रायपुर। AIIMS रायपुर में बीते दिनों IIT इंदौर की DRISHTI CPS फाउंडेशन की एक टीम ने दौरा किया। 21 जुलाई को इस टीम को रेडियोलॉजी विभाग, प्रयोगशालाओं और ट्रॉमा एवं आपातकालीन विभाग सहित प्रमुख क्लीनिकल क्षेत्रों का एक मार्गदर्शित दौरा कराया गया। इस व्यावहारिक भ्रमण से अस्पताल की वर्तमान कार्य प्रणाली और संचालन में आने वाली चुनौतियों की गहराई से समझ मिली, जिससे वास्तविक जीवन की जरूरतों के अनुसार कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) आधारित टूल्स के विकास की नींव रखी गई।
दौरे के पश्चात, एआईआईएमएस रायपुर की सेवाओं में National Mission on Interdisciplinary Cyber-Physical Systems (NM-ICPS) के एकीकरण पर एक संयुक्त चर्चा आयोजित की गई। इस दौरे का मुख्य आकर्षण Charak Masterclass था, जो एक दिवसीय ज्ञान-साझाकरण सत्र था, जिसका विषय था “हेल्थकेयर में टेक्नोलॉजी हस्तक्षेप।” इस आयोजन में संकाय सदस्यों, नवप्रवर्तकों, शोधकर्ताओं और चिकित्सकों ने भाग लिया।
एआईआईएमएस रायपुर के कार्यकारी निदेशक और सीईओ, ले. जनरल अशोक जिंदल (सेवानिवृत्त) ने कहा कि “एक अग्रणी चिकित्सा संस्थान के रूप में जो मध्य भारत के दूरस्थ और वंचित क्षेत्रों की सेवा कर रहा है, AIIMS रायपुर अकादमिक उत्कृष्टता और स्वास्थ्यसेवा आवश्यकताओं के संगम पर स्थित है। यह सहयोग हमारे छात्रों, रेजिडेंट्स और संकाय के लिए लाभकारी होगा और AIIMS रायपुर में एक Digital Health Innovation Centre की स्थापना का मार्ग प्रशस्त करेगा, जहाँ स्वास्थ्य सेवाओं के लिए नवाचारों का विकास और विस्तार किया जा सकेगा।”
AIIMS रायपुर की रिसर्च डीन, प्रो. (डॉ.) अभिरुचि गल्होत्रा ने कहा कि “यह साझेदारी हमारे संकाय और रेजिडेंट्स को स्वास्थ्य सेवा और डिजिटल तकनीक के संगम से संबंधित अत्याधुनिक अनुसंधान में भाग लेने के लिए प्रेरित करेगी, जिससे सेवाओं में सुधार होगा।” मास्टरक्लास में उभरते विषयों पर आकर्षक व्याख्यान शामिल थे, जैसे: डेटा और AI के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं का विकास, न्यूरल नेटवर्क्स और AI अनुप्रयोग, गहन चिकित्सा में वेंटिलेटर अलार्म थकान को कम करने के लिए AI/ML का उपयोग विशेषज्ञों द्वारा किए गए लाइव डेमो में शामिल थे।
रेडियोलॉजी इमेज (CT/MRI) से 3-D मॉडलिंग OCR और वॉयस-टू-टेक्स्ट तकनीक से डिजिटल प्रिस्क्रिप्शन क्लीनिकल डिसीजन सपोर्ट सिस्टम्स हेल्थकेयर में ऑगमेंटेड रियलिटी (AR) और वर्चुअल रियलिटी (VR) का उपयोग हालांकि यह आयोजन अल्प सूचना में हुआ, फिर भी विभिन्न विभागों के संकाय सदस्यों ने अपनी-अपनी विशेषज्ञताओं में AI से संबंधित परियोजनाएं प्रस्तुत कीं, जिनमें IIT इंदौर से तकनीकी और वित्तीय सहयोग की अपेक्षा की गई थी। DRISHTI फाउंडेशन के वैज्ञानिकों ने इन प्रस्तावों को सराहा और उन्हें आगे बढ़ाने का आश्वासन दिया।
इस आयोजन का समापन SRIJAN Centre for Innovation Incubation द्वारा भविष्य की साझेदारियों, पायलट परियोजनाओं और तकनीकी सत्यापन प्रयासों की रूपरेखा साझा करने के साथ हुआ। AIIMS रायपुर ने DRISHTI फाउंडेशन के माध्यम से विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग में देश का पहला Silicon Hub स्थापित करने का प्रस्ताव भी प्रस्तुत किया है। इस कार्यक्रम की गरिमा बढ़ाई प्रो. (डॉ.) एली मोहापात्र (डीन अकादमिक्स), डॉ. कृष्णदत्त चावली (डीन स्टूडेंट वेलफेयर), प्रो. (डॉ.) एकता खंडेलवाल (एसोसिएट डीन रिसर्च) तथा अन्य प्रतिष्ठित संकाय सदस्यों और शोधकर्ताओं ने।