सुलभा जाऊलकर की आंखों से दो बच्चे देख सकेंगे दुनिया
रायपुर। रंगों के बिना दुनिया कितनी अधूरी है। इसकी कल्पना नहीं की जा सकती। हा... इसका एहसास जरूर किया जा सकता है। राजधानी के शांतिविहार कॉलोनी डंगनिया निवासी जाऊलकर परिवार ने इस एहसास को जाना। परिवार में हुए शोक के समय भी अपना गम भूलकर दो नेत्रहीन बच्चों की ख़ुशी के लिए उन्होंने अपनी माँ सुलभा जाऊलकर का नेत्रदान कराया।
महाराष्ट्र मंडळ के नेत्रदान-देहदान प्रभारी प्रभारी विक्रम हिशीकर ने बताया कि महाराष्ट्र मंडळ रायपुर नेत्रदान के लिए लोगों को लंबे समय से प्रेरित कर रही है। मंडल के कई सदस्य अब तक नेत्रदान कर चुके है। आज 26 जुलाई को महाराष्ट्र मंडळ की आजीवन सदस्य शांतिविहार कॉलोनी रायपुर निवासी सुलभा जाऊलकर (83) का निधन हो गया। शोक संतप्त परिवार ने मां की इच्छा का मान रखने हुए नेत्रदान कराया। रायपुर एम्स के सहयोग ने इनका नेत्रदान संपन्न हुआ।
विक्रम हिशीकर ने बताया कि दो वर्ष पूर्व सुलभा जाऊलकर के पति दिनकर एम जाऊलकर का भी नेत्रदान कराया गया था। आज हुए नेत्रदान के बाद उनका मारवाड़ी श्मशान घाट अंतिम संस्कार किया गया। वे सुधीर जाऊलकर, डॉ. अनुज जाऊलकर और अर्चना महावादी की माता थीं। सुलभा जाऊलकर को अंतिम विदाई देने के लिए मारवाड़ी मुक्तिधाम में आज महाराष्ट्र मंडळ की विभिन्न समितियों के पदाधिकारी व आजीवन सभासद, तात्यापारा स्थित हनुमान मंदिर और गजानन मंदिर के पदाधिकारी व सदस्य और दतात्रेय मंदिर के पदाधिकारियों के साथ बड़ी संख्या में डाक्टर्स उपस्थित थे। अंतिम संस्कार के बाद आयोजित श्रद्धांजलि सभा में महाराष्ट्र मंडळ के अध्यक्ष अजय काळे ने सुलभा जाऊलकर के जीवन पर प्रकाश डालते हुए उन्हें नमन किया। तत्पश्चात उपस्थित सभीजनों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।