दिव्य महाराष्ट्र मंडल
डंगनिया केंद्र की महिलाएं हर संकष्टी चतुर्थी को कर रही अथर्व शीर्ष का पाठ
रायपुर। महाराष्ट्र मंडळ की डंगनिया महिला केंद्र की महिलाएं हर माह में पड़ने वाली संकष्टी चतुर्थी में अथर्व शीर्ष का पाठ कर रही है। यह सिलसिला मंगलवार, 25 जून भी जारी रहा। डंगनिया निवासी श्रद्धा देशमुख के घर में मंगलवार को केंद्र की महिलाएं जुटी और 21 बार अथर्व शीर्ष का पाठ किया। वहीं इसके साथ हनुमान चालीसा और रामरक्षा स्तोत्र का पाठ कर महिलाओं ने वातावरण को भक्तिमय कर दिया।
केंद्र की महिलाओं ने बताया कि डंगनिया केंद्र द्वारा साल भर हर संकष्टी चतुर्थी के दिन किसी न किसी सदस्य के घर अथर्व शीर्ष पाठ किया जाता है। आज पाठ के दौरान श्रद्धा देशमुख, श्रद्धा मरघड़े, सरोज पराड़, रश्मि डांगे , ज्योति डोळस, दिव्या पात्रीकर, सोनल फड़नवीस, जया भावे, अनुभा जाउलकर , भावना राजिमवाले उपस्थित थीं।
जानें संकष्टी चतुर्थी
संकष्टी चतुर्थी हर चंद्र महीने में मनाई जाती है, इसलिए प्रत्येक महीने में भगवान गणेश की पूजा अलग-अलग पीठ (कमल की पंखुड़ियों) और नाम से की जाती है। कुल 13 व्रत हैं, जिनमें से प्रत्येक व्रत का एक विशिष्ट उद्देश्य और कहानी है, जिसे 'व्रत कथा' के रूप में जाना जाता है। इसलिए कुल 13 'व्रत कथा' हैं, हर महीने के लिए एक और आखिरी कथा 'आदिका' के लिए है, जो हिंदू कैलेंडर में हर चार साल में आने वाला एक अतिरिक्त महीना है।
अथर्व शीर्ष पाठ के फायदे
जिस जातक की कुंडली में राहु, केतु और शनि का अशुभ प्रभाव पड़ रहा हो, उनके लिए गणेश अथर्वशीर्ष का पाठ करना बहुत लाभदायक होता है। ऐसे व्यक्ति को प्रतिदिन गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ करना चाहिए। इससे व्यक्ति के दुखों का अंत हो जाता है। गणेश अथर्वशीर्ष का पाठ करने से पढ़ाई में छात्र-छात्राओं का मन लगता है और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं को सफलता मिलती है।
‘सगा पुतानी’ दे गया संदेश... सियान मन के गोठ से बनहीं जिनगी... नागरिक अभिनंदन भी
रायपुर। आज युवा पीढ़ी के बीच हमारी छत्तीसगढ़ी बोली और संस्कार को एक बार फिर जीवंत हो उठी सोमवार शाम वृंदावन हाल में। छत्तीसगढ़ के युवा लेखक और कवि मिनेश कुमार साहू की छत्तीसगढ़ के संस्कारों को लेकर लिखी गई छत्तीसगढ़ी कविता का रंगभूमि के रंग साधकों ने महाराष्ट्र मंडळ के साथ मिलकर शानदार नाट्य मंचन किया। कविताओं को मंचन सुंदर ढंग से नाट्य रूप में किया गया। इस अवसर पर महाराष्ट्र मंडल और छत्तीसगढ़ की प्रतिष्ठित संस्थाओं ने मिलकर नागरिक अभिनंदन भी किया। सगा पुतानी कार्यक्रम का निर्देशन आचार्य रंजन मोड़क ने किया।
इस सुंदर प्रस्तुति को लोकेश साहू, नीरज सिंह ठाकुर, नितीश यादव, जयप्रकाश साहू, आकाश वरथी, भूपेंद्र कुमार, संगीता निषाद, सुषमा गायकवाड, चैतन्य मोड़क, अनन्या निषाद, मानवी साहू, अर्जुन दास मानिकपुरी, मोहन साहू, नारायण साहू, तिलक भोगल, केशव साहू और वरिष्ठ लोक कलाकार नरेंद्र यादव ने अपनी कला से सजाया।
इस अवसर पर महाराष्ट्र मंडल के साथ मिलकर छत्तीसगढ़ की प्रतिष्ठित संस्थाओं ने मिलकर वरिष्ठ रचनाकार मिनेश कुमार साहू का नागरिक अभिनंदन किया। चित्रोत्पला लोककला संस्था से हेमलाल पटेल, लोकरागी भरथरी संस्था भाटापारा से प्रांजल सिंह राजपूत, अनहद नाद संगीत कला संस्था, रायपुर से अर्जुन दास मानिकपुरी,तराना म्यूजिकल ग्रुप, रायपुर से कैलाश छाबड़ा, लोकरंजनी लोक कला मंच रायपुर से डॉ. पुरुषोत्तम चंद्राकर, उजियार संस्था के नागेश वर्मा, श्री आदित्य साहू, लोकसुर सरगम ग्रुप, रायपुर से पुष्पेंद्र सिंह ने नागरिक अभिनंदन के कार्यक्रम में भाग लिया।
सुरता लोककला मंच के नरेंद्र जलक्षत्री और साथियों ने इस अवसर पर कवि मिनेश कुमार साहू को सुरता सम्मान वर्ष 2024 से सम्मानित किया और रंगभूमि, रायपुर ने साहित्य पुरोधा सम्मान से सम्मानित किया। इस अवसर पर महाराष्ट्र मंडल के सचिव चेतन दंडवते ने कवि मिनेश कुमार साहू और रंगभूमि के रंगसाधको को हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहा कि महाराष्ट्र मंडल सामाजिक, शैक्षणिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से रायपुर और छत्तीसगढ़ के विकास में सदैव आगे आकर कार्य करने वाली संस्था है और यही कारण है कि हमारे साथ प्रदेश की प्रतिष्ठित संस्थाओं ने जुड़कर प्रदेश के वरिष्ठ साहित्यकार को उनकी रचनाधर्मिता के लिए सम्मानित किया है। आज ऐसे ही मिलकर कार्य करने की आवश्यकता है तभी हमारा छत्तीसगढ़ विकसित छत्तीसगढ़ बनेगा। इस अवसर पर मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार डॉक्टर प्रकाश पतंगीवार, वरिष्ठ रचनाकार रामेश्वर शर्मा, मंडल के उपाध्यक्ष श्याम सुंदर खंगन, सुकृत गणोदवाले, साहित्य समिति प्रमुख सुश्री कुमुद लाड, रविन्द्र ठेंगड़ी और गणमान्य उपस्थित थे।
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संत ज्ञानेश्वर विद्यालय के ओम बसक ने श्रेयांश पाठक को हराकर जीता बैडमिंटन का खिताब
रायपुर। जिला बैडमिंटन संघ द्वारा नगर निगम के सप्रे शाला बैडमिंटन हाल में आयोजित जूनियर व सबजूनियर बैडमिंटन स्पर्धा का फाइनल रविवार को खेला गया। अंडर 19 बालक वर्ग में महाराष्ट्र मंडल द्वारा संचालित संत ज्ञानेश्वर स्कूल के छात्र ओम बसक ने अपने प्रतिद्वंदी श्रेयांश पाठक को 15-21,21-13, तथा 21-17 से पराजित कर खिताब अपने नाम कर लिया। वहीं अंडर-19 बालिका में इशिका पोद्दार ने रोमांचक मुकाबले में तिष्या मुक्ता को हराया। विजेता खिलाड़ियों को आल इंडिया बैडमिंटन फेडरेशन के सचिव व जूनियर इंडिया कोच संजय मिश्रा ने पुरस्कृत किया।
जिला संघ के सचिव अनुराग दीक्षित ने बताया कि इस प्रतियोगिता में विजेता खिलाड़ियों का बिलासपुर में 24 से 28 जुलाई तक होने वाली राज्य स्तरीय बैडमिंटन प्रतियोगिता के लिए जिले की टीम में चयन किया गया है। उन्होंने बताया कि विजेता और उपविजेता खिलाड़ियों को 21 हजार रुपये की पुरस्कार राशि और स्मृति चिन्ह भेंट किया गया है।
स्कूल के प्राचार्य मनीष गोवर्धन ने बताया कि ओम बसक पिछले 5 वर्षों से विभिन्न नेशनल प्रतियोगिता में भी भाग लेते रहें है और विजयी भी हुए है। उन्होंने बताया कि स्कूल में कई ऐसे छात्र है जो विभिन्न खेलों में अपनी प्रतिभा पहले भी दिखा चुके है, वहीं कई अच्छे खिलाड़ी स्कूल में अध्ययनरत है, जिन्हें खेलकूद में पूरी तर गाइड किया जाता है।
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विश्व स्तरीय पद्य संकलन ‘चन्द्रयान-3, विश्व कीर्तिमान’का विमोचन
रायपुर। विश्व स्तरीय पद्य संकलन ‘चन्द्रयान-3, विश्व कीर्तिमान’का विमोचन समारोह वृंदावन हॉल में रविवार को आयोजित किया गया। इस काव्य संकलन में छत्तीसगढ़ और देश- विदेश के 123 रचनाकारों ने अपनी कविताओं में चन्द्रयान 3 की सफलता पर अपनी काव्य रचनाएं प्रेषित की थी।
काव्य संकलन के विमोचन समारोह में अति विशिष्ट अतिथि के रुप में महंत रामसुन्दर दास पीठाधीश दूधाधारी मठ के साथ डा. उदयभान सिंह अध्यक्ष छत्तीसगढ़ स्वाभिमान मंच, रामेश्वर वैष्णव वरिष्ठ साहित्यकार, डा. स्नेहलता पाठक व्यंग्यकार, डा. सुशील त्रिवेदी पूर्व चुनाव आयुक्त, सोनल शर्मा प्रभारी गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स अतिथि के रूप में उपस्थित थे ।
इस मौके पर महाराष्ट्र मंडल रायपुर के पांच आजीवन सभासद सम्मानित किए गए। इन्हें संस्कृति विभाग, छत्तीसगढ़, छत्तीसगढ़ स्वाभिमान संस्थान, वैदिक प्रकाशन, चन्द्रयान 3 विश्व रिकार्ड होल्डर की ओर से सम्मानित किया गया है। इनमें आजीवन सदस्य डा.. जेएस उरकुरकर, सुश्री कुमुद लाड, डा. कमल वर्मा, मुकुन्द श्रीधर शिलेदार, ज्योति परमाले सम्मानित हुई।
बूढ़ापारा और कोटा केंद्र की महिलाओं ने किया राम रक्षा स्तोत्र और हनुमान चालीसा का पाठ
रायपुर। महाराष्ट्र मंडल की आध्यात्मिक समिति की ओर से शुरू किए गए राम रक्षा स्तोत्र और हनुमान चालीसा पाठ के साप्ताहिक कार्यक्रम का सिलसिला शनिवार, 22 जून को भी जारी रहा। बूढ़ापारा, कोटा, अवनी एवेन्यु दलदल सिवनी, वल्लभ नगर सहित अनेक केंद्रों की महिलाओं ने जारी रखा। इन केंद्रों की महिलाओं ने समीस्थ मंदिर पहुंचकर मंडल के सभासदों व श्रद्धालुओं के साथ राम रक्षा स्तोत्र और हनुमान चालीसा का कई बार पाठ किया।
आध्यात्मिक समिति की प्रमुख आस्था काले ने बताया कि मंडल द्वारा शुरू किया गया यह अभियान लगातार 25 सप्ताह से जारी है। राम रक्षा स्त्रोत बुध ऋषि कौशिक द्वारा रचित एक ऐसी रचना है, जिसमें राम की उपासना और भक्तों के संकट हरने की शक्ति है। कहते हैं कि जो व्यक्ति प्रतिदिन राम रक्षा स्त्रोतम् का पाठ करता रहता है, वह आने वाली कई विपत्तियों या दुर्घटनाओं से बच जाता है।
बूढ़ापारा स्थित हनुमान मंदिर में इस शनिवार भी राम रक्षा स्तोत्र और हनुमान चालीसा का पाठ किया गया।श्रद्धालुओं की उपस्थिति में वातावरण भक्तिमय हो गया। इस दौरान सुनीता साठे, हेमा पराडकर, रीता लोखंडे, पिंकी शर्मा, आस्था काले सहित समाज की अनेक महिलाओं के साथ अन्य भक्त भी मौजूद थे।
कोटा केंद्र की महिलाओं ने पीले रंग की साड़ी के ड्रेस कोड में समीपस्थ मंदिर में पहुंचकर राम रक्षा स्त्रोत और हनुमान चालीसा का पाठ किया। इस दौरान प्रीति यादव, वर्षा चोपकर, माधुरी इंगोले, कल्याणी इंगोले, प्राची देवाते, वंदना कलमेघ, वैशाली पुरोहित, शीना खरे, मोहिनी भिड़े प्रमुख रूप से उपस्थित थीं।
इधर अवनी एवेन्यू दलदल सिवनी परिसर में स्थित मंदिर में श्रद्धालु महिलाओं ने रेणुका पुराणिक के मार्गदर्शन में और वल्लभनगर केंद्र की महिलाओं ने विशाखा तोपखानेवाले, अपर्णा देशमुख, कंचन पुरसदकर के नेतृत्व में राम रक्षा स्त्रोत और हनुमान चालीसा का पाठ किया।
‘सगा पुतानी’ छत्तीसगढ़ी कविताओं की शानदार नाट्य प्रस्तुति 24 जून की शाम राजधानी रायपुर में
रायपुर। छत्तीसगढ़ी बोली और संस्कार पुरातन काल से इतने समृद्ध हैं, कि जिन लोगों ने उनका मान रखा, बुजुर्गों के दिए संस्कारों का पालन किया उनकी जिंदगी सफल हो गई। आज की युवा पीढ़ी कहीं न कहीं इन संस्कारों से और छत्तीसगढ़ी बोली से दूर होती जा रही है। ऐसे में छत्तीसगढ़ के युवा लेखक, कवि और साहित्यकार मिनेश कुमार साहू ने छत्तीसगढ़ के संस्कारों को छत्तीसगढ़ी कविता के माध्यम से पिरोया है। इस रचना को जन-जन तक पहुंचाने का बीड़ा रंगभूमि के रंग साधकों और महाराष्ट्र मंडल ने उठाया। बुजुर्गों के दिए इन संस्कारों की रचना ‘सगा पुतानी’ की शानदार नाट्य प्रस्तुति सोमवार, 24 जून को शाम 7.30 बजे वृंदावन हाल रायपुर में होगी।
युवा रंग साधक लोकेश साहू और नितीश यादव ने बताया कि हमारी छत्तीसगढ़ी संस्कृति और संस्कार हमें समृद्ध बनाते हैं। कवि मिनेश कुमार द्वारा रचित काव्य रचना की नाट्य प्रस्तुति में बुजुर्गों की बात.... महतारी के पीरा...., पीका झन फूटए कभू मन म अभिमान के... गरीब के पीरा और नशा पानी के गोठ कविता की जीवंत नाट्य प्रस्तुति रंग भूमि के कलाकार देंगे। जिसकी प्रस्तुति में रंगभूमि टीम की संगीता निषाद, सुषमा गायकवाड़, अन्नया निषाद, मानवी साहू, नीरज सिंह ठाकुर, जय प्रकाश साहू, लोकेश साहू, नितीश यादव, आकाश वरठी, चैतन्य मोड़क, नरेंद्र यादव, भूपेंद्र कुमार नजर आएंगे। वहीं संगीत में तिलक भोगल, अर्जुन दास मानिकपुरी, मोहन साहू, नारायण साहू और संत फरिकार साथ देंगे। कार्यक्रम का निर्देशन आचार्य रंजन मोड़क ने करेंगे।
संत ज्ञानेश्वर स्कूल के 9 बच्चों ने कराते में पास किया वाइट टू यलो बेस्ट टेस्ट
योग दिवस पर प्रशिक्षुकों ने किया योग शिक्षिका आस्था काले का सम्मान
तीन दिन की बातों को करें नोट डाउन, तीन महीने में नजर आएगा रिजल्टः काले
जीवन में अच्छे व्यवहार के लिए अच्छी सोच बेहद जरूरीः निमोणकर
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के लोकपाल बने डा. जेएस उरकुरकर
रायपुर। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग UGC की ओर से जारी दिशा निर्देशों का परिपाचन करते हुए इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में छात्रों की समस्याओं के निराकरण के लिए डा. जेएस उरकुरकर को लोकपाल नियुक्त कर दिया गया है। डा. उरकुरकर वरिष्ठ कृषि विज्ञानी और महाराष्ट्र मंडळ के आजीवन सभा सद है।
विश्वविद्यालय द्वारा जारी आदेश के अनुसार पूर्व संचालक अनुसंधान सेवाएं एवं सेवानिवृत्त प्राध्यापक डा. जेएस उरकुरकर को लोकफाल नियुक्त किया गया है। बतादें कि एक दिन पूर्व गुरुवार को यूजीसी ने कृषि विवि को लोकपाल की नियुक्ति नहीं किए जाने को लेकर डिफाल्टर घोषित किया है।
डा उरकुरकर को कृषि विवि का लोकपाल बनाए जाने पर महाराष्ट्र मंडळ के अध्यक्ष अजय काले, सचिव चेतन दंडवते, उपाध्यक्ष श्यामसुंदर खंगन सहित पूरी कार्यकारिणी ने शुभकामनाएं दी। मंडल अध्यक्ष काले ने कहा कि डा. जेएस उरकुरकर को लोकपाल बनाया जाना बेहद गर्व का विषय है। निःसंदेह वह लोकपाल की भूमिका का निर्वहन पूरी निष्ठा से करेंगे।
महाराष्ट्र मंडल बाल वाचनालय के लिए पुरंदर ने दिए दो लाख, सुप्रसिद्ध आर्किटेक्ट टीएम घाटे से वर्षों बाद मिलकर विधायक हुए आश्चर्यचकित
महाराष्ट्र मंडल में सूर्य और चंद्र नमस्कार की सुंदर प्रस्तुति, संत ज्ञानेश्वर स्कूल में भी मनाया गया योग दिवस
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