ़ना स्वाभाविक है।
मराठी, पाली, प्राकृत, असमिया और बंगाली को ‘शास्त्रीय भाषा’ का मिला दर्जा
भोपाल। नरेंद्र मोदी सरकार ने गुरुवार को मराठी, पाली, प्राकृत, असमिया और बंगाली को ‘शास्त्रीय भाषा’ का दर्जा दिया। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, “यह ऐतिहासिक निर्णय है। पीएम मोदी ने हमेशा भारतीय भाषाओं पर ध्यान केंद्रित किया है। आज मराठी, पाली, प्राकृत, असमिया और बंगाली जैसी 5 भाषाओं को शास्त्रीय भाषा के रूप में मंजूरी दी गई है।” 2013 में महाराष्ट्र सरकार ने मराठी भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने का एक प्रस्ताव केंद्र को भेजा था। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से ऐन पहले यह सरकार का बड़ा दांव माना जा रहा है।
गुरुवार को मोदी सरकार के ऐलान के बाद अब कुल 11 शास्त्रीय भाषाएं हो जाएंगी। इससे पहले तमिल, संस्कृत, तेलुगु, कन्नड, मलयालम और उड़िया को शास्त्रीय भाषा का दर्जा प्राप्त है। गुरुवार को अहम फैसला लेते हुए मोदी सरकार ने ऐलान किया कि शास्त्रीय भाषा में मराठी, पाली, प्राकृत, असमिया और बंगाली भाषाएं भी होंगी। ये महाराष्ट्र (मराठी), बिहार (पाली और प्राकृत), पश्चिम बंगाल (बंगाली) और असम (असमिया) से संबंधित हैं।
मंत्रिमंडल के फैसलों की जानकारी देते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, ‘‘यह एक ऐतिहासिक निर्णय है और यह फैसला प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राजग सरकार के हमारी संस्कृति को आगे बढ़ाने, हमारी विरासत पर गर्व करने और सभी भारतीय भाषाओं तथा हमारी समृद्ध विरासत पर गर्व करने के दर्शन के अनुरूप है।’’ सरकार ने कहा कि शास्त्रीय भाषाएं भारत की प्राचीन सांस्कृतिक विरासत की संरक्षक के रूप में काम करती हैं, तथा प्रत्येक समुदाय के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक सार को प्रस्तुत करती हैं।
एक सरकारी बयान में कहा गया है कि 2013 में महाराष्ट्र सरकार की ओर से एक प्रस्ताव प्राप्त हुआ था जिसमें मराठी को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने का अनुरोध किया गया था। इस प्रस्ताव को भाषा विज्ञान विशेषज्ञ समिति (एलईसी) को भेज दिया गया था। एलईसी ने शास्त्रीय भाषा के लिए मराठी की सिफारिश की।
नि:स्वार्थ सेवा भाव है सनातन संस्कृति का मूल-मंत्र: मुख्यमंत्री डॉ. यादव
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि नि-स्वार्थ भाव से समाज की सेवा करने का मौका मिलना परमात्मा की कृपा है। मृत्यु-लोक में अपने प्रारब्ध के बल पर 84 लाख योनियों में से मानव शरीर का मिलना भी परमात्मा की कृपा है। जन्म और मृत्यु के बीच काल-खंड में अपने श्रेष्ठ कर्मों से प्रारब्ध को सत्कर्मों में बदलने, विशेषकर समाज सेवा का अवसर परमात्मा प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि संत ईश्वर सम्मान जैसा मंच समाज सेवा की इस अनुपम भावना को मान्यता प्रदान करता है। संत ईश्वर फाउंडेशन और राष्ट्रीय सेवा भारती द्वारा सुदूर क्षेत्रों से आए सनातन संस्कृति के विभिन्न समाजसेवियों को सम्मानित कर समाज सेवा की परंपरा को बढ़ाने का काम सराहनीय है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव बुधवार को दिल्ली के भारत मंडपम् में आयोजित संत ईश्वर सम्मान समारोह 2024 में शामिल हुए।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सनातन संस्कृति विश्व में अद्वितीय है, जो हमारे लिए गर्व का विषय है। उन्होंने कहा कि सनातन संस्कृति में अग्नि-वस्त्रधारी संतों का योगदान सर्वाधिक है, जो प्राणियों को सूर्य की भूमिका में ऊर्जा और मार्गदर्शन देते हैं। संत और सनातन परंपरा जीवन की कठिनाइयों और चुनौतियों से सामना करने की राह दिखाती है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि संतश्री 33 करोड़ देवताओं का प्रतिनिधित्व कर ‘यद् पिण्डे-तद् ब्रह्मांडे’ के वैदिक वाक्य को चरितार्थ कर रहे है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि 'संत ईश्वर फाउंडेशन' ने पिछले 22 वर्षों में जो उत्कृष्ट कार्य किये हैं, वे समाज सेवा का सच्चा उदाहरण है। फाउंडेशन ने ऐसे क्षेत्रों में सेवा का दीपक जलाने का बीड़ा उठाया है, जहाँ संसाधनों का अभाव है और शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी सुविधाओं तक पहुँच सीमित है। उन्होंने कहा कि शिक्षा, सामाजिक और आर्थिक विकास का महत्वपूर्ण साधन है। फाउंडेशन ग्रामीण औद दुर्गम क्षेत्रों शिक्षा का अलख जगाने का कार्य कर रहा है, जो आर्थिक और सामाजिक कठिनाइयों के कारण शिक्षा से वंचित हैं। समाज में एकता, समरसता और शिक्षा के प्रसार के लिये फाउंडेशन के कार्य प्रशंसनीय हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों में विशेष योगदान देने वाली विभूतियों को सम्मानित भी किया। कार्यक्रम में श्रीराम कथा से सनातन की अलख जगाने वाले व अपनी कविताओं से युवाओं के मन में राष्ट्र सेवा का जागरण करने वाले कवि श्री कुमार विश्वास को संत ईश्वर विशेष सम्मान प्रदान किया गया। शाजापुर जिले के काला पीपल निवासी श्री जयराम पाटीदार को वर्ष 2002 से श्रीकृष्ण बलराम गौशाला के माध्यम से गौवंश की सेवा, पंचगव्य उत्पादों के निर्माण, प्राकृतिक खेती और सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए ग्रामीण क्षेत्र के संत ईश्वर सम्मान से पुरस्कृत किया गया।
हिन्दी, भावों की अभिव्यक्ति और मातृभूमि पर मर-मिटने की भक्ति है: राज्यपाल पटेल
भोपाल। राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा है कि हिन्दी, माँ भारती के मस्तक की बिंदी है। यह सिर्फ भाषा नहीं, भावों की अभिव्यक्ति और मातृ भूमि पर मर मिटने की भक्ति है। हिंदी के सतत् विकास, समृद्धि और प्रसार के लिए क्षेत्रीय शब्दों का हिन्दीकरण और सरलीकरण जरूरी है। राज्यपाल पटेल मध्यप्रदेश राष्ट्र भाषा प्रचार समिति द्वारा आयोजित हिन्दी भाषी साहित्यकार और हिन्दी सेवा सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने सम्मानित लेखकों, प्रशासनिक अधिकारियों, हिन्दी सेवा साधकों और युवा साहित्यकारों को बधाई और शुभकामनाएं दीं।
राज्यपाल ने कहा कि पिछले कुछ दशकों में हिन्दी का प्रसार अहिंदी भाषी राज्यों सहित विदेशों में भी बढ़ा है। यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हिन्दी भाषा की लोकप्रियता में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। प्रधानमंत्री मोदी विश्व मंचों पर जब अपनी बात हिंदी में रखते हैं तो सम्पूर्ण विश्व बड़े ध्यान से सुनता है। उन्होंने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में हिंदी एवं क्षेत्रीय भाषाओं में अध्ययन-अध्यापन के अवसर बढ़ाने पर विशेष जोर दिया है। राज्यपाल ने कहा कि मध्यप्रदेश इंजीनियरिंग और चिकित्सा जैसे वैज्ञानिक विषयों की सम्पूर्ण पढ़ाई हिंदी में कराने वाला देश का पहला राज्य है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश राष्ट्र भाषा प्रचार समिति महात्मा गांधी जी के हिंदी के माध्यम से राष्ट्रीय एकता के सपने को पूरा करने की दिशा में प्रयासरत है।
राज्यपाल पटेल ने कहा कि हमें अहिंदी भाषियों की हिन्दी के प्रति रूचि बढ़ाने, उनकी कठिनाईयों को समझना होगा। उसका समाधान करना होगा। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर अहिंदी भाषियों को जोड़ कर हिंदी में चर्चा के लिए प्रोत्साहित करने के प्रयासों पर भी चिंतन किया जाना चाहिए। राज्यपाल ने कहा कि हिंदी को वैश्विक बनाने और लोगों की रुचि बढ़ाने वेब-साइट और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के उपयोग की सम्भावनाओं पर चिंतन किया जाना चाहिए। हिंदी के भाषायी विकास में योगदान देने वालों और हिंदी के क्षेत्र में व्यावसायिक उपलब्धियां प्राप्त करने वालों के सम्मान की पहल भी जरूरी है।
प्रशांत किशोर ने बनाई ‘जन सुराज’ पार्टी...., बोले- जो लालू-नीतीश और मोदी नहीं कर पाए वो हम करेंगे
डेस्क। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती के अवसर पर पटना के वेटरनरी कॉलेज ग्राउंड में एक नए राजनीतिक दल की स्थापना की घोषणा की गई। राजनीतिक विश्लेषक प्रशांत किशोर ने बुधवार को अपनी पार्टी के नाम का ऐलान कर दिया। उनके दल का नाम ‘जन सुराज’ पार्टी होगा। इस बात की घोषणा खुद प्रशांत किशोर ने पटना के वेटरनरी ग्राउंड में आयोजित एक सभा के दौरान की।
प्रशांत किशोर ने सभा के दौरान कहा कि हमारा अभियान पिछले दो-ढाई साल से चल रहा है। चुनाव आयोग की ओर से जन सुराज पार्टी को अनुमति मिल गई है। अगर प्रदेश में हमारी सरकार बनी तो एक घंटे के अंदर शराब बंदी की नीति को उखाड़कर फेंक देंगे। प्रशांत किशोर ने ‘जय-जय बिहार’ का नारा देते हुए कहा, “हम अपने जीवनकाल में एक ऐसा बिहार बनाएंगे कि देश और दुनिया में कोई उसे गाली नहीं दे पाएगा। जन सुराज का उद्देश्य है कि बिहार को उसका गौरव वापस मिल सके। लेकिन, कई लोग हमसे यह पूछेंगे कि हमारे विचार क्या हैं, हम वामपंथी हैं या फिर दक्षिणपंथी। हमारी सभा में समाजवादी, अंबेडकरवादी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और मुस्लिम समाज के लोग भी आए हैं। जन सुराज की विचारधारा मानवता है और इससे बढ़कर हमारे लिए कुछ और नहीं है।”
उन्होंने आगे कहा, “हमारा उद्देश्य है कि धर्म और जाति के नाम पर किसी के साथ भेदभाव ना हो। हमें ना तो मुख्यमंत्री बनना है और ना ही विधायक बनना है। मगर हमारा लक्ष्य यही है कि अपने जीवनकाल के दौरान हम एक ऐसा बिहार देख सकें, जहां हरियाणा, पंजाब, गुजरात और महाराष्ट्र से लोग रोजगार के लिए आ सकें, तभी हम मानेंगे कि बिहार में काम हुआ है।”
प्रशांत किशोर ने सभा को संबोधित करते हुए कहा, “आपको जिसको वोट देना हो दे दो, लेकिन हम आपके बच्चों की पढ़ाई और रोजगार के इंतजाम जरूर करेंगे। कुछ लोग पूछ रहे हैं कि बिहार विकास को हासिल कैसे करेगा? जब लालू-नीतीश और पीएम मोदी से नहीं हो पाया है तो प्रशांत किशोर कैसे करेगा? लेकिन हम आपको करके दिखाएंगे।”
विवाह पूर्व कुंडली मिलान से ज्यादा जरूरी है सिकल सेल कार्ड का मिलान : राज्यपाल पटेल
भोपाल। राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि स्वस्थ पीढ़ी के लिए विवाह पूर्व जन्म कुंडली मिलान से ज्यादा जरूरी सिकल सेल जेनेटिक काऊंसलिंग कार्ड का मिलान करना है, क्योंकि यदि सिकल सेल रोगी और वाहक आपस में विवाह करते हैं, तो निश्चित ही उनकी सन्तान सिकल सेल रोग से ग्रसित होगी। यदि पति-पत्नी दोनों इस रोग के वाहक हैं, तो भी उनकी भावी सन्तान सिकल सेल से प्रभावित होगी, इसकी ज्यादा संभावना रहती है। राज्यपाल श्री पटेल ने सिकल सेल एनीमिया रोगियों को अपने खान-पान का विशेष ध्यान रखने और अपने घर का पका भोजन ही करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि ऐसे व्यक्ति अपनी दिनचर्या में नियमित पौष्टिक आहार, योग और व्यायाम को शामिल करें। राज्यपाल पटेल सोमवार को शासकीय कमला नेहरू कन्या महाविद्यालय के छात्रावास में आयोजित सिकल सेल एनीमिया स्क्रीनिंग शिविर को संबोधित कर रहे थे। जनजातीय कार्य विभाग और स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस स्क्रीनिंग शिविर में जनजातीय कार्य, लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन तथा भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह भी उपस्थित थे।
राज्यपाल पटेल ने कहा कि सिकल सेल एनीमिया की रोकथाम के लिए गर्भधारण के पूर्व और गर्भावस्था में भी मेडिकल काऊंसलिंग बहुत जरूरी है। अब जन्म के 72 घंटों में सिकल सेल का पता लगने पर नवजात शिशुओं के विशेष उपचार की सुविधाएं उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्र और राज्य सरकार मिलकर सिकल सेल एनीमिया के उन्मूलन के लिए विशेष प्रयास कर रही हैं। राज्यपाल श्री पटेल ने संबंधित विभागों को सिकल सेल स्क्रीनिंग के लिए लक्षित प्रत्येक व्यक्ति की अत्यंत गंभीरता से स्क्रीनिंग कराने के निर्देश दिए।
राज्यपाल ने कहा कि भारतीय संस्कृति में मातृ-शक्ति का विशेष महत्व है। सिकल सेल उन्मूलन के लिए बेटियों का योगदान जरूरी है। उन्होंने कहा कि सिकल सेल जागरूकता के लिए बेटियां आगे आयें और अपने करीबियों, रिश्तेदारों व आस-पड़ौस के लोगों को इस रोग के बारे में बताएं और रक्त की जांच कराने को कहें। राज्यपाल ने उपस्थित जनों से अपील की कि सिकल सेल रोग के लक्षण, रोकथाम और उन्मूलन के प्रयासों में हर व्यक्ति सक्रिय योगदान करे। मानवता की सेवा के इस पुनीत कार्य के प्रति हमेशा संवेदनशील रहें। उन्होंने 2047 तक भारत को सिकल सेल एनीमिया से मुक्त बनाने के संकल्प के लिए सामूहिक सहभागिता का आहवान किया।
अंग्रेजी का यह शब्द सुनकर भड़के CJI चंद्रचूड़, भरी कोर्ट में बोले
डेस्क। सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका पर सुनवाई कर रहे CJI डीवाई चंद्रचूड़ को याचिकाकर्ता का एक शब्द पसंद नहीं आया। सोमवार को उन्होंने यह तक कह दिया कि ‘यह कोई कॉफी शॉप नहीं है।’ हालांकि, बाद में याचिकाकर्ता ने अपनी भाषा में सुधार किया। खबर है कि इसके बाद सीजेआई ने अनुच्छेद 32 याचिका को दाखिल करने पर भी सवाल किया। याचिकाकर्ता एक रिट याचिका को लेकर बहस कर रहे थे। उस दौरान मुख्य न्यायाधीश ने सवाल उठाया कि यह मामला अनुच्छेद 32 याचिका के लिए उचित है या नहीं। दरअसल, इस याचिका के जरिए मौलिक अधिकारों के उल्लंघन पर सीधे सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल की जा सकती हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सीजेआई ने कहा, ‘क्या यह आर्टिकल 32 याचिका है क्या? एक जज को प्रतिवादी बनाकर आप PIL कैसे दाखिल कर सकते हैं।’ इस पर याचिकाकर्ता ने जवाब दिया, ‘Yeah, yeah तत्कालीन सीजेआई रंजन गोगाई। मुझे क्यूरेटिव दाखिल करने के लिए कहा गया था।’ Yeah शब्द सुनकर सीजेआई खासे नाराज हो गए थे। CJI ने कहा, ‘Yeah yeah Yeah मत कहो। कहो हां। यह कोई कॉफी शॉप नहीं है। यह कोर्ट है। मुझे Yeah बोलने वाले लोगों से एलर्जी है।’ उन्होंने यह भी कहा, ‘जस्टिस गोगोई इस कोर्ट के पूर्व जज हैं और आप एक जज के खिलाफ इस तरह की याचिका नहीं दाखिल कर सकते हैं और सिर्फ इसलिए कि आप पहली बेंच के सामने सफल नहीं हुए, तो इन हाउस जांच की मांग नहीं कर सकते।’
याचिकाकर्ता ने कहा, ‘लेकिन जस्टिस गोगोई ने उस बयान के आधार पर मेरी याचिका दाखिल कर दी थी, जिस बयान को मैंने अवैध होने की चुनौती दी है। मेरी कोई गलती नहीं है। मैंने सीजेआई ठाकुर से मेरी समीक्षा याचिका श्रम कानून से परिचित बेंच के सामने बढ़ा दें… लेकिन ऐसा नहीं हुआ और याचिका खारिज हो गई।’ खबर है कि सीजेआई चंद्रचूड ने याचिकाकर्ता को याचिका से जस्टिस गोगोई का नाम हटाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि रजिस्ट्री इस याचिका को देखेगी।
डेन्टल इम्प्लांट की आधुनिक तकनीक आमजन को बेहतर चिकित्सा सेवा प्रदान करने में होगी मददगार : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने देश में नई तकनीकी और नवाचार के लिए कई अलग-अलग विधाओं को प्रोत्साहित किया है। उन्होंने गरीब तबके के लिये स्वास्थ्य क्षेत्र में वरदान बन रही आयुष्मान योजना की शुरूआत की, जिसमें 5 लाख रुपये तक का नि:शुल्क इलाज मिल रहा है। प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा हाल ही में घोषणा की गई है कि आयुष्मान योजना के अंतर्गत 70 वर्ष से अधिक उम्र वाले प्रत्येक वर्ग के व्यक्ति को भी इस योजना का लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नवाचार, नवीन तकनीक के साथ अलग-अलग विधाओं को प्रोत्साहित करते हैं। बदलते दौर में दांतों का इलाज अपना एक अलग महत्व रखता है। डेन्टल इम्प्लांट की आधुनिक तकनीक आमजन को बेहतर चिकित्सा सेवा प्रदान करने में मददगार सिद्ध होगी।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव शनिवार को इंदौर के ब्रिलिएंट कन्वेंशन सेंटर में आईएसओआई (इंडियन सोसाइटी ऑफ ओरल इंप्लांटोलॉजिस्ट्स) की तीन दिवसीय 30वीं नेशनल कॉन्फ्रेंस में शामिल हुए। "स्मार्ट इम्प्लांट सिस्टम और सही प्लानिंग" विषय पर आयोजित कॉन्फ्रेंस में राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के वक्ता एवं बड़ी संख्या में दंत रोग विशेषज्ञ उपस्थित हुए।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग और स्वास्थ्य शिक्षा को जोड़ते हुए इसे प्रभावी बनाने के लिए विशेष प्रयास किये गये हैं। प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधा का सभी को समुचित लाभ मिले इसके लिये हेल्थ एजुकेशन के क्षेत्र में राज्य सरकार ने कई नवाचार किए हैं। उन्होंने आयुष्मान भारत योजना में दांतों के इलाज को भी जोड़े जाने की आवश्यकता बताई। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में गंभीर रोगियों के लिये पीएमश्री एयर एंबुलेंस की सुविधा प्रारंभ की गई हैं। मध्यप्रदेश में पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज के माध्यम से भी आम जनता तक बेहतर चिकित्सा सेवाएं पहुंचाने की विशेष पहल की गई है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कॉन्फ्रेंस परिसर में प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।
कॉन्फ्रेंस आर्गेनाइजिंग चेयरमेन डॉ. मनीष वर्मा ने कॉन्फ्रेंस आयोजन के उद्देश्य पर विस्तृत प्रकाश डालते हुए स्वागत उद्बोधन दिया। डॉ. शरद शेट्टी ने संस्था के बारे में विस्तृत जानकारी दी। सेक्रेटरी डॉ. दीपक अग्रवाल ने बताया कि कॉन्फ्रेंस के तहत पहले दिन 18 सेशन और करीब 100 पेपर का प्रेजेंटेशन हुआ। साइंटिफिक चेयरमैन डॉ. शालीन खेत्रपाल ने बताया कि एक सत्र इंडस्ट्री आधारित भी था, जिसमें दंत रोग विशेषज्ञों के साथ ही इम्प्लांट बनाने वाली कंपनियों के टेक्नीशियन भी उपस्थित थे।
कांफ्रेस में इजराइल से आये डॉक्टर स्लोमो बिरसन ने बताया कि इम्प्लांट की तकनीक बदल रही है। उन्होंने डॉक्टर्स को डेंटिस्ट्री के क्षेत्र में हर दिन होने वाले तकनीकी नवाचारों और मेडिसिन के बारे में अपडेट रहने की सलाह दी। बताया गया कि अब मात्र तीन घंटों में मरीज के पूरे दांत लगाए जा सकते हैं। कॉन्फ्रेस में डॉ. सुदीप बोपारदीकर ने इम्प्लांट के तरीकों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने दंत प्रत्यारोपण को बेहतर और प्रभावी तरीके से तैयार करने की बात कही।
‘क्रिएट इन इंडिया’ चैलेंज के माध्यम से अपनी रचनात्मकता को उजागर करें
भारत के प्रधानमंत्री ने प्रतिभा और रचनात्मकता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से वेव्स के लिए 25 ‘क्रिएट इन इंडिया’ चैलेंज में भागीदारी को प्रोत्साहित किया: मन की बात का 114वां संस्करण
संगीत, शिक्षा और एंटी-पायरेसी जैसे क्षेत्रों को कवर करने चैलेंज के माध्यम से गेमिंग, एनीमेशन, रील और फिल्म निर्माण में रचनाकारों के लिए अपार संभावनाएं: नरेन्द्र मोदी
भारत के मीडिया तथा मनोरंजन उद्योग को बढ़ावा देने और क्रिएटर इकोनॉमी को बढ़ावा देने के लिए 5-9 फरवरी, 2025 तक वर्ल्ड ऑडियो विजुअल एंड एंटरटेनमेंट समिट का आयोजन
नई दिल्ली | भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने 114वें मन की बात के संबोधन के दौरान, रोजगार की तेजी से बदलती प्रकृति और गेमिंग, फिल्म निर्माण आदि जैसे रचनात्मक क्षेत्रों में बढ़ते अवसरों पर जोर दिया। प्रधानमंत्री ने भारत की रचनात्मक प्रतिभाओं की अपार संभावनाओं पर जोर दिया। प्रधानमंत्री ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा आयोजित की जा रही ‘क्रिएट इन इंडिया’ थीम के तहत 25 चैलेंज में भाग लेने के लिए रचनाकारों का आह्वान किया।
अपने संबोधन में, प्रधानमंत्री ने उभरते क्षेत्रों पर प्रकाश डाला, जो रोजगार के बाजार को नया आकार दे रहे हैं। उन्होंने कहा, “इन बदलते समय में, रोजगार की प्रकृति बदल रही है, और गेमिंग, एनीमेशन, रील मेकिंग, फिल्म मेकिंग या पोस्टर मेकिंग जैसे नए क्षेत्र उभर रहे हैं। यदि आप इनमें से किसी भी कौशल में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं… तो आपकी प्रतिभा को बहुत बड़ा मंच मिल सकता है।” उन्होंने बैंड, सामुदायिक रेडियो के प्रति उत्साही और रचनात्मक पेशेवरों के लिए बढ़ते दायरे के बारे में भी चर्चा की।
इस क्षमता का लाभ उठाने और उनका पोषण करने के लिए, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने संगीत, शिक्षा और एंटी-पायरेसी सहित विभिन्न क्षेत्रों में प्रतिभा और रचनात्मकता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 25 चैलेंज की शुरुआत की है। प्रधानमंत्री ने रचनाकारों को इन चैलेंज में भाग लेने के लिए वेबसाइट wavesindia.org पर लॉग इन करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा, “मैं देश के रचनाकारों से विशेष रूप से भागीदारी सुनिश्चित करने और अपनी रचनात्मकता को सामने लाने का आग्रह करता हूँ।”
22 अगस्त, 2024 को केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण, रेल और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने नई दिल्ली में क्रिएट इन इंडिया चैलेंज - सीजन वन का शुभारंभ किया था। ये चैलेंज आगामी वर्ल्ड ऑडियो विजुअल एंड एंटरटेनमेंट समिट (वेव्स) के लिए एक अग्रदूत के रूप में काम करेंगे, जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 78वें स्वतंत्रता दिवस संबोधन के दौरान व्यक्त किए गए "भारत में डिजाइन, दुनिया के लिए डिजाइन" के विजन के अनुरूप है।
पीयूष गोयल वाशिंगटन डीसी में जीना रायमोंडो के साथ 6ठी भारत-अमेरिका वाणिज्यिक वार्ता बैठक की सह-अध्यक्षता करेंगे
वाणिज्य और उद्योग मंत्री प्रमुख अमेरिकी और भारतीय सीईओ के साथ बातचीत करेंगे और भारत में निवेश के अवसरों पर चर्चा करेंगे
नई दिल्ली | संयुक्त राज्य अमेरिका की वाणिज्य सचिव जीना रायमोंडो के निमंत्रण पर, भारत सरकार के केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल 30 सितंबर से 3 अक्टूबर, 2024 तक संयुक्त राज्य अमेरिका की यात्रा करेंगे।
पीयूष गोयल 2 अक्टूबर 2024 को सेकेट्री रायमोंडो के साथ भारत-अमेरिका सीईओ फोरम और 3 अक्टूबर 2024 को वाशिंगटन डी.सी. में होने वाली 6ठी भारत-अमेरिका वाणिज्यिक वार्ता की सह-अध्यक्षता करेंगे, जिसके दौरान दोनों पक्ष सतत् आर्थिक विकास उत्पन्न करने, व्यापार और निवेश माहौल में और सुधार लाने और भारतीय तथा अमेरिकी व्यापारिक समुदायों के बीच संबंधों को गहरा करने के तरीकों पर चर्चा करेंगे।
केंद्रीय मंत्री गोयल, प्रमुख अमेरिकी और भारतीय सीईओ और उद्योग जगत के प्रमुखों के साथ बातचीत करेंगे और भारत में निवेश के व्यापक अवसरों पर चर्चा करेंगे। यूएस-इंडिया स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप फोरम द्वारा आयोजित एक गोलमेज सम्मेलन में व्यापार और उद्योग जगत के नेताओं के साथ उनकी बातचीत, भारत और अमेरिका की अर्थव्यवस्थाओं के बीच की शक्तियों का तालमेल और अधिक लाभ उठाने के तरीकों पर जोर देगी। वह यंग बिजनेस लीडर्स राउंडटेबल और भारत-अमेरिका रत्न एवं आभूषण व्यापार राउंडटेबल की भी अध्यक्षता करेंगे।
गोयल और सेकेट्री रायमोंडो भारत और अमेरिका के बीच महत्वपूर्ण खनिज आपूर्ति श्रृंखलाओं के विस्तार और उनमें विविधता लाने के तरीकों पर भी चर्चा करेंगे। दोनों पक्ष एक समझौता ज्ञापन को लेकर वार्ता कर रहे हैं, जिसका मक़सद आवश्यक महत्वपूर्ण खनिज आपूर्ति श्रृंखलाओं को बढ़ाने और उनमें विविधता लाने तथा उनकी पूरक शक्तियों का लाभ उठाने के लिए द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाना है।
केंद्रीय मंत्री गोयल, व्यापार नीति फोरम के तहत चल रहे सहयोग और दोनों देशों के बीच दोतरफा व्यापार को और बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा करने के लिए वाशिंगटन डीसी में यूएसटीआर राजदूत कैथरीन ताई से भी मुलाकात करेंगे।
केंद्रीय मंत्री की यात्रा से भारत और अमेरिका के बीच मजबूत और बढ़ते व्यापार और निवेश संबंधों को और गति मिलेगी। यह दोनों देशों के बीच व्यावसायिक जुड़ाव को प्रोत्साहित करेगा और दोनों पक्षों की प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में रणनीतिक साझेदारी को बढ़ावा देगा, जिसमें महत्वपूर्ण खनिज, आपूर्ति श्रृंखला को और मज़बूत बनाना, जलवायु और स्वच्छ प्रौद्योगिकी सहयोग की सुविधा, समावेशी डिजिटल विकास, मानक और अनुरूपता सहयोग तथा यात्रा और पर्यटन आदि शामिल हैं।
भारतीय वायुसेना की 92वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में लद्दाख के थोइस से अरुणाचल प्रदेश के तवांग तक 7,000 किलोमीटर लंबी ‘वायु वीर विजेता’ कार रैली
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह नई दिल्ली के राष्ट्रीय युद्ध स्मारक से औपचारिक रूप से हरी झंडी दिखाकर कार रैली को गर्मजोशी से रवाना करेंगे
नई दिल्ली | भारतीय वायुसेना (आईएएफ) की 92वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में 08 अक्टूबर, 2024 को लद्दाख के थोइस से अरुणाचल प्रदेश के तवांग तक 7,000 किलोमीटर लंबी ‘वायु वीर विजेता’ कार रैली का आयोजन किया जा रहा है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस रैली के 8 अक्टूबर को थोइस से औपचारिक रूप से हरी झंडी दिखाए जाने से पहले, 01 अक्टूबर, 2024 को नई दिल्ली के राष्ट्रीय युद्ध स्मारक से रैली को गर्मजोशी से रवाना करेंगे। लद्दाख का थोइस समुद्र तल से 3,068 मीटर ऊपर दुनिया के सबसे ऊंचे वायु सेना स्टेशनों में से एक है। रैली का समापन 29 अक्टूबर, 2024 को तवांग में होगा।
भारतीय वायुसेना द्वारा उत्तराखंड युद्ध स्मारक के बुजुर्ग सैनिकों के साथ समन्वय में आयोजित इस रैली का लक्ष्य लोगों में भारतीय वायुसेना के गौरवशाली इतिहास, विभिन्न युद्धों और बचाव अभियानों में वायु योद्धाओं की वीरता के बारे में जागरूकता बढ़ाना और युवाओं को मातृभूमि की सेवा के लिए आकर्षित करना है। इस मेगा कार रैली में महिलाओं सहित 52 वायु योद्धा शामिल होंगे, जिसमें विभिन्न चरणों में पूर्व वायुसेना प्रमुख भी भाग लेंगे। रास्ते में, वायु योद्धा 16 पड़ावों पर रुकेंगे, जहां वे विभिन्न कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में छात्रों के साथ बातचीत करेंगे। भारतीय वायुसेना का एडवेंचर सेल इस रैली का नेतृत्व और समन्वय करेगा।
महिलाएं और शिक्षा उस रथ के दो पहिये हैं जो देश को 'विकसित भारत' की ओर ले जाएंगे : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़
नागर विमानन मंत्रालय ने कुशल प्रशासन एवं स्वच्छता संबंधी विशेष अभियान 4.0 में हिस्सा लिया
केंद्रीय नागर विमानन मंत्री राम मोहन नायडू ने विशेष अभियान 4.0 की समीक्षा की
उन्होंने स्वच्छता और दक्षता के लिए लक्ष्य निर्धारित किये
नई दिल्ली | नागर विमानन मंत्रालय (एमओसीए) लंबित मामलों के तेजी से निपटान और अपने कार्यालयों में स्वच्छता को संस्थागत बनाने के लक्ष्य के साथ विशेष अभियान 4.0 (2 अक्टूबर- 31 अक्टूबर 2024) में शामिल हो गया है। यह पहल शासन और प्रशासनिक दक्षता को बेहतर बनाने के लिए केन्द्र सरकार के चल रहे प्रयासों के अनुरूप है।
केंद्रीय नागर विमानन मंत्री राम मोहन नायडू ने 27 सितंबर, 2024 को इस सिलसिले में एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की और इस अभियान के लिए स्पष्ट लक्ष्यों को निर्धारित किया। यह मंत्रालय इस पहल के हिस्से के रूप में स्वच्छता में सुधार और प्रशासनिक दक्षता को बेहतर करने के लिए कटिबद्ध है।
इस अभियान के प्रारंभिक चरण में, मंत्रालय ने समीक्षा के लिए 16,580 भौतिक फ़ाइलों और 2,093 इलेक्ट्रॉनिक फ़ाइलों सहित कई श्रेणियों के अंर्तगत लंबित कार्यों की पहचान की है। इस अभियान के दौरान, 283 जन शिकायतें, 100 जन शिकायत अपीलों के निस्तारण का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा, अभियान के दौरान 678 स्थलों को स्वच्छता गतिविधियों के लिए लक्षित किया गया है।
इस समीक्षा बैठक में मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों और अन्य संगठनों के प्रमुखों ने भाग लिया। मंत्रालय उन प्रमुख गतिविधियों पर अपना ध्यान केंद्रित कर रहा है, जो पिछली पहलों की उपलब्धियों के आधार पर, इस अभियान के सफल कार्यान्वयन में मदद करेंगी।
नागर विमानन मंत्रालय विशेष अभियान 4.0 के प्रभावी कार्यान्वयन के जरिये और पारदर्शिता लाने, प्रशासनिक दक्षता को बढ़ावा देने तथा स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है।