रायपुर | महाराष्ट्र मण्डल रायपुर के नेत्रदान देहदान प्रभारी विक्रम हिशीकर से चर्चा करते हुए उन्होंने बताया की वे विगत 10 वर्ष से इस कार्य को कर रहे है | वे अभी पोस्टल डिपार्टमेंट में कार्यरत है | आपने बताया कि दर्जनों शालाओं / कैम्पों में कार्यशाला / व्याख्यान के माध्यम से हजारों छात्र / व्यक्तियों तक नेत्रदान जागरूकता का सन्देश दिया जा चुका है | नेत्रहीनों की तकलीफ देख उनके लिए कुछ करने की इच्छा आपके मन में बहुत थी, अतः यह सर्वश्रेष्ठ उपाय था जिसमे आदमी अपनी जिंदगी जी लेने के बाद जाते जाते किसी की जिंदगी में रौशनी और रंग भर सकता है | अतः आपने नौकरी करने के साथ, यह समाज के हित में यह कार्य आपने महाराष्ट मंडल के साथ शुरुवात की | इनके विचार भी यही रहे है कि यह काम कोई भी कर सकता है, अमीर, गरीब, रंग ,भाषा का कोई भेद नहीं और सबसे बड़ी बात - इस कार्य को करने से अत्यंत आत्मिक ख़ुशी मिलती है कि हमारे प्रयास से किसी की जिंदगी में रंग भर गया | यही आत्मिक ख़ुशी आपको यह सामाजिक कार्य करने की प्रेरणा सतत देती रहती है |
नेत्रदान का मतलब है मृत्यु के बाद किसी को आंखों की रोशनी देना | यह एक तरह से आंखों का दान होता है, जिससे मृत्यु के बाद किसी दूसरे नेत्रहीन व्यक्ति को देखने में मदद मिलती है | जैसा लोग मानते हैं कि यह आंखों का ट्रांसप्लांट होता है, लेकिन ऐसा नहीं होता है | यह एक कोर्निया का दान होता है |
नेत्रदान हेतु आवश्यक जानकारी....
1. व्यक्ति की मृत्यु के पश्चात 6 से 8 घंटे तक आंखें जीवित रहती है क्यों ना हम हम हमारी आंखों को अंधे व्यक्ति को मरणोपरांत दान कर के इन आंखों को अमर बना दे |
2. नेत्रदान केवल मृत्यु उपरांत ही संभव है | नेत्र ना खरीदे जा सकते हैं ना ही बेचे जा सकते हैं यह दोनों गैरकानूनी हैं |
3. नेत्रदान से दो से चार जीवित नेत्रहिनो को दृष्टि मिल सकती है |
4. नेत्रदान किसी भी आयु लिंग या रक्त ग्रुप के व्यक्ति का हो सकता है |
5. जिनके मोतियाबिंद का ऑपरेशन हो चुका हो, नजर का चश्मा लगाते हो, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, सांस की बीमारी, यहां तक की क्षय रोग से पीड़ित लोग भी नेत्रदान कर सकते हैं |
6. नेत्रदान की प्रक्रिया मृत्यु के पश्चात 8 घंटे के पूर्व पूर्ण हो जानी चाहिए | इसके लिए मृतक को कहीं ले जाने की आवश्यकता नहीं होती है अपितु मात्र फोन करने पर नेत्र बैंक की टीम स्वयं ही मृतक के घर पहुंच जाती है |
7. आंख में से केवल बिंदी के आकार का कार्निया ही निकाला जाता है | नेत्रदान की प्रक्रिया अत्यंत सरल है जो मात्र 10 से 15 मिनट में पूरी हो जाती है | नेत्रदान में परिवार को कुछ भी खर्च वहन नहीं करना पड़ता है |
8. सावधान केवल एड्स, हेपेटाइटिस, रेबीज, सेप्टीसीमिया, खून का कैंसर, ज्योंडिस, सिफिलिस, टेटनस अथवा किसी संक्रामक रोग से ग्रस्त व्यक्ति नेत्रदान नहीं कर सकते हैं |
9. नेत्रदान प्रक्रिया के कारण अंतिम संस्कार में विलंब नहीं होता है |
10. नेत्रदान एक महादान के साथ-साथ गुप्त दान भी है क्योंकि दान देने वाले परिवार एवं लेने वाले परिवार को एक दूसरे की जानकारी नहीं दी जाती, पूर्ण गोपनीता बरती जाती है |
11. मृत्यु उपरांत एवं नेत्र बैंक टीम पहुंचने से पूर्व तक नेत्रदानी की आंखों पर गली रुई या गीला रुमाल रख देवें, पंखा बंद रखें, ताकि आंखें नहीं सुखे तथा सिर के नीचे छोटा तकिया रखें |
12. अपने क्षेत्र समाज संस्था कहीं भी नेत्रदान की जानकारी एवं नेत्रदान संकल्प पत्र भरने के लिए संपर्क करें |
13. उपरोक्त तत्वों की जानकारी देखकर नेत्रदानी के परिजनों को प्रेरित एवं परामर्श देकर आप भी इस महान अभियान में सक्रिय योगदान दे सकते हैं | अपने पड़ोस जानकारी में कहीं भी मृत्यु होने पर तुरंत 6 से 8 घंटे के भीतर सूचना देकर नेत्रदान के कार्य में सहभागिता दर्शाये | इस हेतु निम्नलिखित नंबर पर सूचित करें | विक्रम हिशीकर प्रभारी नेत्रदान देहदान महाराष्ट्र मण्डल रायपुर मो. नंबर 9300924194