छत्तीसगढ़
मुठभेड़ में जवानों से लूटे गए 11 हथियारों की पहचान, मदनवाड़ा में एसपी हुए बलिदान, वहां से लूटी इंसास बरामद
रायपुर। अबूझमाड़ (नारायणपुर) के थुलथुली में महीने भर पहले हुई अब तक की सबसे बड़ी मुठभेड़ में मिले अत्याधुनिक हथियारों में से 11 हथियारों की पहचान हो गई है, जो नक्सलियों ने दो दशक में विभिन्न अलग-अलग मुठभेड़ों में फोर्स से लूटा था। इस मुठभेड़ में डीकेएसजेडसी मेंबर स्तर की नक्सली नीति उर्फ उर्मिला समेत 38 नक्सली मारे गए थे। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि बरामद हथियारों में से एक इंसास नक्सलियों ने 2009 में राजनांदगांव के मदनवाड़ा मुठ मुठभेड़ में लूटा था, जिसमें एसपी विनोद चौबे समेत 29 जवान बलिदान हुए थे।
अबुझमाड़ के थुलथुली नेंदुर में बरामद दो दर्जन से अधिक हथियारों की पहचान की कोशिश में पुलिस जुटी हुई थी। ज्यादातर एके-47, इंसास, एसएलआर, इंसास एलएमजी, यूबीजीएल, 2 इंची मोर्टार जैसे हथियार पुलिस व अर्धसैनिक बलों से लूटे हुए हैं, लिहाजा इसमें दर्ज सीरियल नंबर और आबंटित कोड से हथियारों की पहचान की जाती है। अन्य हथियार नक्सलियों के कारखाने द्वारा निर्मित स्वदेशी बंदूकें और जुगाड़ वाली होते हैं।
थुलथुली मुठभेड़ में बरामद हथियार सात मुठभेड़ों से लूटे गए हैं, उन मुठभेड़ों में फोर्स के कुल 126 जवान बलिदान हुए थे। इन मुठभेड़ों में 24 अप्रैल 2017 को सुकमा के बुरकापाल में हुई मुठभेड़ में 25 जवानों को बलिदान कर लूटी गई एलएमजी, नारायणपुर के झारा कैंप से निकले जवानों पर 9 जून 2011 को हमला कर लूटी गई एक एके 47, 24 जनवरी 2018 को नारायणपुर इरपानार में चार जवानों को बलिदान कर लूटी गई एके 47 मिली है।
नारायणपुर के नटुमपारा में पुलिस नक्सली मुठभेड़ में तीन जवान को शहीद कर लूटी गई एक इंसास राइफल, तीन अप्रैल 2021 को बीजापुर के टेकुलगुड़ेम में 23 जवानों को बलिदान कर लूटे गए हथियारों में से 1 एके-47, 11 मार्च 2014 को सुकमा के टहाकवाड़ा में 11 सीआरपीएफ और जिला बल के चार जवानों के बलिदान के बाद लूटे गए हथियारों में से एक इंसास मिली है।
इसी तरह 18 मई 2016 को बीजापुर के बासागुड़ा थाने में पकड़कर रखा गया नक्सली वहां से यूबीजीएल छीनकर ले गया था। वह भी बरामद हुई है। 13 मई 2003 को दंतेवाड़ा के गीदम थाना को लूटकर ले जाए गए हथियारों में से एक एसएलआर, 10 मई 2003 को धमतरी के मांदागिरी में 11 जवानों की हत्या कर लूटे गए हथियारों में से एक एसएलआर मिली, एनएमडीसी माइनिंग पर 9 फरवरी 2006 को आठ सीआइएसएफ जवान की हत्या कर लूटे गए हथियारों में से एक एसएलआर और सुकमा-बीजापुर के टेकलगुड़ेम मुठभेड़ में 23 जवानों को शहीद कर लूटे गए हथियारों में से एक एके 47 मिली है।
राज्योत्सव 2024: श्रम विभाग का स्टॉल बना श्रमिकों एवं आम नागरिकों के आकर्षण का केंद्र
बस्तर संभाग के सभी विकासखण्ड एवं जिला स्तरीय प्रतियोगिता के आयोजन हेतु तिथि जारी
फिर चली गोली, SBI ग्राहक सेवा केंद्र में लूट करने आये आरोपियों ने बुजुर्ग महिला को मारी गोली
रायपुर। राजधानी रायपुर में गोलीकांड के बाद जशपुर से भी गोलीबारी की एक और घटना सामने आई है। जशपुर के कांसाबेल थाना क्षेत्र में दो बदमाशों ने लूट की नीयत से बुजुर्ग महिला की गोली मारकर हत्या कर दी। इतना ही नहीं बुजुर्ग के नाती को भी बेदम पीटा है। आरोपियों ने घटना को दिनदहाड़े अंजाम दिया है।
जानकारी के मुताबिक, घटना कांसाबेल थाना के ग्राम पंचायत बटाईकेला गांव की घटना है। अब से कुछ देर पहले दो बदमाश लूट की नियत से ग्राहक सेवा केंद्र एसबीआई बैंक संचालक की दुकान में पहुंचे। इस दौरान दोनों आरोपी दुकान संचालक संजू से लूट करने लगे।
लूट का विरोध करने पर दोनों बदमाशों ने दुकानदार युवक को बेदम पीटा। नाती को मार खाता देख बुजुर्ग दादी बीच-बचाव के लिए पहुंची तो बदमाशों ने उस पर दनादन गोली चला दी। इस घटना में 65 वर्षीय बुजुर्ग महिला की मौके पर ही मौत हो गई। घटना के बाद दोनों आरोपी फरार है। घायल युवक को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
मुख्यमंत्री का राज्य प्रशासनिक सेवा के पदोन्नत अधिकारियों ने जताया आभार
छत्तीसगढ़ में हाथियों की मौत पर स्वतः संज्ञान, ऊर्जा विभाग के सचिव शपथ पत्र के साथ तलब
रायपुर। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के घरघोड़ा वन परिक्षेत्र में बिजली के करंट से तीन हाथियों की मौत के मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका पर सुनवाई की. मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति बीडी गुरु की खंडपीठ ने ऊर्जा विभाग के सचिव और छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर को शपथ पत्र प्रस्तुत करने का आदेश दिया। अदालत ने यह कदम वन्य जीवों की सुरक्षा को लेकर गहरी चिंता जाहिर करते हुए उठाया है और इस मामले की अगली सुनवाई 20 नवंबर को होगी।
रायपुर के वन्य जीव प्रेमी नितिन सिंघवी ने भी इस जनहित याचिका में हस्तक्षेप याचिका दायर की है, जिसमें उन्होंने बताया कि बिलासपुर वन मंडल में एक अक्टूबर को करंट लगने से एक हाथी शावक की मौत हुई थी. सिंघवी ने अपनी याचिका में यह भी उल्लेख किया कि बिजली के तार टूटने से नौ अक्टूबर को कांकेर जिले में तीन भालुओं की मौत हो गई थी।
याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में बताया कि शिकार के उद्देश्य से बिछाए गए बिजली के तारों से इंसानों और वन्य जीवों की जानें भी जा रही हैं. कोरबा में 15 अक्टूबर को ऐसे तारों से दो लोगों की मृत्यु हो गई, जबकि 21 अक्टूबर को अंबिकापुर के जंगलों में एक व्यक्ति की इसी प्रकार के करंट से मौत हो गई थी. ये घटनाएं राज्य में बिजली के तारों के चलते वन्य जीवों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठाती हैं।
उच्च न्यायालय ने नितिन सिंघवी द्वारा दायर हस्तक्षेप याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्हें भी शपथ पत्र दाखिल करने के निर्देश दिए हैं. कोर्ट ने वन्य जीवों की बढ़ती दुर्घटनाओं पर चिंता जताते हुए आवश्यक कार्रवाई की मांग की है. इस प्रकार की घटनाओं से न केवल वन्य जीवों का जीवन खतरे में पड़ रहा है,। बल्कि शिकारियों द्वारा बिछाए गए तारों से इंसानी जीवन भी प्रभावित हो रहा है।
छत्तीसगढ़ में सस्ता हुआ पेट्रोल-डीजल, दूरस्थ इलाकों के लोगों को मिलेगा लाभ
रायपुर। पिछले कुछ महीनों से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में कई उतार-चढ़ाव देखने को मिले हैं। वैश्विक बाजारों में तेल की मांग और आपूर्ति में होने वाले बदलाव का असर भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर भी पड़ता है। हालांकि, बीते एक हफ्ते में कच्चे तेल की कीमतें लगभग स्थिर बनी हुई हैं, और फिलहाल इसका भाव करीब 69 डॉलर प्रति बैरल पर टिका हुआ है।
तेल कंपनियों ने दूरदराज के स्थानों के उपभोक्ताओं को लाभ पहुंचाने के लिए अंतर-राज्य माल ढुलाई को युक्तिसंगत बनाने का भी बड़ा फैसला लिया है। दूर-दराज के ये वो स्थान हैं जो तेल मार्केटिंग कंपनियों (ओएमसी) के पेट्रोल और डीजल डिपो से दूर हैं। इससे बहुत जगहों के उपभोक्ताओं के लिए पेट्रोल और डीजल होगा और सस्ता। छत्तीसगढ़ में कुछ स्थानों पर इसका असर होगा। बस्तर के कुछ इलाकों में इससे पेट्रोल और डीजल सस्ता होगा।
बीजापुर – पेट्रोल- 2.70 डीजल- 2.60
बौलाडीला – पेट्रोल-2.50 डीजल- 2.41
कटेकल्याण – पेट्रोल 2.46 डीजल – 2.36
बचेली – पेट्रोल- 2.35 डीजल – 2.26
दंतेवाड़ा – पेट्रोल – 2.23 डीजल – 2.15
सुकमा – पेट्रोल – 2.09 डीजल – 2. 02
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महानगरों में पेट्रोल और डीजल के दाम (रुपये प्रति लीटर)
शहर पेट्रोल (₹) डीजल (₹)
· दिल्ली 94.72 87.62
· मुंबई 104.21 92.15
· कोलकाता 103.94 90.76
· चेन्नई 100.75 92.32
· बेंगलुरु 99.84 85.93
· लखनऊ 94.65 87.76
· नोएडा 94.83 87.96
· गुरुग्राम 95.19 88.05
· चंडीगढ़ 94.24 82.40
· पटना 105.18 92.04
प्रधानमंत्री ने मन की बात में नारायणपुर के बुटलूराम माथरा को सराहा
चार दशक से अबूझमाड़िया जनजाति की अनूठी लोक कला को बचाने और आगे बढ़ाने में जुटे हैं बुटलूराम माथरा
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा- माथरा जी के प्रयासों को बढ़ावा देगी छत्तीसगढ़ सरकार
रायपुर | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने चर्चित रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 115वें एपिसोड में आज रविवार को सुबह जब छत्तीसगढ़ के नारायणपुर के टलूराम माथरा का जिक्र किया, तो लोक कला को बचाने और उसे आगे बढ़ाने के लिए वर्षों से की जा रही उनकी मेहनत राष्ट्रीय मंच पर चमक उठी। यह पल था छत्तीसगढ़ की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और उसे संजोने वाले उन गुमनाम नायकों को सलाम करने का, जिनके प्रयासों ने इस धरोहर को जीवित रखा है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मन की बात में बुटलूराम जी की कहानी साझा करते हुए बताया कि वे पिछले चार दशकों से अबूझमाड़िया जनजाति की अनूठी लोक कला को बचाने और आगे बढ़ाने के लिए सतत प्रयासरत हैं। “बुटलूराम जी ने लोक कला की उन धरोहरों को सहेज कर रखा है, जिनमें छत्तीसगढ़ की संस्कृति की गूंज है। उनकी लगन और निष्ठा आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत है।‘‘ प्रधानमंत्री की यह सराहना, उस समर्पण की गवाही थी, जो बुटलूराम जी ने अपनी संस्कृति को संरक्षित करने के लिए दी है, जिससे न केवल छत्तीसगढ़ का नाम रोशन हुआ है, बल्कि पूरी दुनिया के सामने उसकी विशिष्टता भी उभरी है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा लोक कला के संरक्षण और संवर्धन में जुटे नारायणपुर के बुटलूराम माथरा की सराहना किए जाने पर प्रसन्नता जताई है। उन्होंने कहा कि यह अच्छी बात है कि प्रधानमंत्री जी ने लोक कला के क्षेत्र में अच्छा काम कर रहे कलाकारों की प्रशंसा की है। बुटलूराम माथरा जी ने लोक कला को संरक्षित करने की दिशा में बहुत अच्छा काम किया है। उन्होंने प्रधानमंत्री जी के बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ तथा स्वच्छ भारत को आगे बढ़ाने की दिशा में बड़ा काम भी किया है। नारायणपुर में आदिवासी संस्कृति अपने सबसे मूल रूप में है। हमारी सरकार माथरा जी के प्रयासों को बढ़ावा देगी।
मुख्यमंत्री ने वेब सीरीज 'ग्राम-चिकित्सालय' के मुहूर्त-शॉट का दिया क्लैप
प्रसिद्ध वेब सीरीज-'पंचायत' की टीम को भाया छत्तीसगढ़,राजनांदगांव में अगला प्रोजेक्ट करेंगे शूट
रायपुर | मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से यहां उनके निवास कार्यालय में छत्तीसगढ़ में शूट होने वाली वेब सीरीज 'ग्राम-चिकित्सालय' की टीम ने मुलाकात की। मुख्यमंत्री साय ने इस दौरान वेब सीरीज ग्राम-चिकित्सालय के मुहूर्त-शॉट का क्लैप दिया। मुख्यमंत्री को टीम ने बताया कि उनका पिछला प्रोजेक्ट प्रसिद्ध 'पंचायत' सीरीज था, जिसे बहुत सराहना मिली। अब वे वेब सीरीज 'ग्राम-चिकित्सालय' शूट करने जा रहे हैं। इसकी शूटिंग छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में होगी। मुख्यमंत्री ने उनका छत्तीसगढ़ में स्वागत करते हुए उन्हें शुभकामनाएं दीं।
मुख्यमंत्री को वेब सीरीज की टीम ने बताया कि अभी तक उनके 'पंचायत' सहित अन्य प्रोजेक्ट्स की ज़्यादातर शूटिंग मध्यप्रदेश में हुई है। मगर इस बार वेब सीरीज 'ग्राम-चिकित्सालय' की कहानी के लिए जैसी लोकेशंस ढूंढी जा रही थीं उसकी तलाश छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में जाकर खत्म हुई। पूरा छत्तीसगढ़ ही बहुत सुंदर है। यहां सिनेमेटिक ब्यूटी बिखरी हुई है। हमें उम्मीद है कि यहां फिल्माई जा रही यह वेब सीरीज भी 'पंचायत' की ही तरह सफल रहेगी।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने वेब सीरीज की टीम से चर्चा करते हुए कहा कि हमारी सरकार छत्तीसगढ़ में फ़िल्म निर्माण को लगातार बढ़ावा दे रही है। हमारा प्रयास है कि छत्तीसगढ़ फ़िल्म शूटिंग के हब के रूप में उभरे। नई फिल्म नीति के तहत छत्तीसगढ़ में फ़िल्म निर्माण को प्रोत्साहन देने के लिए कई प्रावधान किए गए हैं। राज्य में फ़िल्म सिटी स्थापित करने की दिशा में भी हम बढ़ रहे हैं। फ़िल्म सिटी के माध्यम से न सिर्फ स्थानीय कलाकारों को प्रतिभा दिखाने का मौका मिलेगा बल्कि बड़ी संख्या में रोजगार का भी सृजन होगा।
मुख्यमंत्री को वेब सीरीज 'ग्राम-चिकित्सालय' की टीम ने बताया कि सीरीज में छत्तीसगढ़ के लोकल टैलेंट को भी कास्ट किया जा रहा है। यहां बहुत प्रतिभाशाली कलाकार हैं जिनका उपयोग हम कर रहे हैं। इसलिए थियेटर से जुड़े कलाकारों सहित स्थानीय लोगों को सेलेक्ट किया गया है। लगभग एक महीने यहां शूट चलेगा।
इस अवसर पर संस्कृति विभाग के संचालक विवेक आचार्य, द वायरल फीवर (टीवीएफ) के फाउंडर व ओनर अरुणाभ कुमार, डायरेक्टर दीपक मिश्रा, एग्जेक्युटिव प्रोड्यूसर गणेश शेट्टी सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
आज रायपुर और भिलाई में आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में होंगी शामिल : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु
रायपुर | राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु आज राजधानी रायपुर और दुर्ग जिले के भिलाई में आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होंगी।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु आज प्रातः 9.20 बजे राजभवन से प्रस्थान कर गायत्री नगर रायपुर स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर पहुची और वहां दर्शन एवं आरती के पश्चात रायपुर एयरपोर्ट जाएंगी और वहां से विशेष हेलीकॉप्टर से भिलाई के लिए प्रस्थान करेंगी। राष्ट्रपति मुर्मु पूर्वान्ह सवा 11 बजे से दोपहर सवा 12 बजे तक आईआईटी भिलाई के चतुर्थ दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होंगी।
राष्ट्रपति मुर्मु वहां से हेलीकॉप्टर से दोपहर 01 बजे रायपुर एयरपोर्ट वापस आएंगी और नवा रायपुर स्थित मुख्यमंत्री के नवीन शासकीय आवास में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय द्वारा उनके सम्मान में आयोजित दोपहर भोज में शामिल होंगी। वे अपरान्ह 3.30 बजे पंडित दीनदयाल उपाध्याय मेमोरियल हेल्थ साइंस एवं आयुष युनिवर्सिटी छत्तीसगढ़ नवा रायपुर जाएंगी तथा वहां आयोजित तृतीय दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगी। वे संध्या 5.10 बजे रायपुर एयरपोर्ट से विशेष विमान से नई दिल्ली के लिए प्रस्थान करेंगी।
6 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण : छत्तीसगढ़ सरकार की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर
रायपुर | नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा बलों की बढ़ती कार्रवाई और छत्तीसगढ़ सरकार की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर माओवादी हिंसा का रास्ता छोड़कर विकास की मुख्यधारा में शामिल हो रहे हैं | वहीं सुकमा जिले सक्रिय एक नक्सली दंपत्ति सहित 06 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है | नक्सलियों ने आत्मसमर्पण का यह कदम “छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन एवं पुनर्वास नीति” और “नियद नेल्ला नार” योजना से प्रभावित होकर उठाया है।
आत्मसमर्पित नक्सली दंपत्ति पर 10 लाख रुपये का इनाम घोषित था, जबकि 01 महिला और 01 पुरूष नक्सली पर 05-05 लाख रुपये का और 02 पुरूष नक्सलियों पर 02-02 लाख रुपये का इनाम था | कुल मिलाकर इन नक्सलियों पर 24 लाख रुपये के इनाम की घोषणा की गई थी।
नक्सलियों को आत्मससमर्पण के लिए प्रोत्साहित कराने में जिला बल, डीआरजी, विशेष आसूचना शाखा सुकमा और रेंज फिल्ड टीम (आरएफटी) कोंटा एवं 02, 50 वाहिनी सीआरपीएफ को सफलता मिली है।
राजनांदगांव में पीएमश्री विद्यालयों की जिला स्तरीय बौद्धिक प्रतियोगिता संपन्न : बच्चों ने दिखाया हुनर
रायपुर | मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के पहल पर राजनांदगांव में पीएमश्री विद्यालयों की जिला स्तरीय बौद्धिक प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता का आयोजन डॉ. बल्देव प्रसाद मिश्र शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, बसंतपुर में किया गया, जिसमें जिले के पीएमश्री प्राथमिक विद्यालयों के विद्यार्थियों ने विभिन्न श्रेणियों में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया।
जिला शिक्षा अधिकारी प्रवास कुमार सिंह बघेल पीएमश्री विद्यालयों की जिला स्तरीय बौद्धिक प्रतियोगिता के समापन समारोह में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजन से निश्चित रूप से जिले के बच्चों के समग्र विकास हेतु लाभदायक होगा। बच्चों में रचनात्मक एवं नवाचार की प्रवृत्ति में वृद्धि होगी। वाद-विवाद प्रतियोगिता, कबाड़ से जुगाड़, डिजिटल क्वेस्ट के गतिविधियों से उनमे टीम वर्क एवं नेतृत्व एवं क्षमता की विकास होगा। उन्होंने प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र एवं पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया।
उल्लेखनीय है कि पीएमश्री विद्यालयों की जिला स्तरीय बौद्धिक स्पर्धा में चार श्रणियों विद्या वैभव, मंथन मंडल, डिजिटल क्वेस्ट एवं स्थानीय स्थलों की खोज प्रतियोगिता में स्पर्धा का आयोजन किया गया था। जिसमें विद्या वैभव (ओलंपियाड) के अंतर्गत वाद विवाद, रचनात्मक कला और खेल जैसी विभिन्न गतिविधियों में विद्यार्थियों ने भाग लिया। जिसका उद्देश्य समग्र विकास को बढ़ावा देना, प्रतिमा को पोषित करना, स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहित करना तथा रचनात्मकता व नवाचार को बढ़वा देना है। इसी तरह मंथन मंडल (डिबेट क्लब) अंतर्गत विकसित राष्ट्र और एक राष्ट्र और एक चुनाव पर वाद विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसका उद्देश्य विद्यार्थियों में नेतृत्व और टीम वर्क की भावना को विकसित करना है। डिजिटल क्वेस्ट के माध्यम से छात्र पर्यावरण और सामाजिक मुद्दों की पहचान करेंगे तथा शिक्षकों से सहायता लेकर मोबाईल, कम्प्यूटर टेबलेट, लैपटॉप के माध्यम से अपने ज्ञान में वृद्धि करेंगे। स्थानीय स्थलों की खोज अंतर्गत प्रतियोगिता का उद्देश्य सांस्कृतिक और ऐतिहासिक जागरूकता की भावना को विकसित करेंगे।
विद्या वैभव प्रतियोगिता में पीएमश्री प्राथमिक शाला कंडरापारा डोंगरगढ़ के छात्र रितेश यादव ने प्रथम, पीएमश्री प्राथमिक शाला कोपेडीह राजनांदगांव के छात्रा पूर्वी साहू ने द्वितीय एवं पीएमश्री प्राथमिक शाला हरदी राजनांदगांव के छात्र नागेन्द्र कुमार साहू ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। मंथन मंडल प्रतियोगिता में पीएमश्री प्राथमिक शाला डुन्डेरा डोंगरगढ़ के छात्र विवेक कुमार ने प्रथम, पीएमश्री प्राथमिक शाला कोपेडीह राजनांदगांव की छात्रा कोमल वर्मा ने द्वितीय एवं पीएमश्री प्राथमिक शाला बोधीटोला डोंगरगांव की छात्रा गीतांजलि निषाद ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। डिजिटल क्वेस्ट प्रतियोगिता में पीएमश्री प्राथमिक शाला हरदी राजनांदगांव की छात्रा शताक्षी साहू ने प्रथम, पीएमश्री प्राथमिक शाला अमलीडीह डोंगरगांव के छात्र देवेन्द्र पटेल ने द्वितीय एवं पीएमश्री प्राथमिक शाला मोरकुटुम्ब छुरिया की छात्रा वारूणी सोरी ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। स्थानीय स्थलों की खोज प्रतियोगिता में पीएमश्री प्राथमिक शाला डुन्डेरा डोंगरगढ़ के छात्र विवेक कुमार ने प्रथम, पीएमश्री प्राथमिक शाला हरदी राजनादगांव के छात्र नागेन्द्र साहू ने द्वितीय एवं पीएमश्री प्राथमिक शाला कंडरापारा डोंगरगढ़ के छात्र वेदांत यादव ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।
कार्यक्रम में जिला नोडल अधिकारी सतीश ब्यौहरे, एपीसी रफिक अंसारी, और अन्य शिक्षण अधिकारी उपस्थित रहे। प्रतियोगिता ने बच्चों में शिक्षा के प्रति रुचि और उनकी प्रतिभा को निखारने का एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान किया।
पोलियो उन्मूलन के लिए विष्णुदेव साय व श्याम बिहारी जायसवाल की सराहनीय भूमिका
रायपुर | एमसीबी जिले ने पोलियो उन्मूलन के प्रयासों में एक अग्रणी भूमिका निभाई है। इस सफलता के पीछे राज्य के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल की अहम भूमिका रही है, जिनके नेतृत्व में राज्य ने स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत बनाया और पोलियो के खिलाफ एक बड़ा अभियान चलाया। पोलियो (पोलियोमाइलिटिस) एक संक्रामक बीमारी है जो पोलियोवायरस के कारण होती है। यह मुख्य रूप से बच्चों को प्रभावित करती है, जिससे उनकी मांसपेशियों में कमजोरी आ जाती है और स्थायी विकलांगता या मृत्यु भी हो सकती है।
एक समय था जब यह बीमारी दुनियाभर में विकराल रूप ले चुकी थी, और लाखों बच्चे इससे प्रभावित हो रहे थे। लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और यूनिसेफ जैसी वैश्विक संस्थाओं ने पोलियो उन्मूलन के लिए व्यापक अभियान शुरू किए, जिसमें टीकाकरण एक मुख्य हथियार बना। भारत में पोलियो का आखिरी मामला 2011 में सामने आया था, और 2014 में देश को पोलियो मुक्त घोषित कर दिया गया। यह एक बड़ी उपलब्धि थी, लेकिन इस यात्रा में राज्यों का योगदान भी महत्वपूर्ण रहा है। छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों ने पोलियो उन्मूलन की दिशा में जो कदम उठाए, वे पूरे देश के लिए प्रेरणा बने।
पोलियो एक गंभीर बीमारी है, जो आमतौर पर छोटी उम्र में भी लोगों को अपना शिकार बना लेती है। यही वजह है कि इसके प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने के मकसद से हर साल 24 अक्टूबर को विश्व पोलियो दिवस मनाया जाता है। यह दिन लोगों को इस गंभीर बीमारी के बुरे परिणामों के बारे में बताने के साथ ही इससे निपटने के तरीकों के बारे में भी जानकारी देता है। भारत को भले ही पोलियो मुक्त घोषित किया जा चुका है, लेकिन आज भी दुनियाभर में कई लोग इस बीमारी से प्रभावित हैं। इस दिन को मनाने की शुरुआत 1985 में की गई थी। यह दिन रोटरी इंटरनेशनल द्वारा बनाई गई पहली पोलियो वैक्सीन टीम के प्रमुख चिकित्सा शोधकर्ता जोनास साल्क के प्रयासों के सम्मान में मनाया जाता है। तब से लेकर आज तक हर साल 24 अक्टूबर को यह दिन मनाया जाता है।
पोलियो के प्रति जागरूकता फैलाने वाला यह दिन हर साल किसी खास थीम के साथ मनाया जाता है। इस साल वर्ल्ड पोलियो डे की थीम है: "हर बच्चे तक पहुंचने के लिए एक ग्लोबल मिशन" पोलियो, जिसे पोलियोमाइलाइटिस भी कहा जाता है, एक बेहद संक्रामक वायरल बीमारी है, जो मुख्य रूप से 5 साल से कम उम्र के बच्चों को प्रभावित करती है। इसकी वजह से प्रभावित बच्चे को पैरालिसिस होता है और कभी-कभी मौत भी हो जाती है। ऐसे में इस बीमारी से बचाव के लिए 1988 में ग्लोबल पोलियो इरेडिकेशन इनीशिएटिव (GPEI) जैसी पहल की शुरुआत के बाद से, दुनिया भर में पोलियो के मामलों को कम करने में मदद मिली है। इस पहल के बाद पोलियो के मामलों में 99% से ज्यादा की गिरावट आई है और पोलियो अब केवल कुछ ही देशों में स्थानिक बीमारी है।
छत्तीसगढ़, जो अपने आदिवासी और ग्रामीण आबादी के लिए जाना जाता है, पोलियो उन्मूलन की दिशा में एक चुनौतीपूर्ण राज्य रहा है। राज्य की भौगोलिक स्थिति, जनसंख्या की विविधता और स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच में आने वाली समस्याएं इसे और अधिक चुनौतीपूर्ण बनाती हैं।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ ने पोलियो उन्मूलन के लिए कई अहम कदम उठाए। स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच को बेहतर बनाने के लिए राज्य में एक मजबूत टीकाकरण अभियान शुरू किया गया, जिसमें विशेष ध्यान उन ग्रामीण और आदिवासी इलाकों पर था, जहां स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच कम थी।
पोलियो उन्मूलन के लिए सरकार और जनता का सहयोग अत्यंत आवश्यक होता है। विष्णुदेव साय और श्यामबिहारी जायसवाल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में सरकारी संस्थाओं के साथ-साथ गैर सरकारी संगठनों और समाजसेवियों का भी बड़ा योगदान रहा है। पोलियो टीकाकरण अभियान को सफल बनाने के लिए राज्य सरकार ने कई जन जागरूकता कार्यक्रम भी चलाए, जिनके तहत लोगों को पोलियो के खतरे और टीकाकरण के महत्व के बारे में जानकारी दी गई। छत्तीसगढ़ पोलियो उन्मूलन की दिशा में जो सफलता हासिल की है वह मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल की दूरदर्शिता और नेतृत्व का परिणाम है। उनके प्रयासों से न केवल एमसीबी जिला बल्कि पूरा छत्तीसगढ़ पोलियो मुक्त होने की दिशा में अग्रसर हुआ है।
मंत्री रामविचार नेताम की पहल पर बलरामपुर-रामानुजगंज के जन्मजात हृदय रोग से ग्रसित 16 बच्चों का हुआ सफल इलाज
बच्चों के निःशुल्क इलाज के पुनित कार्य के लिए मंत्री ने श्री सत्य सांई संजीवनी हॉस्पिटल के प्रति आभार जताया
गौरतलब है कि मंत्री रामविचार नेताम नवा रायपुर स्थित सत्य सांई सौभाग्यम् संजीवनी हॉस्पिटल में आयोजित ‘गिफ्ट ऑफ लाईफ‘ सेरेमनी कार्यक्रम में शामिल हुए।
उन्होंने श्री सत्य सांई संस्था की ओर से हॉस्पिटल में उपचारत् बच्चों से सौजन्य मुलाकात कर उनके स्वास्थ्य के संबंध में हालचाल जाना और जन्मजात शिशुओं के इलाज के बाद डिस्चार्ज सर्टिफिकेट प्रदान किया। इस अवसर पर सत्य साईं संजीवनी ट्रस्ट के नेशनल चेयरमेन सी. श्रीनिवास सहित डॉक्टरों का दल उपस्थ्ति थे।
विकसित भारत बनाने में किसानों का योगदान महत्वपूर्ण : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय
एग्री कार्नीवाल-2024 ‘‘राष्ट्रीय किसान मेला एवं कृषि प्रदर्शनी’’ का शुभारंभ
कृषि निर्यात, आधुनिक ब्रीडिंग तकनीक एवं जैव विविधता पर कार्यशाला एवं संगोष्ठी
रायपुर | मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि विकसित भारत बनाने में किसानों का महत्वपूर्ण योगदान है। खेती-किसानी को आधुनिक बनाने के साथ ही किसानों की आमदनी बढ़ाना छत्तीसगढ़ सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने किसानों से धान की खेती के साथ-साथ आमदनी बढ़ाने के लिए मत्स्य पालन, पशुपालन एवं उद्यानिकी फसलों के उत्पादन से जुड़ने का आह्वान किया। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय राजधानी के इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित राष्ट्रीय कृषि मेले एवं प्रदर्शनी के शुभारंभ समारोह को सम्बोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में हमारी सरकार बनते ही पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी के जन्म दिन पर हमने 13 लाख किसानों को धान के बकाये बोनस की राशि 3716 करोड़ रुपए अंतरित कर दी। हमने अपने वादे के अनुरूप 3100 रुपए प्रति क्विंटल धान का मूल्य दिया और 21 क्विंटल प्रति एकड़ धान की खरीदी की। पिछले साल 145 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की। समर्थन मूल्य पर धान खरीदी और राज्य सरकार द्वारा घोषित उपार्जन मूल्य तथा दो साल का बकाया बोनस के माध्यम से किसानों के खाते में लगभग 49 हजार करोड़ रुपए अंतरित किये हैं। उन्होंने कहा कि चालू खरीफ मौसम में अच्छी फसल को देखते हुए समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए राज्य में बेहतर से बेहतर व्यवस्था की जाएगी। इस वर्ष 14 नवम्बर से धान खरीदी का काम शुरू होगा। इस साल भी रिकार्ड धान खरीदी का अनुमान है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि खेती-किसानी में युवाओं को जोड़कर इसे आधुनिक खेती की ओर आगे बढ़ाने के लिए आज कृषि मेले एवं उन्नत कृषि उपकरणों की प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है। कृषि क्षेत्र में नवीन तकनीकों के विकास एवं इसे किसानों तक पहुंचाने की दिशा में भी इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय का महत्वपूर्ण योगदान है। एग्रीकल्चर की पढ़ाई की सुविधा अधिकाधिक युवकों को मिले और प्रदेश की खेती और संवर सकें, इसके लिए हम लगातार काम कर रहे हैं।
कृषि मंत्री रामविचार नेताम बताया कि कृषि में स्वरोजगार के लिए उत्पादन बढ़ाने के साथ-साथ फसल चक्र परिवर्तन, कृषि उत्पाद की पैकेजिंग एवं मार्केटिंग के लिए विशेष प्रयास की आवश्यकता है। बृजमोहन अग्रवाल, सांसद रायपुर ने बताया कि हमारे मुख्यमंत्री एवं कृषि मंत्री जी स्वयं कृषक हैं इसलिए छत्तीसगढ़ में कृषि के क्षेत्र में निरंतर उन्नति हो रही है। छत्तीसगढ़ शासन की योजनाओं के कारण वर्तमान में धान की खेती फायदे का सौदा है और फसल चक्र अपनाकर उद्यानिकी फसलों को शामिल कर कृषकों को आय बढ़ाने का सुझाव दिया।
कार्यक्रम में विधायक धरसींवा अनुज शर्मा, विधायक दुर्ग गजेन्द्र यादव सहित इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल, प्रबंध मण्डल के सदस्यगण, विमल चावड़ा, रामसुमन उइके एवं जानकी सत्यनारायण चन्द्रा उपस्थित थे।
उद्घाटन कार्यक्रम में 6 किसानों को मसूर की नई किस्म के मिनी किट प्रदान किये गये। एग्री कार्नीवाल में जॉब फेयर से चयनित 6 कृषि स्नातक विद्यार्थियों को भी विभिन्न कम्पनियों द्वारा आफर लेटर प्रदान किया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय की कॉफी टेबलबुक ‘‘अग्रसर’’ सहित अन्य कृषक उपयोगी प्रकाशनों का अतिथियों द्वारा विमोचन भी किया गया। कृषि स्टार्टअप के युवा उद्यमियों को अनुदान राशि का चेक भी प्रदान किया गया। एग्री कार्नीवाल में प्रदेश के विभिन्न जिलों से लगभग 4 हजार किसान भाई-बहनों एवं लगभग 1 हजार विद्यार्थियों ने प्रक्षेत्र भ्रमण एवं प्रदर्शनी द्वारा कृषि तकनीकों की जानकारी प्राप्त की।
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित चार दिवसीय एग्री कार्नीवाल-2024 ‘‘राष्ट्रीय किसान मेला एवं कृषि प्रदर्शनी’’ में दूसरे दिन 23 अक्टूबर को ‘‘छत्तीसगढ़ से कृषि उत्पादों के निर्यात’’ पर संगोष्ठी एवं ‘‘आधुनिक पादप प्रजनन तकनीक एवं डाटा एनालिसिस’’ पर कार्यशाला तथा ‘‘जैव विविधता पर प्रदर्शनी’’ एवं कार्यशाला का आयोजन किया गया।
‘‘आधुनिक पादप प्रजनन तकनीक एवं डाटा एनालिसिस’’ पर दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल द्वारा किया गया। इस कार्यशाला में विशिष्ट अतिथि के रूप में ईस्ट अफ्रीका अंतर्राष्ट्रीय राइस ब्रीडिंग प्रोगाम के कार्यक्रम प्रमुख डॉ. एस.के. कटियार, उपस्थित हैं। इसमें छत्तीसगढ़ एवं अन्य राज्यों के 211 वैज्ञानिकों एवं अनुसंधान कर्ताओं को मॉर्डन राइस ब्रीडिंग, स्पीड ब्रीडिंग, डेटा एनालिसिस पर जीवन्त प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है, जिससे भविष्य की आवश्यकतानुसार नयी फसलों, किस्मों का विकास संभव हो सकेगा। इस कार्यशाला में इंटरनेशनल राइस रिसर्च इंस्टीट्यूट, मनीला, फिलीपींस, घाना, ईस्ट अफ्रीका के अन्तर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों द्वारा नवीन तकनीकों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। एग्री कार्नीवाल-2024 ‘‘राष्ट्रीय किसान मेला एवं कृषि प्रदर्शनी’’ में ‘‘छत्तीसगढ़ से कृषि उत्पादों के निर्यात’’ पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें लगभग 400 उन्नतशील किसानों, युवा उद्यमियों, अनुसंधानकर्ताओं एवं विद्यार्थियों ने भाग लिया।
नशीली, नकली और अवैध दवाईयों की बिक्री पर कड़ाई से प्रतिबंध लगाने के दिए निर्देश
रायपुर। उप मुख्यमंत्री तथा कोरबा जिले के प्रभारी मंत्री अरुण साव ने कोरबा जिला मुख्यालय में अधिकारियों की बैठक लेकर जिले में विकास कार्यों और शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा की। उन्होंने बैठक में शासन की सभी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ आम नागरिकों तक प्राथमिकता से पहुंचाने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को अपने विभिन्न कार्यों से कार्यालय आने वाले लोगों से अच्छा व्यवहार करने एवं उनकी समस्याओं का त्वरित निराकरण कर उन्हें राहत पहुंचाने को कहा। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन, विधायकगण प्रेमचंद पटेल, तुलेश्वर सिंह मरकाम और फूलसिंह राठिया तथा महापौर राजकिशोर प्रसाद भी समीक्षा बैठक में शामिल हुए।
उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने बैठक में कहा कि प्रदेश की ऊर्जाधानी कोरबा में संसाधनों की कोई कमी नहीं है। यहां हर क्षेत्र में कार्य करने की संभावनाएं असीम हैं। शासकीय कार्यालयों का काम अपग्रेड हो गया है। आप सभी अधिकारी-कर्मचारी भी अपनी कार्यप्रणाली को अद्यतन करें एवं नई ऊर्जा व सोच के साथ जिले को विकास की दिशा में ले जाने के लिए तत्परता से काम करें।
साव ने बैठक में सभी शासकीय कार्यालयों में साफ-सफाई एवं व्यवस्थित रखरखाव, नगरीय निकायों में प्रकाश व स्वच्छता की पूर्ण व्यवस्था, राजस्व प्रकरणों के निराकरण, सड़कों की स्थिति, प्रधानमंत्री आवास, जल जीवन मिशन, लोक निर्माण विभाग, नगरीय प्रशासन विभाग, स्वास्थ्य विभाग, वन विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, स्कूल शिक्षा विभाग, उच्च शिक्षा विभाग और महिला एवं बाल विकास विभाग के कार्यों की समीक्षा की और आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने विभागीय योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के लिए सभी अधिकारियों को नियमित रूप से फील्ड विजिट करने को कहा। उन्होंने जिले के सभी नगरीय निकायों को स्वच्छता पर खास ध्यान देते हुए स्वच्छता रैंकिंग में अच्छा प्रदर्शन सुनिश्चित करने अधिकारियों को विशेष प्रयास करने के निर्देश दिए।
साव ने राजस्व प्रकरणों की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को इन्हें गम्भीरता से निराकृत करने को कहा। उन्होंने राजस्व न्यायालयों में किसानों की समस्याओं को समझने और उन्हें पूरी सहूलियत प्रदान करने के निर्देश दिए। श्री साव ने जिले में चल रहे सभी सड़क निर्माण व मरम्मत तथा अधोसरंचना निर्माण कार्यों को समयावधि में पूर्ण करने के साथ ही गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। उन्होंने नगरीय निकायों और ग्रामीण क्षेत्रों की पीडब्ल्यूडी सड़कों, पीएम सड़कों एवं मुख्यमंत्री ग्राम सड़कों की मरम्मत के कार्यों को मिशन मोड में पूरा करने को कहा।
अगर आप ने भी नौकरी के नाम पर दिए पैसे तो अब आपके खिलाफ भी होगी कार्रवाई
रायपुर। नौकरी लगाने के नाम पर फर्जीवाड़ा करने वालों से हाई कोर्ट परेशान है। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा के निर्देश पर रजिस्ट्रार जनरल बीपी वर्मा ने एक बार फिर प्रदेशवासियों से अपील की है और सावधानी बरतने की हिदायत भी दी है। रजिस्ट्रार जनरल वर्मा ने कहा है कि नौकरी लगाने के नाम पर किसी भी तरह के प्रलोभन में ना आए और ना ही किसी को राशि ही दें। नौकरी के नाम पर राशि देने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
रजिस्ट्रार जनरल बीपी वर्मा ने जारी प्रपत्र में लिखा है कि छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय, बिलासपुर के द्वारा 6 अक्टूबर 2023 को आम सूचना जारी करते हुए आमजनों को सूचित किया गया था कि न्यायालयों में नियुक्ति के संबंध में किसी भी तरह के आश्वासन तथा प्रलोभन में आने से बचें, अन्यथा वे आपराधिक अभियोजन के लिए उत्तरदायी ठहराये जायेंगे।
रजिस्ट्रार जनरल ने जारी प्रपत्र में लिखा है कि आम सूचना जारी करने के बावजूद भी यह देखा जा रहा है कि कुछ धोखेबाज व्यक्तियों द्वारा इस तरह के कृत्य किये जाने का प्रयास किया जा रहा है। लिहाजा आमजन तथा सभी संबंधितों को पुनः सलाह दी जाती है कि छत्तीसगढ हाई कोर्ट बिलासपुर, छत्तीसगढ़ राज्य के समस्त जिला न्यायालयों तथा न्यायिक व्यवस्था से संबंधित अन्य संस्थानों में उम्मीदवारों को नियुक्ति दिलाने का प्रलोभन देने तथा इस तरह के कोई भी कृत्य करने से बचें।