रायपुर
मां शारदा उत्सव के दूसरे दिन भगिनी मंडल की महिलाओं ने खेला गरबा
रायपुर। भगिनी मंडल द्वारा आयोजित तीन दिवसीय मां शारदा उत्सव के दूसरे दिन मंडल की महिलाओं ने जमकर गरबा खेला और मां की स्तुति की। वहीं गोपाल काला बनाने के लिए सभी सदस्यों ने अपने अपने घर से अलग-अलग सामान लाया था। जिससे गोपाल काला बनाया गया। वहीं मसाला दूध तैयार कर मां को अर्पित किया गया।
भगिनी मंडल के पदाधिकरियों ने बताया कि उत्सव के दूसरे दिन सुबह आरती और प्रसाद चढ़ाने के साथ शाम को महिलाओं ने मां शारदा की आरती की। वहीं गोपाल काला और मसाला दूध का प्रसाद मां को चढ़ाया गया। घाघरा-चोली पहनकर पहुंची महिलाओं ने जमकर डांडिया खेला और मां की आराधना की। इस अवस पर प्रमुख रुप से अभया जोगेळेकर, प्रमोदिनी देशमुख, नलिनी राजिमवाले, शिल्पा वरवंडकर, अर्चना मुकादम, अपर्णा काळेले, रोहिणी नेने, अक्षता पंडित, गौरी क्षीरसागर, प्रिया बक्षी, स्वाती डबली सहित बड़ी संख्या में सदस्यगण उपस्थित थे।
इंडियन पब्लिक स्कूल कॉन्फ्रेंस के तीन कार्यक्रमों की मेजबानी करेगा राजकुमार कॉलेज
रायपुर। इंडियन पब्लिक स्कूल कॉन्फ्रेंस (IPSC) के तहत तीन प्रतिष्ठित कार्यक्रमों की मेजबानी राजकुमार कॉलेज. रायपुर कर रहा है। ऑल इंडिया IPSC हॉकी बॉयज़ चैंपियनशिप 2024, XXXVI IPSC गर्ल्स एक्वेटिक्स चैंपियनशिप 2024, और दृश्य कला उत्सव (Visual Arts Fest) 2024 की मेजबान राजकुमार कालेज करेगा। यह आयोजन 16 से 18 अक्टूबर तक होगा। जिसमें देश भर के 27 स्कूलों के 1,100 छात्र- छात्रा भाग लेगें।
प्रेसिडेंट जनरल काउंसिल राजकुमार कॉलेज सोसायटी- बाराम्बा के राजा त्रिबिक्रम चंद्र देब और चेयरमैन मैनेजिंग कमेटी सरगुजा के महाराजा टीएस सिंहदेव के साथ, प्रबंधन समिति ने इन आयोजनों की मेजबानी के लिए अत्यधिक उत्साह व्यक्त किया। स्थायी यादें बनाने और भविष्य के आईपीएससी समारोहों के लिए उच्च मानक स्थापित करने में उनके महत्व पर जोर दिया है।
प्रतिभा, टीम वर्क और सत्यनिष्ठा, खेल कौशल और सम्मान के मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए मान्यता प्राप्त, आईपीएससी कार्यक्रम, शैक्षिक उत्कृष्टता का प्रतीक रहा है। राजकुमार कॉलेज (आरकेसी) के लिए, इन राष्ट्रीय कार्यक्रमों की मेजबानी करना एक महत्वपूर्ण सम्मान है, जिसने समग्र शिक्षा की 140 साल की विरासत के साथ एक संस्थान के रूप में अपनी जगह पक्की कर ली है।
प्रिंसिपल कर्नल अविनाश सिंह के नेतृत्व में आरकेसी अपने अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे में इन मेगा आयोजनों की मेजबानी करने के लिए तैयार है, जो आयोजनों के दौरान 1,500 से अधिक लोगों को आराम से समायोजित कर सकता है। हरे-भरे और विभिन्न प्रकार की वनस्पतियों और जीवों के बीच 120 एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैले हुए परिसर में स्थित, स्कूल प्रतिभागियों को गर्मजोशी और आमंत्रित वातावरण में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का एक अनूठा अनुभव देने का वादा करता है, जो इसे सभी के लिए एक यादगार और समृद्ध अनुभव बनाता है।
आत्मसमर्पित नक्सलियों का घर बसाएगी छत्तीसगढ़ सरकार : अलग से होगा बजट
रायपुर | आत्मसमर्पित नक्सलियों के पुनर्वास की नीति राज्योत्सव के अवसर पर लांच होगी। इसके प्रमुख प्रविधानों के अनुसार मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सरकार मुख्यधारा से जुडऩे वालों का घर बसाएगी। उन्हें उनकी जरूरत की सभी चीजें दी जाएंगी। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों और उनके स्वजन विकास के लिए सरकार अलग से बजट भी निर्धारित करेगी।
पुनर्वास की नीति के ज्यादातर प्रविधान असम से लिए गए हैं। प्रदेश के उपमुख्यमंत्री व गृहमंत्री विजय शर्मा ने असम का दौरा करके यहां अध्ययन किया है और वहां की नीति का 80 प्रतिशत हिस्सा छत्तीसगढ़ में भी लागू किया जा सकता है।
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि आत्मसमर्पित नक्सलियों के लिए हमारी सरकार उनके आवास की व्यवस्था करेगी। सरकार की सभी योजनाओं के लाभ तो मिलेगा ही साथ ही उनके लिए विशेष नीति हम जल्द ही लांच कर लेंगे।
पुनर्वास नीति में ये हो सकते हैं प्रविधान
नक्सलियों को आवास देने का प्रविधान किया जाएगा।
स्वरोजगार के लिए बैंक से ब्याज मुक्त लोन मिलेगा।
मासिक गुजारे के लिए अनुदान राशि दी जाएगी।
आत्मसमर्पण व पुनर्वास के लिए शिविर का आयोजन।
पुनर्वास नीति इसलिए जरूरी
रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार जिस तरह से पूर्वोत्तर राज्यों में खासकर असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड और त्रिपुरा में आतंकवादियों के आत्मसमर्पण व पुनर्वास की नीति के बाद यहां आतंकवाद में नियंत्रण पाया गया है, उसी फार्मूले से छत्तीसगढ़ में भी नक्सलियों का अंत किया जा सकता है।
इसके लिए पुनर्वास नीति बहुत जरूरी है, क्योंकि ऐसे गुमराह युवक जो कि हार्डकोर नक्सलियों के दुष्चक्र में फंस गए हैं। उन्हें मुख्यधारा में लाने के बाद वह दोबारा नक्सलियों के चंगुल में न फंसे इसे रोकने की चुनौती होगी।
नक्सलियों के खिलाफ साय सरकार लगातार कार्रवाई कर रही है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार जनवरी से लेकर अब तक छत्तीसगढ़ में 194 नक्सलियों को मुठभेड़ में मारा गया है। 801 नक्सली गिरफ्तार और 742 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है।
महाराष्ट्रीयन तेली समाज मना रहे मां शारदा उत्सव
रायपुर। महाराष्ट्रीयन तेली समाज द्वारा तीन दिवसीय मां शारदा उत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस दौरान प्रतिमा स्थापना के साथ तीन दिनों तक भजन-कीर्तन और विविध कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।
महाराष्ट्रीय तेली समाज के महिला मंडल की प्रमुख वीणा कुंबलकर ने बताया कि तीन दिवसीय शारदा उत्सव कार्यक्रम में 14 अक्टूबर को स्थापना कर पूजा अर्चना की गई। वहीं 15 अक्टूबर को सुबह पूजन और आरती के बाद बाद शाम को भजन संध्या, आरती और प्रसाद वितरण किया जाएगा।
वीणा ने आगे बताया कि 16 अक्टूबर को काजागिरी पुर्णिमा में मां शारदा की प्रतिमा का विधि विधान से विसर्जन किया जाएगा। वहीं विसर्जन के पूर्व भूलाबाई भजन कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया है। उन्होंने समाजजनों से कार्यक्रम में उपस्थित होने की अपील की है।
भगिनी मंडल मना रहा मां शारदा उत्सव... तीन दिन तक होंगे विविध आयोजन
समाज के अंतिम व्यक्ति का उत्थान करने से होगा देश का उत्थान : राज्यपाल रमेन डेका
भगवान श्री अग्रसेन की जयंती समारोह में शामिल हुए राज्यपाल
रायपुर | समाज के अंतिम व्यक्ति का उत्थान करने से देश का उत्थान होगा। हमारे देश 5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था तभी बन सकता है जब समाज के अंतिम व्यक्ति भी विकास की मुख्य धारा में शामिल हो। यह विचार राज्यपाल रमेन डेका ने भगवान श्री अग्रसेन जयंती समारोह में व्यक्त किये।
छत्तीसगढ़ प्रांतीय अग्रवाल संगठन द्वारा रायपुर में आयोजित भगवान श्री अग्रसेन की 5148 वीं जयंती समारोह में राज्यपाल डेका बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। इस अवसर पर अपने उद्बोधन में उन्होंने कहा कि आज के समय में, जब समाज में आर्थिक असमानता और सामाजिक विभाजन की चुनौतियाँ सामने हैं, भगवान अग्रसेन के आदर्श हमारे लिए एक मार्गदर्शक हो सकता है। उनका जीवन समाज के प्रत्येक व्यक्ति को समर्पण, समानता और सेवा का संदेश देता है। उनकी नीतियों में ‘एक ईंट और एक रुपया‘ का सिद्धांत स्पष्ट रूप से समाज के कमजोर वर्गों के प्रति उनकी संवेदनशीलता को दर्शाता है। उन्होंने यह सिद्ध किया कि समाज का उत्थान तब ही संभव है, जब समाज का हर व्यक्ति समृद्ध हो।
राज्यपाल डेका ने कहा कि भगवान अग्रसेन के सिद्धांतों का पालन करते हुए अग्रवाल समाज ने समाज के हर वर्ग को साथ लेकर चलने की भावना को बनाए रखा है। यह समाज हमें यह सिखाता है कि किस प्रकार एकजुट होकर समाज का हर व्यक्ति समृद्ध और सशक्त हो सके। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में भी अग्रवाल समाज की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। उद्योगों का विकास, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में उनका योगदान और समाज सेवा की भावना प्रशंसा के योग्य है। छत्तीसगढ़ की सामाजिक और आर्थिक संरचना में अग्रवाल समाज ने अपनी अमिट छाप छोड़ी है।
राज्यपाल ने कहा कि छत्तीसगढ़, अपनी विविधताओं के बावजूद, एकता का प्रतीक है। यहाँ हर वर्ग और समुदाय के लोग मिल-जुलकर रहते हैं और इसमें अग्रवाल समाज का महत्वपूर्ण योगदान है। हमें इस सामाजिक समरसता को बनाए रखने की दिशा में काम करना चाहिए।
राज्यपाल ने अग्रवाल समाज के द्वारा छत्तीसगढ़ में समाज सेवा के क्षेत्र में किए गये कार्यों को लिपिबद्ध करने का सुझाव दिया जिससे आने वाली पीढ़ी जान सके कि उनके समाज का क्या योगदान है।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ के विकास में अग्रवाल समाज की उल्लेखनीय भागीदारी है। व्यापार के साथ-साथ वे सेवा के कार्य भी करते हैं। उन्होंने अग्रवाल समाज के लोगों से आग्रह किया कि कम से कम एक गरीब कन्या का विवाह, एक गरीब बच्चे की शिक्षा, एक गरीब व्यक्ति का इलाज कराने और एक गरीब बस्ती को गोद लेने का संकल्प लें तभी समाज की सार्थकता सिद्ध होगी।
कार्यक्रम में अखिल भारतीय अग्रवाल संगठन के कार्यकारी अध्यक्ष सियाराम अग्रवाल ने स्वागत उद्बोधन दिया। छत्तीसगढ़ प्रांतीय अग्रवाल संगठन के चेयरमेन अशोक अग्रवाल ने संगठन द्वारा किये जा रहे समाज सेवा के कार्यों की विस्तृत जानकारी दी। समारोह में विशिष्ट योगदान देने वाले समाज के विभूतियों को राज्यपाल ने सम्मानित किया।
इस अवसर पर बसना के विधायक संपत अग्रवाल, अखिल भारतीय अग्रवाल संगठन के राष्ट्रीय चेयरमेन प्रदीप मित्तल, नेतराम अग्रवाल सहित संगठन के अन्य पदाधिकारी, महिला एवं युवा अग्रवाल सभा के पदाधिकारी सहित समाज के लोग बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
असत्य पर सत्य और बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व है दशहरा: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में मौजूद लोगों को विजयादशमी पर्व की बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि बीते 53 वर्षों से डब्ल्यूआरएस कालोनी में रावण वध का कार्यक्रम आयोजित हो रहा है। इस साल का यह कार्यक्रम हम सब लोगों के लिए विशेष है क्योंकि 500 सालों के बाद छत्तीसगढ़ के भांचा भगवान श्रीराम जो भव्य मंदिर में प्रतिष्ठित हुए है। यह हम सबके लिए गौरव और प्रसन्नता की बात है।
रायपुर जेल में भक्ति की बयार, 775 कैदियों ने रखा उपवास
रायपुर। सेंट्रल जेल रायपुर में कैदियों ने नौ दिनों तक उपवास रखकर माता दुर्गा की उपासना की। उनके जसगीत और जयकारों से पूरा जेल परिसर गुंजायमान होता रहा। जेल प्रशासन ने भी कैदियों के श्रद्धाभाव को देखते हुए विशेष इंतजाम किया है। उपवास रखने वाले 775 कैदियों के लिए दूध, केला, गुड़ और फल्लीदाना के साथ ही फलाहार की व्यवस्था की गई है।
जेल अधीक्षक अमित शांडिल्य ने बताया कि जेल में सभी धर्मों के पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। इस अवसर पर नियमानुसार व्यवस्था की जाती है। इसके पहले रक्षाबंधन, गणेशोत्सव का आयोजन किया गया। नवरात्र के दौरान उपवास और भजन मंडली को वाद्ययंत्र के साथ दी पूजन सामग्री उपलब्ध कराई गई है। वहीं दुर्गा स्थापना के दौरान बंदियों को उनकी जरूरत के हिसाब के काम भी सौंपा गया है।
कैदी पिछले एक महीने से नवरत्रि की तैयारी में जुटे हुए थे। इसमें मूर्ति निर्माण से लेकर पंडाल और ज्वारा- ज्योति कलश की तैयारी की गई। गणेशोत्सव के समय से ही दुर्गा प्रतिमा निर्माण का काम शुरू कर दिया था। इसके लिए जेल प्रशासन ने मिट्टी उपलब्ध कराने के साथ ही अन्य साजो सामान इको फ्रेंडली कलर उपलब्ध कराया गया।
जशपुर की आदिवासी महिलाओं द्वारा तैयार किए गए उत्पाद जशप्योर ब्रांड की : मुंबई में भारी डिमांड
मुंबई के विभिन्न स्थानों में जशप्योर ब्रांड के उत्पादों की लगाई गई स्टॉल
रायपुर | मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय जशपुर के उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए सार्थक प्रयास कर रहे हैं। स्थानीय आदिवासी स्व-सहायता समूह की महिलाओं के द्वारा तैयार उत्पादों को मुम्बई में भी पसंद किया जा रहा है। प्रदर्शनी का अवलोकन करके बड़ी मात्रा में खरीदी भी कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देश पर जशपुर कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल के मार्गदर्शन में जशप्योर ब्रांड का मुंबई के विभिन्न स्थानों पर स्टॉल लगाई गई है। जहॉ जशपुर जिले के स्थानीय कच्चे माल से बने उत्पादों को प्रदर्शित किया जा रहा है। जशपुर की आदिवासी महिलाओं द्वारा तैयार किए गए उत्पाद अपनी शुद्धता और स्वास्थ्य लाभ के कारण उच्च मांग में हैं, क्योंकि इनमें कोई रसायन नहीं होते हैं, जिससे वे बाजार के अन्य उत्पादों की तुलना में स्वस्थ विकल्प बन जाती हैं।
इन स्टॉल गतिविधियों को महाराष्ट्र के जवाहर जिले के स्थानीय आदिवासी किसानों द्वारा निष्पादित किया जाता है। जिला प्रशासन की इस पहल से जशपुर जिले के आदिवासियों के साथ-साथ जवाहर जिले के आदिवासियों को भी रोजगार के अवसर मिल रहे हैं।
खाद्य प्रसंस्करण सलाहकार एवं युवा वैज्ञानिक समर्थ जैन ने कहा कि महुआ सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के उत्पाद, जैसे महुआ सिरप (शहद का महुआ आधारित विकल्प), महुआ आधारित चीनी मुक्त च्यवनप्राश विकल्प फॉरेस्टगोल्ड वन्यप्राश और बाजरा पास्ता के नियमित ग्राहक खरीदी कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त छिन्द घास के हाथ से बने टोकरियॉ त्यौहारी मौसम के दौरान मांग बढ़ी हुई हैं।
जशप्योर ब्रांड का स्टॉल डीसीबी बैंक मुख्यालय, मुंबई कैफे लीप लॉजिस्टिक्स, कांदिवली पश्चिम, गेब्स कैफेटेरिया, साकी नाका, अंधेरी वेस्ट, आदित्य बिड़ला अहुरा सेंटर वेस्ट, आईआईटी-मुंबई, पवई, सेंट्रल सबर्ब, गोरेगांव वेस्ट, वीवर्क-एक्सप्रेस टावर्स, नरीमन पॉइंट, दक्षिण, आनंद मेला, विक्रोली, सेंट्रल सबन, पवई, केंद्र, लोअर परेल, मुंबई, लीप लॉजिस्टिक्स, कांदिवली मुंबई, गेब्स-अंधेरी, साकी नाका, वीवर्क-स्पेक्ट्रम टावर्स, वेस्ट सबअर्ब मुंबई, वीवर्क-जेनिया बिल्डिंग ठाणे मुंबई सहित अन्य जगहों में लगाए गए हैं। स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और जशपुर और जवाहर जिले के दोनों के आदिवासियों को स्थायी रोजगार प्रदान करने में जिला प्रशासन के प्रयास सराहनीय हैं। यह पहल न केवल आदिवासी समुदायों को सशक्त बना रही है बल्कि इन अद्वितीय, उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों के माध्यम से उनकी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण को भी बढ़ावा दे रही है।
भुवनेश यादव और शम्मी आबिदी सहित 21 आईएएस जाएंगे महाराष्ट्र और झारखंड में चुनाव कराने... 16 अक्टूबर को दिल्ली में करेंगे रिपोर्ट
रायपुर। केंद्रीय चुनाव आयोग महाराष्ट्र और झारखंड के चुनाव की तैयारी में लग चुका है। अगले सप्ताह दोनों राज्यों के लिए चुनाव कार्यक्रमों की घोषणा हो सकती है। इस बीच चुनाव आयोग ने छत्तीगसढ़ के 21 आईएएस अफसरों को चुनाव ड्यूटी के लिए बुलावा भेजा है।
चुनाव आयोग की तरफ से जिन 21 अफसरों को बुलावा भेजा गया है उनमें आर. प्रसन्ना, भुवनेश यादव, सीआर प्रसन्ना, जनक प्रकाश पाठक, शम्मी आबिदी, शिखा राजपूत तिवारी, केडी कुंजाम, किरण कौशल, पदूस सिंह अल्मा, सारांश मित्तर, जितेंद्र कुमार शुक्ला, अभिजीत सिंह, दिव्या उमेश मिश्रा, इफ्फत आरा, पुष्पा साहू, रितेश कुमार अग्रवाव, तारण प्रकाश सिन्हा, जगदीश सोनकर, राजेंद्र कुमार, कुलदीप शर्मा और कुन्दन कुमार शामिल हैं।
आयोग ने इन अफसरों की सूची राज्य सरकार को भेज दी है और चुनाव ड्यूटी वाले सभी अफसरों को 16 अक्टूबर को विज्ञान भवन में रिपोर्ट करने के लिए कहा गया है। अफसरों के अनुसार 16 अक्टूबर को विज्ञान भवन में अफसरों की ट्रेनिंग होगी। इसी तारीख के आसपास आयोग की तरफ से दोनों राज्यों में चुनाव की घेाषणा भी हो सकती है। ऐसे में चुनाव ड्यूटी वाले इन 21 अफसरों में से कई को दीपावली प्रदेश से बाहर ही मनाना पड़ सकता है।
अफसरों ने बताया कि अभी केवल 21 अफसरों की सूची आई है। इनमें से किस अफसर की ड्यूटी महाराष्ट्र में लगी है और किसी झारखंड में यह नहीं बताया गया है। बताया जा रहा है कि 16 अक्टूबर की ट्रेनिंग के दौरान ही इन अफसरों को बताया जाएगा कि कौन सा अफसर किस राज्य में जाएगा।
आबकारी विभाग में बड़ी फेरबदल, उपायुक्त और सहायक आयुक्त के हुए तबादले
रायपुर। छत्तीसगढ़ आबकारी विभाग में 34 उपायुक्त और सहायक आयुक्त आबकारी समेत बड़ी संख्या में जिला आबकारी विभाग के अधिकारियों के तबादले हुये हैं। लिस्ट में अरविन्द कुमार पाटले उपायुक्त कार्यालय उपायुक्त आबकारी संभागीय उड़नदस्ता बस्तर संभाग जगदपुर को कार्यालय आबकारी आयुक्त छत्तीसगढ़ नवा रायपुर भेजा गया है।
प्रमोद कुमार नेताम सहायक आयुक्त आबकारी राज्य स्तरीय उड़नदस्ता कार्यालय आबकारी आयुक्त छत्तीसगढ़ रायपुर को कार्यालय जिला आबकारी बेमेतरा। यदुनदंन राठौर सहायक आयुक्त आबकारी कार्यालय उपायुक्त आबकारी संभागीय उड़नदस्ता दुर्ग संभाग को कार्यालय सहायक आयुक्त आबकारी जिला राजनांदगांव भेजा गया हैं रायपुर उपायुक्त विकास कुमार गोस्वामी को कार्यालय उपायुक्त आबकारी संभागीय उड़नदस्ता सरगुजा संभाग अम्बिकापुर भेजा गया है।
एनआईटी रायपुर में " एडवांस्ड कम्प्यूटेशनल अप्रोचेस इन मेडिकल सिग्नल प्रोसेसिंग एंड बायोमैकेनिक्स" पर हुई कार्यशाला
रायपुर। एनआईटी रायपुर के बायोमेडिकल इंजीनियरिंग विभाग ने 7 अक्टूबर 2024 को एक समापन सत्र के साथ "एडवांस्ड कम्प्यूटेशनल अप्रोचेस इन मेडिकल सिग्नल प्रोसेसिंग एंड बायोमैकेनिक्स" पर अपने अल्पकालिक प्रशिक्षण कार्यक्रम (एसटीटीपी) का सफलतापूर्वक समापन किया। 3 से 7 अक्टूबर तक पांच दिवसीय आयोजित इस कार्यशाला का उद्घाटन संस्थान के निदेशक डॉ एन वी रमना राव द्वारा किया गया था | इस कार्यशाला में भारत के विभिन्न हिस्सों से 28 प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिसमें आईआईटी भिलाई, MANIT भोपाल, आईआईआईटी रायपुर, पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर, जीएसएफसी विश्वविद्यालय वडोदरा जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के विशेषज्ञों के नेतृत्व में 30 सत्र आयोजित किए गए थे। कार्यशाला में सैद्धांतिक ज्ञान और व्यावहारिक प्रशिक्षण दिए गए, जिससे उपस्थित लोगों को मेडिकल सिग्नल प्रोसेसिंग और बायोमैकेनिक्स के प्रमुख विषयों की गहन समझ मिली।
समापन सत्र में प्रमुख गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति देखी गई, जिनमें डॉ. शुभोजीत घोष,अध्यक्ष, कंटीन्यूइंग एजुकेशन सेल(सीईसी), डॉ. अरिंदम बिट, बायोमेडिकल इंजीनियरिंग विभाग के विभागाध्यक्ष; और कार्यक्रम समन्वयक डॉ. बिकेश कुमार सिंह, डॉ. निशांत के. सिंह, और डॉ. शिवांगी गिरि, अन्य संकाय सदस्य और प्रतिभागी शामिल रहे।
अपने संबोधन में, डॉ. शुभोजीत घोष ने समन्वयकों और प्रतिभागियों को बधाई दी, और उत्तम रिसर्च वर्क के लिए विभाग के समर्पण पर जोर दिया और प्रतिभागियों को उनके द्वारा अर्जित ज्ञान को लागू करने के लिए प्रोत्साहित किया। डॉ. बिकेश कुमार सिंह ने कार्यशाला के प्रमुख सत्रों और हाइलाइट्स का विस्तृत अवलोकन प्रदान किया, जबकि डॉ. निशांत कुमार सिंह ने प्रतिभागियों के उत्साह की प्रशंसा की |
इस दौरान प्रमुख विषयों में वक्ता सत्र जैसे ईईजी सिग्नल विश्लेषण शामिल रहे, जिसे अमृता विश्व विद्यापीठम कोयंबटूर से डॉ गुहान ने प्रस्तुत किया; जीएसएफसी विश्वविद्यालय वडोदरा से प्रो जी आर सिन्हा, एमएएनआईटी भोपाल से डॉ मितुल अहिरवाल, आईआईआईटी नया रायपुर से डॉ अनुराग सिंह द्वारा विभिन्न ईईजी सिग्नल एप्लिकेशन, पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर से प्रो कविता ठाकुर द्वारा ऑडियो विश्लेषण, एनआईटी रायपुर से डॉ निशांत और डॉ शिवांगी द्वारा कम्प्यूटेशनल बायोमैकेनिक्स; आईआईटी भिलाई से डॉ यज्ञेश द्वारा मैडिकल एप्लिकेशन में सामग्री और चिकित्सा क्षेत्र में कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग, जिसे डॉ बिकेश कुमार सिंह ने प्रस्तुत किया।
राज्य बाल संरक्षण समिति की कार्यकारिणी एवं राज्य बाल कल्याण एवं संरक्षण समिति की बैठक सम्पन्न
रायपुर | किशोर न्याय बालकों की देखरेख और संरक्षण अधिनियम के प्रावधानों के तहत गठित राज्य बाल संरक्षण समिति की कार्यकारिणी एवं राज्य बाल कल्याण एवं संरक्षण समिति की बैठक सचिव महिला एवं बाल विकास विभाग एवं पदेन अध्यक्ष राज्य बाल संरक्षण समिति शम्मी आबिदी की अध्यक्षता में मंत्रालय महानदी भवन में सम्पन्न हुई।
सचिव महिला एवं बाल विकास द्वारा बैठक में बाल संरक्षण से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों पर एवं विभिन्न विभागों के साथ समन्वय पर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक में संचालक महिला एवं बाल विकास तुलिका प्रजापति एवं अन्य सहयोगी विभागों गृह विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, समाज कल्याण विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, वित्त विभाग, उच्च शिक्षा विभाग, तकनीकी शिक्षा विभाग, पुलिस विभाग, राज्य विधिक सहायता प्राधिकरण, रेलवे एवं एनआईसी आदि विभागों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
बैठक में सर्वाेच्च न्यायालय में विभिन्न महत्वपूर्ण प्रकरणों में समयबद्ध कार्यवाही हेतु रणनीति, बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान एवं मिशन वात्सल्य के तहत की गई गतिविधियों व कार्यक्रमों की समीक्षा की गई। सर्वाेच्च न्यायालय के आदेश के परिपालन में मुख्य सचिव द्वारा भी विधि विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग तथा गृह विभाग व अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों की बैठक ली गई थी।
बैठक में सर्वाेच्च न्यायालय के आदेश एवं मुख्य सचिव द्वारा दिये गये निर्देशानुसार सचिव, महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा राज्य बाल संरक्षण समिति की बैठक में लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम-2012, लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण नियम-2020 एवं किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम, 2015 यथासंशोधित अधिनियम-2021 तथा नियम 2016 यथासंशोधित नियम-2022 के क्रियान्वयन की समीक्षा की गई। अधिनियम और नियमों के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये। इस संबंध में गृह विभाग को सभी जिलों में लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम-2012 की धारा 19 (6) का पालन सुनिश्चित किये जाने हेतु निर्देश प्रसारित करने, पीड़ित को क्षतिपूर्ति योजना के अंतर्गत मुआवजा दिलाने हेतु पर्याप्त राशि बजट उपलब्ध कराने एवं पीड़ितों को शीघ्र क्षतिपूर्ति उपलब्ध कराने, शिक्षा विभाग द्वारा पीड़ित बालक/बालिकाओं की शिक्षा की निरंतरता बनाये रखने के लिए आवश्यक प्रयास करने और कौशल प्रशिक्षण हेतु कौशल विकास प्राधिकरण द्वारा जिला बाल संरक्षण इकाई से समन्वय कर संबंधितों को रोजगार मूलक प्रशिक्षण देने निर्देशित किया गया।
भारत शासन के निर्देशानुसार राज्य के 20 जिलें जहां विशेषीकृत दत्तक ग्रहण अभिकरण संचालित नहीं थे, उन जिलों में जिला प्रशासन को बच्चों की क्षमता की विशेषीकृत दत्तक ग्रहण एजेंसी संचालित करने की स्वीकृति एवं प्रावधिक पंजीयन कर संचालन की जानकारी दी गई। इसी तरह से उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश के परिपालन में विभाग द्वारा बाल देखरेख संस्थाओं की निगरानी एवं अनुश्रवण हेतु राज्य स्तरीय निरीक्षण समिति, जिला स्तरीय निरीक्षण समिति के साथ-साथ समितियों में नामांकित सिविल सोसाईटी के प्रख्यात व्यक्तियों को विजिटर के रूप में नामांकित किये जाने की जानकारी दी गई। सचिव द्वारा निरीक्षण प्रतिवेदनों पर समयबद्ध कार्यवाही करने के निर्देश दिये गए है।
महिला बाल विकास सचिव ने योजनाओं का नियमित अनुश्रवण करने, हितलाभ समय-सीमा में पीड़ितों को प्राप्त हो सके, इसके लिए तंत्र विकसित करने के निर्देश दिये गये। पॉक्सो अधिनियम एवं किशोर न्याय अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु समस्त बाल कल्याण समितियों को दोनो अधिनियमों की प्रासंगिक धाराओं एवं प्रावधानों के अनुरूप त्वरित कार्यवाही करने के लिए निर्देशित करने के निर्देश दिये है।
छत्तीसगढ़ राज्य को बाल विवाह मुक्त करने हेतु 10 मार्च 2024 को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय द्वारा बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान का शुभारंभ किया गया। बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के लिये विभिन्न विभागों के साथ चर्चा कर रणनीति तैयार की गई है तथा इसे सभी संबंधित विभागों एवं समस्त जिला कलेक्टर को प्रभावी क्रियान्वयन किया जाना है। राज्य में वित्तीय वर्ष 2023-24 में 161 तथा वर्ष 2024-25 में 167 बाल विवाह रोके गये। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु ग्राम पंचायत स्तर तक बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी अधिसूचित किये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने के संबंध में समिति को अवगत कराया गया। सचिव द्वारा पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को शीघ्र सहमति देने तथा सभी विभागों को बाल विवाह की रोकथाम के लिए राज्य स्तर से अधीनस्थ अमलों के लिए निर्देश जारी करने एवं शालाओं में हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्ड्री के छात्रों की विशेष काउंसलिंग के निर्देश दिये गए हैं। समिति की बैठक में राज्य बाल संरक्षण समिति अंतर्गत ऑडिट रिपोर्ट 2023-24 व लेखाओं का प्रस्तुतीकरण किया गया, जिस पर समिति द्वारा अनुमोदन दिया गया। उपस्थित सदस्यों को राज्य में बाल संरक्षण व बच्चों के सर्वोंत्तम हित में किए जा रहे कार्यों तथा प्रयासों की जानकारी दी गई। सभी सहयोगी विभागों से सहयोग एवं समन्वय के बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की गई।
दशहरा उत्सव 12 अक्टूबर हेतु नगर निगम ने प्रशासनिक व्यवस्था हेतु : अधिकारियों की समिति बनायी
नगर निगम द्वारा डब्ल्यूआरएस, रावणभाठा, चौबे कालोनी, राजेन्द्र नगर, शंकरनगर, रामकुण्ड में दशहरा हेतु व्यवस्था दी जायेगी
माननीय नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल एवं शासन द्वारा दिये गये निर्देशों का दशहरा उत्सव में पालन करें- आयुक्त
रायपुर : नगर निगम रायपुर के आयुक्त अबिनाश मिश्रा ने दशहरा उत्सव 12 अक्टूबर को नगर के डब्ल्यूआरएस, रावणभाठा, चौबे कालोनी, राजेन्द्र नगर, शंकरनगर, रामकुंड में होने वाले सार्वजनिक दशहरा उत्सव आयोजन हेतु दशहरा मैदानों के समतलीकरण सफाई व्यवस्था, पेयजल प्रबंधन, प्रकाश व्यवस्था, अग्निशमन व्यवस्था उत्सव स्थलों सहित संबंधित मार्गो की सफाई व्यवस्था हेतु निगम अधिकारियों को प्रशासनिक कार्य दायित्व सौपते हुए निगम अधिकारियों की दशहरा उत्सव (रावण पुतला दहन) आयोजन एवं दुर्गा विजर्सन आयोजन की सम्पूर्ण व्यवस्था हेतु प्रशासनिक समिति गठित कर दी है।
इस समिति में नोडल अधिकारी अपर आयुक्त विनोद पाण्डेय मो. नं. 9424264100 एवं अधीक्षण अभियंता राजेश राठौर मो. नं. 9425502640, संजय बांगड़े मो. नं. 7223999319, जोन 6 जोन कमिश्नर रमेश जायसवाल मो. नं. 9753878900, उपायुक्त स्वास्थ्य रमाकांत साहू मो. नं. 9098907321, स्वास्थ्य अधिकारी तृप्ति पाणीग्रही मो. नं. 9591285715, जोन 8 जोन कमिश्नर ए.के. हालदार मो. नं. 8718000011 को रखा गया है। आयुक्त ने समिति को दशहरा उत्सव / दुर्गा विसर्जन आयोजन हेतु शामियाना, लाईट, माईक, गोताखोर, चिकित्सा सुविधा आदि की व्यवस्था करने हेतु निर्देश दिये है। इस समिति को जोन 8 जोन कमिश्नर द्वारा आवश्यक सहयोग किया जायेगा ।
नगर निगम के आयुक्त ने दशहरा उत्सव (रावण पुतला दहन) आयोजन के दौरान माननीय नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल एनजीटी एवं शासन द्वारा दिये गये निर्देशों का पालन करने के आदेश संबंधित निगम अधिकारियों को दिये है। आयुक्त ने डब्ल्यूआरएस, रावण पुतला दहन स्थल का दायित्व जोन 2 को, रावणभाठा पुतला दहन स्थल का दायित्व जोन 6 को, चौबे कालोनी रावण पुतला दहन स्थल का दायित्व जोन 7 को, राजेन्द्र नगर रावण पुतला दहन स्थल का दायित्व जोन 10 को, शंकरनगर रावण पुतला दहन स्थल का दायित्व जोन 3 को एवं रामकुण्ड रावण पुतला दहन स्थल का दायित्व जोन 7 को सौपा है एवं संबंधित जोन कमिश्नर कार्य के नोडल अधिकारी नियुक्त कर दिये है। माननीय नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल के निर्देशों का कडाई से पालन सुनिश्चित करने के आदेश आयुक्त ने अधिकारियों को दिये है।
डिजिटल युग में छत्तीसगढ़ : मोदी की गारंटी और विष्णु के सुशासन
रायपुर | जब पूरी दुनिया डिजिटल क्रांति की ओर बढ़ रही है, भारत भी इस बदलाव की अगुवाई कर रहा है। इसी क्रम में छत्तीसगढ़ राज्य भी ’’डिजिटल युग’’ में कदम से कदम मिलाते हुए अपने विकास की कहानी लिख रहा है। बीते कुछ महीनों में, छत्तीसगढ़ ने डिजिटल प्रगति और सुशासन की दिशा में जो उल्लेखनीय कदम उठाए हैं, वे न सिर्फ राज्य को विकास की ओर ले जा रहे हैं, बल्कि प्रदेश के नागरिकों के जीवन को भी सरल और सुविधाजनक बना रहे हैं। यह विकास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के कुशल नेतृत्व का प्रमाण है।
छत्तीसगढ़ राज्य ने सरकार की योजनाओं और कार्यों को पारदर्शी और कुशल बनाने के लिए डिजिटल तकनीक को अपना प्रमुख साधन बनाया है। जनता की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए सरकार ने ’’ई-ऑफिस’’ प्रणाली लागू की है, जिसके माध्यम से सरकारी दस्तावेजों का प्रबंधन, सुरक्षा और फाइलों का निपटारा तेजी से किया जा रहा है। इस कदम से न केवल सरकारी प्रक्रिया की गति बढ़ी है, बल्कि कामकाज में पारदर्शिता भी आई है। इसी तरह मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ मुख्यमंत्री कार्यालय छत्तीसगढ़ शासन) में भी डिजिटल रूपांतरण की दिशा में कदम उठाए गए हैं। ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से नागरिकों को मुख्यमंत्री के रोजमर्रा के कार्यक्रम, राज्य की योजनाओं और छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहरों के साथ विभिन्न जिलों की जानकारी उपलब्ध होने से आम लोगों को भी सहूलियत होगी। यह डिजिटल पहल न केवल सरकारी कार्यप्रणाली को सरल बना रही है, बल्कि नागरिकों को भी राज्य के विकास में भागीदार बना रही है।
छत्तीसगढ़ सरकार ने आम नागरिकों के लिए मंत्रालय में प्रवेश को सुगम बनाने के लिए ’स्वागतम’ पोर्टल की शुरुआत की है। इस पोर्टल के माध्यम से बड़े शहर हो या सुदूर क्षेत्र के लोग ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं और उन्हें एसएमएस और ई-मेल के जरिए प्रवेश पास प्राप्त होगा। इससे समय की बचत होगी और कतारों में लगने की आवश्यकता नहीं होगी। यह पहल न केवल प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सरल बना रही है, बल्कि आम जनता के लिए सरकार के द्वार खोल रही है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ ने करीब दस महीनों में ’’सुशासन’’ की एक नई परिभाषा गढ़ी है। सरकार ने विकास के साथ-साथ आम जनता का विश्वास वापस पाने में भी सफलता हासिल की है। ’मोदी की गारंटी’ को पूरा करने के लिए विष्णु सरकार ने कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। इन दस महीनों में सरकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन पर विशेष ध्यान दिया गया, जिससे जनता को सीधे लाभ मिल रहा है।
छत्तीसगढ़ का डिजिटल सफर न केवल राज्य को प्रगति के पथ पर ले जाएगा, बल्कि यह भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए भी राज्य को तैयार कर रहा है। डिजिटल माध्यमों का प्रभावी उपयोग जहां सरकारी प्रक्रियाओं को तेज और पारदर्शी बना रहा है, वहीं यह नागरिकों के लिए भी एक आसान और त्वरित सेवा का माध्यम बन रहा है। ’’मोदी की गारंटी’’ और ’’विष्णु के सुशासन’’ में छत्तीसगढ़ जिस तेजी से डिजिटल युग की ओर कदम बढ़ा रहा है, वह न केवल राज्य के वर्तमान को समृद्ध बना रहा है, बल्कि आने वाले समय में छत्तीसगढ़ को एक मॉडल राज्य के रूप में स्थापित करेगा। यह डिजिटल क्रांति प्रदेश के विकास की कहानी का नया अध्याय लिख रही है और छत्तीसगढ़ को एक नई दिशा में ले जा रही है।
जन समस्याओं का त्वरित निराकरण हो रहा है कैम्प कार्यालय के माध्यम से
रायपुर | जन समस्याओं का त्वरित निराकरण हो रहा है कैम्प कार्यालय के माध्यम से मुख्यमंत्री विष्णु देव साय द्वारा बगिया में स्थापित मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय लगातार जनसमस्याओं के समाधान में अहम भूमिका निभा रहा है। उम्मीद के साथ यहां आवेदन देने पहुंच रहे लोगों के चेहरे पर मुस्कान दिखता है। कैंप कार्यालय बगिया त्वरित कार्यवाही करते हुए आवेदन के आधार पर समस्याओं के समाधान की प्रक्रिया शुरू कर दी जाती है।
विशेष पिछड़ी जनजाति कोरवा बाहुल्य बस्ती महुआपानी में पहली बार बिजली पहुंचाने की स्वीकृत दिलाने के साथ ही रायगढ़ जिले की ऐतिहासिक कुर्रा गुफा में विद्युतीकरण का कार्य भी इसी कैंप कार्यालय की पहल का ही परिणाम है। इसी तरह जरूरतमंदों के मदद का कार्य भी यहां पर लगातार किया जा रहा है। जनहित के अन्य कार्यों में श्रवण दोष से पीड़ित कई जरूरतमंद व्यक्तियों को श्रवणयंत्र प्रदान किए गए हैं, जैसे कि मंदाकिनी यादव, सुमित्रा यादव, लालजीत भगत और महिन्दर भगत। इसके साथ ही, पैरों से चलने में असमर्थ गुरुदेव, रातु राम, मानकुंवर नाग, रोहित साहू, अशोक दुबे और टेबुल राम जैसे कई जरूरतमंदों को ट्राई साइकिल और ई-रिक्शा प्रदान किए गए हैं।
बागीचा के मड़िया झड़िया में पीडीएस दुकान स्थापित कर वहां के लोगों को सुविधा देने, सुरेखा बाई व रामरीका बाई के राशन कार्ड बनाने सहित कई पीडीएस से संबंधित समस्याओं का निराकरण कैंप कार्यालय की पहल से किया गया है। इसी प्रकार से रामरिका बाई, अंकित राम जैसे कई जरूरतमंदों को जरूरत के समय तत्काल मेडिकल सहायता प्रदान करने की पहल कैंप कार्यालय द्वारा की गई है। बिजली से संबंधित समस्या जैसे ट्रांसफर लगाने और बिजली के संचालन की सुचारू व्यवस्था सुनिश्चित करने की पहल लगातार कैंप कार्यालय द्वारा की जा रही है।
झारसुगुड़ा से नागपुर के बीच चलने वाले वाली ट्रेनों में लगेगा सुरक्षा कवच
रायपुर | दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ट्रेनों की सुरक्षा काे लेकर सख्त नजर आ रहा है | नागपुर-रायपुर, बिलासपुर और झारसुगुड़ा के बीच चलने वाली ट्रेनों में सुरक्षा कवच लगाने की जरूरत महसूस की जा रही है | इसके लिए जोन ने रेलवे बोर्ड को प्रस्ताव भेजा है | बोर्ड से हरी झंडी मिलते ही ट्रेनों में कवच लगाने का काम शुरू हो जाएगा।
रायपुर रेल मंडल के DCM अवधेश कुमार त्रिवेदी ने कहा कि झारसुगुड़ा से लेकर नागपुर क्षेत्र में चलने वाली ट्रेनों में सुरक्षा कवच लगाने की तैयारी चल रही है | बहुत जल्दी यह लागू हो जाएगा | सुरक्षा कवच एक ही ट्रैक पर यदि दो ट्रेनें आ रही हैं तो उसे अलर्ट करेगा | सेंसर के जरिए ट्रेन के चालक और सह चालक को भी अलर्ट करेगा।
कवच सिस्टम सेंसर के माध्यम से एक ही ट्रैक पर यदि दो ट्रेनें आ रही हैं तो उसे अलर्ट करेगा | सेंसर के जरिए ट्रेन के चालक और सह चालक को भी अलर्ट करेगा, साथ ही ट्रेनों की गति पर कवच सिस्टम खुद ही ब्रेक भी लगा देता है | इससे ट्रेन से होने वाले हादसों में कमी आएगी | घने कोहरे, बरसात जैसे मौसम में यदि लोको पायलट ब्रेक लगाने में विफल रहता है तो भी यह प्रणाली स्वचालित रूप से गति को नियंत्रित करने में मदद करती है।